नई दिल्ली, 27 अगस्त 2022। न्यायाधीश उदय उमेश ललित ने आज भारत के 49वे प्रधान न्यायाधीश के रूप मे शपथ ग्रहण की। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन मे आयोजित सक्षिप्त समारोह मे न्यायमूर्ति ललित को शपथ दिलाई। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमत्री नरेद्र मोदी और कई केद्रीय मत्री इस समारोह मे शामिल हुए। न्यायमूर्ति ललित से पहले प्रधान न्यायाशीध के रूप मे सेवाए देने वाले न्यायमूर्ति एन वी रमण भी इस मौके पर मौजूद थे।
मुख्य न्यायाधीश उदय उमेश ललित का जन्म 9 नवबर, 1957 को महाराष्ट्र के सोलापुर मे हुआ था । वह जून 1983 मे महाराष्ट्र और गोवा बार काउसिल मे वकील के रूप मे नामाकित हुए थे. इसके बाद जनवरी 1986 मे उन्होने दिल्ली आने से पहले दिसबर 1985 तक बॉम्बे हाईकोर्ट मे प्रैक्टिस की थी।
क्राइम लॉ मे है एक्सपर्ट
चीफ जस्टिस ललित क्रिमिनल लॉ मे एक्सपर्ट है. लगातार दो कार्यकाल तक वह सुप्रीम कोर्ट की कानूनी सेवा समिति के सदस्य भी रह चुके है। जस्टिस ललित भारत के इतिहास मे ऐसे दूसरे चीफ जस्टिस है जो सुप्रीम कोर्ट का जज बनने से पहले किसी हाई कोर्ट मे जज नही रहे। वह सीधे वकील से इस पद पर पहुचे है ।
सुना चुके है कई महत्वपूर्ण फैसले
भारत के नए चीफ जस्टिस ललित ने सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप मे कई महत्वपूर्ण फैसले सुनाए है. इनमे सबसे ज्यादा अहम तीन तलाक, केरल मे पद्मनाभस्वामी मदिर पर त्रावणकोर शाही परिवार का दावा और पॉक्सो से जुड़े कानून पर उन्होने फैसले लिए।
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