क्यों मूकदर्शक बना हुआ है परिवहन और यातायात विभाग
-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर,30 अगस्त 2022 (घटती-घटना)। सोमवार दोपहर जिला मुख्यालय में एक समाजसेवी की सक्रियता से नन्हे छोटे स्कूली बच्चों की जान बच गई, स्कूल बस का चालक बच्चो को लेकर उन्हे घर छोड़ने के लिए निकला था लेकिन उसने इतना शराब पी रखा था कि वह वाहन चलाने की स्थिति में नही था। शहर में विभागीय लापरवाही कहे या कि स्कूल प्रबंधनों की लालफिताषाही इससे ही शराबी प्रवृत्ति के चालकों के हौसले बुलंद है। जिस पर यदि समय रहते रोक नही लगा तो कोई गंभीर हादसा कभी भी हो सकता है। जिले का परिवहन विभाग लाईसेंस बनाने और यातायात विभाग भी सिर्फ और सिर्फ गरीब और कमजोर तबके के लोगों का चालान काटने तक सीमित तक रह गया है।
इस संबंध में प्राप्त जानकारी के अनुसार जिला मुख्यालय बैकुंठपुर के रामपुर में संचालित एक निजी स्कूल में शहर सहित आसपास के कई ग्रामीण व शहरी इलाकों से छात्र अध्ययन हेतु आते हैं इनमें से कई ऐसे छात्र हैं जो कि स्कूल प्रबंधन द्वारा हायर की गई बसों से अपने घरो से आना-जाना करते हैं। सुबह सभी छात्रों को स्कूल में छोड़कर बस चालक वहीं परिसर के आसपास ही आराम करते देखे जाते है। सोमवार दोपहर हुई इस घटना के बारे में शहर के समानता क्रांति समाज सेवी संस्था के अध्यक्ष अमिताभ गुप्ता ने बताया कि जब वे सोमवार दोपहर रामपुर से गुजर रहे थे तो उस दौरान उक्त स्कूल की बस में बच्चे चिल्ला रहे थे,तब उन्होने पास जाकर बच्चो से बात की तो बच्चो ने बताया कि चालक ने अत्यधिक शराब का सेवन किया है और बस को पलटाते पलटाते बचा दिया। तब वे स्वयं चालक तक गए तो पता चला कि वह शराब के नषे मे धुत्त है और ठीक ढंग से बात भी नही कर पा रहा है और गाड़ी चला रहा था। तब उन्होने कोतवाली पुलिस को इसकी खबर दी जिस पर चालक ने पुलिस को आते देख भागने का प्रयास किया लेकिन उसे दौड़ाकर पकड़ लिया गया। संस्था के अध्यक्ष अमिताभ गुप्ता ने बताया कि यदि वे बच्चो की आवाज को अनसुना कर चल देते और चालक बस लेकर निकल गया होता तो आज कोई बड़ी घटना घट सकती थी। उन्होने इस घटना के लिए स्कूल प्रबंधन को भी जिम्मेदार माना और कहा कि सभी स्कूल प्रबंधन लापरवाही कर रहे हैं बच्चो की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है न तो स्कूल प्रबंधन और न ही संबंधित विभाग कभी ऐसे वाहन चालको की जांच पड़ताल करता है और न ही उन पर नजर रखी जाती है। आज उस स्कूल बस में कई बच्चे सवार थे जिनकी जान से खिलवाड़ किया जा रहा था लेकिन समाजसेवी अमिताभ गुप्ता की सक्रियता से कोई अनहोनी नही हुई। इसके लिए लोगो ने खुले दिल से समाजसेवी की तारिफ की है। ज्ञात हो कि समाजसेवी अमिताभ गुप्ता अपनी समिति के माध्यम से गरीब तबके के लोगो को ठंड में गर्म कपड़े उपलब्ध कराने से लेकर,कोरोना काल में भी अनेक उल्लेखनीय कार्य किया है जिसकी हर लोग मुक्त कंठ से प्रषंसा करते है।
क्या करता है यातायात और परिवहन विभाग
जिला मुख्यालय में कहने को तो यातायात और परिवहन विभाग का कार्यालय भारी स्टाफ के साथ काम कर रहा है लेकिन विभाग क्या काम कर रहा है यह सभी को मालूल है। देखा जाए तो इसमें से यातायात विभाग का अमला आए दिन कहीं न कहीं वाहन चेकिंग के नाम पर गरीब और कमजोर तबके के लोगों का चालान काट कर अपनी जिम्मेदारी पूरी कर लेता है। जबकि परिवहन विभाग की जिम्मेदारी यह है कि वह समय समय पर अनफिट यात्री वाहनों की भी जांच पड़ताल करे। स्कूली बसों के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जो मापदंड तय किये गये है उस मापदंड के आधार पर बसों का संचालन हो रहा है या नही। उन बसों के चालक भी पूरा मापदंड रखते हैं या नही या कि वे शराब के नषे में तो वाहन नही चला रहे हैं इन सभी चीजो को जांचने परखने और कार्यवाही करने का पूरा अधिकार परिवहन और यातायात विभाग को है लेकिन कभी यह देखने सुनने को नही मिला कि विभाग द्वारा इस प्रकार की कोई कार्यवाही की गई हो। और तो और जिले का परिवहन विभाग भी सिर्फ और सिर्फ लाईसेंस बनाने और उनका नवीनीकरण करने तक सीमित रह गया है। सबसे दिलचस्प पहलू तो यह है कि सोमवार को जिस स्कूल बस के चालक द्वारा यह घटना घटित की गई उस स्कूल की दूरी जिला परिवहन कार्यालय से मात्र 300 फिट ही होगा। यदि वाहन चालक शराब के नषे में यदि वाहन चला रहा है तो इसकी भी मषीन द्वारा समय-समय पर जांच की जानी चाहिए लेकिन इस प्रकार की कार्यवाही कभी यहां नही होती है जिससे कि शराबी किस्म के वाहन चालक इस प्रकार की घटना को अंजाम देने पर ऊतारू हैं।