काग्रेस के विधि विभाग ने भेजा नोटिस कहा
मागे माफ़ी और विवादित बयान प्रमाणित करे
रायपुर, 10 सितम्बर 2022। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव के कथित बयान 20 अगस्त को समाचार पत्रो मे प्रकाशित हुआ था। जिसमे अरुण साव के हवाले से लिखा गया था”श्रीराम और श्रीकृष्ण निस्सदेह सबके है, लेकिन काग्रेस के वे कभी नही हो सकते। अरुण साव ने यह भी कहा था कि मुख्यमत्री को यह याद रखना चाहिए कि, उनकी पार्टी ने ऊपरी अदालत मे बक¸ायदा हलफनामा देकर श्रीराम को काल्पनिक बताया था। ये वही लोग है जिन्होने श्रीराम सेतु को तोड़ने का खाका तैयार कर लिया था। जिन्होने श्रीराम जन्मभूमि पर मस्जिद बनाने का वादा कर दिया था।” अब यही बयान बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के गले मे फासी हड्डी बन सकता है नोटिस मे अरुण साव को कहा गया है कि, उन्होने जो आरोप राम और कृष्ण का जि़क्र करते हुए काग्रेस पार्टी पर लगाए है उसे प्रमाणित करने वाले तथ्य प्रस्तुत करे या फिर लिखित मे माफ़ी माँगे। वरना काग्रेस धारा 195, 499, 500 के तहत एफआईआर पार्टी का विधि सेल दर्ज कराएगा। इस नोटिस को लेकर काग्रेस सचार विभाग ने दावा किया है कि, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव को यह नोटिस मिल चुकी है। तत्सबध मे बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष साव का पक्ष नही मिला। इस मामले मे बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव से सपर्क नही हो पाया है।
इन तीन सवालो के मागे साक्ष्य
1, काग्रेस ने सुको मे कब किस समय वह हलफ़नामा दिया जिसमे भगवान राम को काल्पनिक बताया गया?
2, काग्रेस ने श्रीराम सेतु तोड़ने का खाका तैयार कब तथा किस समय किया था?
3, काग्रेस ने श्रीराम जन्मभूमि पर मस्जिद बनाने का वादा कब और किस समय किया?
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