क्या एमसीबी का जिला चिकित्सालय चिरमिरी में बनेगा तो भरतपुर,जनकपुर के लोग पहुंचने में अपनी जान गवाएंगे?

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  • एमसीबी नवीन जिले का जिला चिकित्सालय चिरमिरी में स्थापित होना दूरस्थ क्षेत्रों के लिए सही नहीं।
  • भरतपुर एवं कई क्षेत्रों के लिए फिर बैकुंठपुर का जिला चिकित्सालय ही होगा उपयुक्त।
  • जिला चिकित्सालय कठौतिया या केल्हारी मार्ग पर स्थापित होने पर ही मिल सकेगा पूरे जिलेवासियों को लाभ।


-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर 10 सितम्बर 2022 (घटती-घटना)। बिना सोचे समझे किया हुआ काम समस्या पैदा करता है किसी ने सही कहा है, चाहे वह जिला बनाने की बात हो या फिर जिला चिकित्सालय बनाने की घोषणा। जिसने 40 साल संघर्ष किया वह भी अपने नाम से जिला नहीं बना पाए उसमें भी दो नाम अलग जुड़ गए। जिला कार्यालय में उस विधानसभा में ना होकर उसके पड़ोसी विधानसभा में बन गया। विसंगतियों को बिना दूर किए और सोचे समझे किया गया काम हमेशा ही गलत परिणाम दे जाता है, क्या इसका परिणाम 2023 में देखने को मिलेगा, जिला विभाजन के बाद पछतावा तो 1 व 2 नंबर विधायक दोनों को अब अंदर से हो रहा है पर यह दर्द दिखाएं तो दिखाएं कैसे। तीन नंबर विधायक को तो राजनीति आती ही नहीं जिस वजह से गड़बड़ी पर गड़बड़ी करती रहती हैं।
यदि नवीन जिले का जिला चिकित्सालय चिरमिरी में बनेगा तो जनकपुर भरतपुर वालों के लिए दूरियां और बढ़ेंगे ऐसे में क्या दूरस्थ अंचल क्षेत्र के लोग जिला अस्पताल पहुंचते-पहुंचते अपनी जान गवाएंगे? चिरमिरी में जनकपुर भरतपुर से बेहतर स्वास्थ सुविधाएं उपलब्ध है क्योंकि एसईसीएल के भी चिकित्सालय वहां मौजूद है मनेंद्रगढ़ में भी एसईसीएल के चिकित्सालय से लोगों को लाभ मिलता है पर जनकपुर भरतपुर वाले के लिए यह चिकित्सालय अत्यंत आवश्यक है इसके बावजूद जिला चिकित्सालय को चिरिमिरी में स्थापित करना कहीं न कहीं भरतपुर जनकपुर वालों के लिए बड़ी समस्या पैदा करेगा।
जिला मुख्यालय को लेकर भरतपुर सोनहत विधायक की अपनी रणनीति में सफल
कोरिया जिले से पृथक होकर नवीन स्थापित हुए एमसीबी जिले का जिला चिकित्सालय चिरमिरी में स्थापित होगा यह घोषणा मुख्यमंत्री की उपस्थिति में जिला मुख्यालय उदघाटन अवसर पर किया गया, एक तरफ जहां मुख्यमंत्री के आगमन एवम जिला मुख्यालय के उद्घाटन अवसर पर जहां मनेंद्रगढ़ वासियों के खुशियों का ठिकाना नहीं था, वहीं चिरमिरी नगरनिगम क्षेत्र की जनता ने उक्त दिवस को काला दिवस घोषित करते हुए जमकर विरोध प्रदर्शन किया और स्वेक्षा से जाकर गिरफ्तारी दी क्योंकि उनकी मांग थी चिरमिरी नगरनिगम क्षेत्र में जिला मुख्यालय स्थापित किया जाए, जिससे चिरमिरी से जारी पलायन रोका जा सके और चिरमिरी को उसका वाजिब हक़ मिल सके। वैसे जिले में सबसे ज्यादा राजस्व प्रदान करने वाले चिरमिरी नगरनिगम क्षेत्र की यह मांग जायज भी थी क्योंकि जिले का एकमात्र नगरनिगम वही है और वहां की मांग इस हिसाब से भी जायज है। चिरमिरी में जारी विरोध के बीच मनेंद्रगढ़ के समीप भरतपुर सोनहत विधानसभा क्षेत्र में जिला मुख्यालय का उद्घाटन हो गया और जिला मुख्यालय को लेकर भरतपुर सोनहत विधायक अपनी रणनीति में सफल भी हो गये।
डॉक्टर की तरफ से लॉलीपॉप है और इससे वह संतुष्ट नहीं होंगे
एक तरफ मनेंद्रगढ़ विधायक जिनकी जन्मभूमि चिरमिरी है चिरमिरी की जनता ने उनकी धर्मपत्नी को महापौर भी बनाया हुआ है वह थे जिनकी मंशा चिरमिरी के हित के लिए अडिग नहिं दिखी और दूसरी तरफ भरतपुर सोनहत विधायक थे जिन्होंने जैसा चाहा वैसा वह करवा लें गए और जिला मुख्यालय अपने विधानसभा में ले गए, यहाँ पर मनेंद्रगढ़ विधायक की राजनीतिक कुशलता फीकी भी नजर आई वैसे चिरमिरी वासियों का आक्रोश दबाने मंच से ही जिला चिकित्सालय चिरमिरी में स्थापित किये जाने की घोषणा हुई लेकिन चिरमिरी वासी खुश हैं ऐसा कहीं नजर नहीं आया क्योंकि वह भी समझ गए यह डॉक्टर की तरफ से लॉलीपॉप है और इससे वह संतुष्ट नहीं होंगे। वहीं जिला चिकित्सालय चिरमिरी में स्थापित किये जाने से नवीन जिले एमसीबी के अन्य दूरस्थ क्षेत्रों को कोई फायदा होगा यह नहीं दिखता क्योंकि जिले के भरतपुर एवम कोटडोल के लोगों को ऐसे में कोरिया जिले का ही जिला चिकित्सालय आपत्ति में सहूलियत एवम सीघ्र पहुंच वाला समझ मे आएगा एवम चिरमिरी असुविधा जनक ही नजर आएगा। कुल मिलाकर नवीन जिले में सभी को संतुष्ट कर पाना फिलहाल संभव नजर नहीं आता है।

जिला स्तरीय कार्यालयों को लेकर असमंजस की स्थिति
खड़गवां क्षेत्र भी पूरे जिला स्थापना एवम कार्यालय स्थापना में अपना हक ढूंढता नजर आ रहा है वहीं भरतपुर केल्हारी कोटडोल भी अपना वाजिब हक़ ढूंढ रहे हैं। सबसे ज्यादा कोई आक्रोशित है तो वह है चिरमिरी नगरनिगम क्षेत्र जो जिला मुख्यालय से कम में मानने को तैयार नहीं है और जिला बनाओ संघर्ष समिति का आंदोलन स्थगित किया गया है जो कभी भी प्रारंभ हो सकता है ऐसा संघर्ष समिति का कहना है। नवीन जिला और जिला मुख्यालय की लड़ाई में अभी कई जिला स्तरीय कार्यालयों को लेकर असमंजस की स्थिति निर्मित होगी और जिले के नाम मे शामिल चिरमिरी व भरतपुर को भी कुछ कार्यालय दिए जाने की मांग उठेगी यह भी बातें सामने आ रहीं हैं। अब देखने वाली बात है कि जिला चिकित्सालय की रेवड़ी से चिरमिरी वासी कितना खुश हो पाते हैं।


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