वाराणसी, 12 सितम्बर 2022। ज्ञानवापी मस्जिद विवाद पर आए जिला कोर्ट के आदेश पर असदुद्दीन ओवैसी का बयान आया है। उन्होने वाराणसी कोर्ट के आदेश पर चिता जताते हुए कहा कि इस तरह के फैसले से 1991 के वर्शिप एक्ट का मतलब ही खत्म हो जाता है। ओवैसी बोले कि ज्ञानवापी मस्जिद का केस बाबरी मस्जिद के रास्ते पर जाता दिख रहा है और ऐसे तो देश मे 80-90 के दशक मे वापस चला जाएगा। ओवैसी ने यह भी कहा कि जिला कोर्ट के फैसले के खिलाफ मुस्लिम पक्ष को हाईकोर्ट मे अपील करनी चाहिए। ओवैसी ने सोमवार को कहा कि मस्जिद का प्रबधन देखने वाली इतजामिया कमेटी को हाई कोर्ट मे इस फैसले को तुरत चुनौती देनी चाहिए।
दस्तावेजो मे यह मस्जिद है-ओवैसी
एआईएमआईएम नेता ने कहा कि वक्फ बोर्ड के 1942 के गजट मे इसे मस्जिद और इसे वक्फ की संपत्ति बताया गया। ओवैसी ने कहा, ‘बाबरी मस्जिद पर जब फैसला आया तभी मैने कहा था कि आगे और दिक्कत होगी। 1991 का प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट मौजूद है फिर भी इस तरह का फैसला आता है। इस तरह के अदालती फैसलो से देश अस्थिर होगा।
कोर्ट बोला-सुनने लायक है हिदू पक्ष की दलील-
कोर्ट ने माना कि हिदू पक्ष की याचिका सुनने के लायक है। वही अदालत ने मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज कर दिया जिसमे उसकी दलील थी कि ज्ञानवापी पर 1991 का वर्शिप एक्ट लागू होता है। यानी ज्ञानवापी के स्वरूप से छेड़छाड़ नही की जा सकती है। कोर्ट ने इस दलील को खारिज कर दिया है। वाराणसी जिला अदालत के फैसले पर असदुद्दीन ओवैसी ने दी अपनी प्रतिक्रिया कोर्ट ने अपना फैसला हिदू पक्ष के हक मे दिया है, मुस्लिम पक्ष की अर्जी खारिज एआईएम नेता ने कहा है कि इतजामिया कमेटी को तुरत इस फैसले को चुनौती देनी चाहिए, ज्ञानवापी मस्जिद-श्रृगार गौरी मदिर मामले मे आया फैसला
कोर्ट ने हिदु पक्ष मे सुनाया फैसला, 22 सितबर को है अगली सुनवाई
ज्ञानवापी मस्जिद-श्रृगार गौरी मदिर मामले मे वाराणसी जिला कोर्ट का बड़ा फैसला आ गया है। जिला कोर्ट के जज अजय कृष्णा विश्वेश ने फैसला ने फैसला सुनाते हुए इस मामले को सुनवाई के लायक माना है। कोर्ट ने 22 सितबर को इस मामले की अगली सुनवाई करने की बात कही है। बता दे कि पिछले साल अगस्त मे 5 महिलाओ ने वाराणसी सिविल जज (सीनियर डिविजन) के सामने एक याचिका दायर की थी। इसमे उन्होने ज्ञानवापी मस्जिद के बगल मे बने श्रृगार गौरी मदिर मे रोजाना पूजन-दर्शन की अनुमति देने की माग की थी।
आज आए इस फैसले के बाद से अब वाराणसी के ज्ञानवापी
श्रृगार गौरी विवाद मे आगे सुनवाई जारी रहेगी। वाराणसी जिला कोर्ट ने कहा कि यह केस सुनने लायक है। विश्व वैदिक सतानत सघ के प्रमुख जितेद्र सिह बिसेन ने जानकारी दी है कि कोर्ट ने हिदू पक्ष की दलीले मानी है और मुस्लिम पक्ष की आपत्तीयो को खारिज कर दिया है। कोर्ट के फैसले के दौरान हिदू पक्ष के वकील हरिशकर जैन और विष्णु शकर जैन कोर्ट मे मौजूद थे। कुल 62 लोगो को कोर्ट रूम मे मौजूद रहने की इजाजत दी गई थी। हालाकि मुख्य याचिकाकर्ता राखी सिह कोर्ट मे मौजूद नही थी। बता दे कि ज्ञानवापी मस्जिद के कैपस मे मौजूद श्रृगार गौरी मदिर मे पूजा की अनुमति देने वाली याचिका पर 24 अगस्त को हिदू और मुस्लिम पक्ष की बहस पूरी हो गई थी। इसके बाद वाराणसी के जिला जज एके विश्वेश ने 12 सितबर यानी आज तक के लिए फैसला सुरक्षित रख लिया था।
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