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सूरजपुर@मुख्यमंत्री के आदेश का हो रहा उल्लंघन

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बेखौफ होकर रेत माफिया कर रहे अपनी मनमानी जिम्मेदार अधिकारी मौन


-ओमकार पांडेय-
सूरजपुर 31 अगस्त 2022 (घटती-घटना)। प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के द्वारा रेत माफियाओं पर नकेल लगाने के आदेश के बावजूद सूरजपुर जिले के प्रतापपुर थाना क्षेत्र में खासकर भैंसा मुंडा इलाके के सतीपारा, केवरा, दवनकरा, शेमरकुर्द, खड़गावा,रेवटी मेंअवैध रेत का कारोबार धड़ल्ले से फल-फूल रहा है,, इस इलाके में लंबे समय से रेत माफिया सक्रिय हैं, लगातार शिकायत के बावजूद भी रेत माफियाओं पर कोई कार्यवाही ना करना खनिज विभाग पर सवालिया निशान खड़े करता है साथ ही जिले में रेत माफिया तमाम नियम और कानूनों को दरकिनार कर अवैध रेत का उत्खनन कर अन्य राज्यों में भेज रहे हैं यह रेत माफिया 24 घंटा पोकलेन जैसी भारी मशीनों से नदी का सीना चीर कर अवैध रेत निकाल उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में भेज रहे हैं स्थानीय लोगों की मानें तो यह अवैध उत्खनन पीपी के मॉडल पर चल रहा है,, पीपी मॉडल अर्थात पुलिस और पॉलिटिशियन, साथ ही इसमें खनिज विभाग की भी अहम भूमिका है सूरजपुर जिला पहले भी अवैध रेत खनन को लेकर सुर्खियों में रहा है, हालांकि बीच-बीच में पुलिस विभाग के द्वारा छुटपुट कार्रवाई जरूर की जाती है लेकिन यह रेत माफियाओं को रोकने के लिए नाकाफी साबित हो रहे हैं शासन और प्रशासन के अनदेखी की वजह से रेत माफियाओं के हौसले बुलंद हैं यही वजह है कि सूरजपुर जिले की सबसे बड़ी जीवनदायिनी नदी मान जाने वाली महान नदी का सीना चीर कर लगातार रेत माफिया नदी को बंजर करने में लगे हुए हैं जबकि प्रदेश के मुख्यमंत्री ने रेत घाट की सतत निगरानी और अवैध निकासी पर जिला कलेक्टर, एस पी और माइनिंग अधिकारी को सख्त निर्देशित किया है बावजूद इसके रेत माफिया 24 घंटे अंधाधुंध रेत खनन कर रहे है, वही माहानदी में बरसाती पानी के कम होते हीं पोकलेन द्वारा रेत का अवैध उत्खनन जोरों शोरों से चल रहा है, वही लगातार रेत के ओवरलोडिंग ट्रकों के चलने से सड़कों में बड़े पैमाने पर गड्ढे हो रहे हैं और आम जनता आए दिन हादसों का शिकार हो रहे हैं नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की नियमों की मानें तो 15 जून से 15 अक्टूबर खनन प्रक्रिया पर रोक लगाया जाता है क्योंकि यह समय छोटे-छोटे जीव जंतु व जैव प्रजनन काल का होता है जिस कारण खनन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाता है लेकिन रेत माफियाओं इन नियमों का कोई असर नहीं हो रहा है इनके लिए तो पैसा ही सबकुछ है चाहे वह किसी भी तरह से आए जहां एक ओर इस अवैध उत्खनन से पर्यावरण प्रभावित हो रहा है वहीं दूसरी ओर यह रेत माफिया सरकार को भी राजस्व का बड़ा नुकसान कर रहे हैं इन दिनों सूरजपुर के प्रतापपुर इलाके के भैंसा मुंडा के पास 24 घंटा अवैध उत्खनन जारी है आश्चर्य तो इस बात का है कि यह अंबिकापुर बनारस जोड़ने वाली मुख्य सड़क है, जिसमें सभी व्ही आई पी का आना जाना होता है बावजूद इसके इस अवैध कारोबार पर रोक नहीं लग पा रही है।


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