रायपुर, 11 सितम्बर 2022। छत्तीसगढ़ की सियासत मे मसला बने नान घोटाले मे ईडी की दो याचिकओ पर सुनवाई सोमवार को होगी। इनमे पहली याचिका नान घोटाले मे आरोपी बनाए गए अनिल टूटेजा और आलोक शुक्ला को हाईकोर्ट से मिली अग्रिम ज़मानत को ख़ारिज करने के लिए लगाई गई है।जबकि दूसरी याचिका नाम केस के ट्रायल को ट्रासफर करने को लेकर है। अनिल टूटेजा और आलोक शुक्ला छत्तीसगढ़ मे बेहद प्रभावशाली अफ़सर माने जाते है, जबकि नान घोटाला हुआ तब अनिल टूटेजा और आलोक शुक्ला उसके शीर्ष पदाधिकारी थे, दोनो ही अधिकारी भूपेश सरकार मे और ज़्यादा प्रभावशाली है और इसीलिए इस सुनवाई पर सबकी नज़रे टिकी हुई है। आलोक शुक्ला रिटायर हो चुके है, लेकिन सविदा मे शिक्षा समेत महत्वपूर्ण विभागो के प्रमुख सचिव का पद सम्हाल रहे है, जबकि अनिल टूटेजा उद्योग विभाग का दायित्व सम्हाल रहे है।
क्या है मसला नागरिक आपूर्ति निगम राज्य के नागरिको को राशन वितरण का काम करती है। 12 फ़रवरी 2015 ACB/EOW ने करीब दो दर्जन से अधिक ठिकानो पर एक साथ छापा मारा और करोड़ो रुपये बरामद किए थे। छापे को लेकर ब्यौरा मे यह बताया गया कि राइस मिलो से घटिया चावल (अमानक) लिया गया और इसके एवज़ मे करोड़ो रुपये की आमद हुई।कथित रुप से गड़बड़ी परिवहन मे और नमक मे भी हुई।इस छापे मे कई अभिलेख भी जप्त किए गए जिसमे डायरी को लेकर खूब चर्चा रही और उस डायरी के कथित पन्ने मे लिखे कूट नाम ( साकेतिक नाम ) आज भी राजनीति मे आरोप के रुप मे खूब उछाले जाते है। इस मामले मे ACB/EOW ने 27 लोगो के खिलाफ अपराध दर्ज किया। जबकि यह छापा पड़ा तब आलोक शुक्ला नान के चेयरमेन और अनिल टूटेजा मैनेजिग डायरेक्टर थे।इस घोटाले मे ACB/EOW ने इन्हे बाद मे आरोपी बनाया। इस वक्त ये मामला रायपुर कोर्ट मे चल रहा है, और हालिया दिनो इसकी सुनवाई मे बेहद तेज़ी आई है।
डायरी का किस्सा क्या है
इस छापे के दौरान एक डायरी के कुछ पन्ने तब वायरल हुए जिसे लेकर काग्रेस के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल ने खूब सवाल किए और डायरी के पन्नो मे दर्ज कूट नामो को लेकर तत्कालीन मुख्यमत्री डॉ रमन सिह और उनके परिवार पर जमकर निशाना साधा। तब भूपेश बघेल ने ट्विट मे लिखा था, नान डायरी मे सीएम मैडम का नाम है, और डॉ साब का भी। हमने EOW मे मामला दर्ज करने अर्जी लगाई है, कानून अपना काम करेगा?
इसके पहले एक अन्य ट्विट मे भूपेश बघेल ने लिखा था
डॉ रमन सिह भ्रष्ट लोगो को बचाने मे लगे है, नान घोटाला 36 हज़ार करोड़ का है। इसमे मुख्यमत्री के रिश्तेदार, मत्री और अधिकारी शामिल है। इसी कथित डायरी और उसके पन्नो को लेकर काग्रेस आज भी बीजेपी पर हमला करती है। सीएम बघेल हो या कि काग्रेस सगठन वह इस मसले पर लगातार आक्रामक रहता है। ED कैसे इस मसले पर आई नान घोटाला जो कथित रुप से 36 हज़ार करोड़ का है, उसमे ईडी का प्रवेश हुआ जबकि ईडी ने 2019 मे मनी लाड्रिग का मामला दर्ज किया। भूपेश सरकार के कार्यकाल के दूसरे ही साल आयकर ने 27 फ़रवरी 2020 को छापा मारा।इन छापो मे आयकर विभाग को कथित रुप से करोड़ो के मनी लॉड्रिग के साक्ष्य मिले। कई डिजीटल अभिलेख भी इस दौरान जप्त हुए।आयकर विभाग की टीम ने इसे ईडी को सौप दिया और ईडी ने इस पर कार्यवाही शुरू की। आलोक शुक्ला और अनिल टूटेजा को लेकर यह चर्चा रही कि, उन्हे ईडी ने बयान पूछताछ के लिए तलब किया था। लेकिन इसी के साथ इन दोनो को ही हाईकोर्ट बिलासपुर से अग्रिम ज़मानत मिल गई। ईडी की सुप्रीम कोर्ट मे याचिका इस अग्रिम ज़मानत को निरस्त कराने को लेकर दायर है। ईडी ने एक अन्य याचिका मे नान मामले की सुनवाई अन्यत्र करने और सीबीआई जाच की माग की है। ईडी की ओर से अभिलेखो की इसलिए है चर्चा ईडी की ओर से इस मामले मे दायर याचिका के साथ कथित रुप से डिजिटल साक्ष्यो से प्राप्त इनस्कि्रप्ट मैसेज भी प्रस्तुत किए गए है। यह डिजिटल साक्ष्य ईडी को आयकर विभाग ने सौपे थे, जो कि आयकर को फ़रवरी 2020 मे छत्तीसगढ़ से बरामद हुए थे।इन अभिलेखो को लेकर यह रिपोर्ट है कि, यह सीलबद लिफ़ाफ़े मे सर्वोच्च अदालत को सौपे गए। इसी याचिका मे ईडी की ओर से पेश हलफ़नामा चर्चाओ मे है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस हलफ़नामे मे कहा गया है”इस ट्रासस्कि्रप्ट मैसेज से साफ़ है कि, नान घोटाले मे छत्तीसगढ़ की सत्ता का दुरुपयोग किया गया है। गवाहो को प्रभावित किया गया, साक्ष्यो से छेड़छाड की गई। इस पूरे केस को कमजोर किया गया है” खबरे है कि,इन डिजिटल साक्ष्यो मे राज्य के तत्कालीन EOW चीफ, विधि विभाग से जुड़े बेहद गभीर पद नाम के लोगो के चैट इस डिजिटल साक्ष्य मे उपलब्ध है।
रायपुर कोर्ट मे अब तक ये हुआ नान घोटाले के इस मामले मे 173 गवाहो का बयान हो चुका है। 22 अगस्त से रोज़ बयान हो रहे है। इस समय अभियोजन की ओर से अतिम गवाह सजय देवस्थले का बयान दर्ज हो रहा है। इस मामले की सुनवाई अतिम रुप से पूरी करने के लिए 5 मई 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने एक वर्ष का समय दिया है और इस निर्देश के साथ दिया है कि, अब यह समय नही बढ़ेगा। इस मामले मे स्नढ्ढक्र मे 29 लोगो का नाम था, लेकिन चालान 18 के खिलाफ ही पेश हुआ है। शेष को लेकर यह सूचना है कि, कुछ लोग सरकारी गवाह बने जबकि कुछ के खिलाफ चालान पेश नही हुआ। एक सूचना यह भी है कि, रायपुर कोर्ट मे चल रहे इस मामले को लेकर एक रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट भेजने के लिए इस ब्यौरा के साथ तैयार की गई है कि,केस अधिकतम तीन से चार महीनो मे समाप्त हो जायेगा, इसी रिपोर्ट मे यह ब्यौरा भी है कि अब तक इस केस मे कितनी गवाही हुई है और कितनी बची है।लेकिन इस रिपोर्ट को लेकर केवल चर्चाएँ है इसकी अधिकृत पुष्टि नही है।
चर्चाए इतनी लेकिन डेढ साल मे ईडी केस की सुनवाई नही हो पाई
इस बेहद हाईप्रोफाइल केस की चर्चाए लगातार होती रही। दिल्ली से प्रकाशित मीडिया मे खबरे आती रही कि, ईडी के द्वारा पेश सीलबद लिफाफे मे बेहद गभीर सवाद दर्ज है। जो सत्ता प्रतिष्ठान को ही सवालो के घेरे मे ले आता है। लेकिन यह भी सच है कि, जिस ईडी के इस केस को लेकर इतनी खबरे आती रही है,उस केस को एक बार फिर सुनवाई के स्तर पर आने मे डेढ बरस का समय लग गया है। यह डेढ बरस भी तब सही होगा जबकि कल इस केस की सुनवाई होगी। इसके पहले इस केस को लेकर महीनो के अतराल मे तारीखे जरूर सुनाई देती रही लेकिन सुनवाई नही हुई।
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