कोरबा@डीएमएफ की राशि से कटघोरा के 46 पंचायतों के लिए डेढ़ढ़ लाख की मेट को 4.80 लाख में खरीदा गया,जिम्मेदार मौन

Share


-राजा मुखर्जी-
कोरबा, 25 अगस्त 2022 (घटती-घटना)।आदिवासी बाहुल्य कोरबा जिले में जिला खनिज संस्थान न्यास( डीएमएफटी) को प्राप्त राजस्व का बंदरबाट करने का दौर थम नहीं रहा। बिना पंचायत प्रस्ताव के करोड़ों रुपए की लागत से जनपद पंचायत कटघोरा के 46 ग्राम पंचायतों के लिए कबड्डी मेट की खरीदी कर फ़ंड का अपव्वय करने का मामला आया सामने । मामले में जिला प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारी साध ली चुप्पी ढ्ढ जिला खनिज संस्थान न्यास मद को रेवड़ी की तरह बांटकर कमीशनखोरी का खेल कोरबा में चल रहा। करोड़ों की खरीदी में जमकर मनमानी किया गया है। जनपद पंचायत कटघोरा के ग्राम पंचायतों को 4 महीने पहले कबड्डी मेट की सप्लाई डीएमएफ से हुई है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि , ग्राम पंचायतों ने कभी भी कबड्डी मेट का प्रस्ताव नहीं दिया, न ही जनपद पंचायत ने कभी भी जरूरत बताई जिस से खरीदा जा सके। बिना किसी प्रस्ताव के खनिज न्यास मद से करोड़ों की कबड्डी मेट खरीदी कर दी गई। मजे की बात यह रही के ,ग्राम पंचायतों को तब पता चला, जब सप्लायर समान पहुंचाने आया तब यह देख सरपंच-सचिव भी हतप्रभ रह गए। माना जा सकता है के उच्चाधिकारियों का दबाव था इसलिए बिना किसी सवाल के सरपंच-सचिवों ने इसे रख लिया होगढ्ढ। जिला खनिज न्यास मद के अधिकारी अब मामले को टालने के लिए दावा यह कर रहे के राजीव मितान क्लब के लिए ग्राम पंचायतों के लिए खरीदी की जा रही है, ताकि आने वाले दिनों में खेल को बढ़ावा मिल सके। अब सवाल यह उठता है कि, अब तक जिले में एक भी क्लब का गठन नहीं हुआ है, बिना क्लब के अनुमोदन के आखिर लाखों की सामग्री ग्राम पंचायतों को क्यों दी जा रही है। यहाँ यह सवाल इसलिए भी उठना लाजिमी है क्योंकि ,राजीव मितान क्लब किसी भी खेल सामग्री की मांग कर सकता है,पर जरूरी नहीं कि राजीव मितान क्लब कबड्डी के लिए वह मांग करे। इधर सरपंचों को पता ही नहीं है कि, इस कबड्डी मेट का करना क्या है। ग्राम पंचायतों को एक कागज में हस्ताक्षर कर सप्लाई कर दी गई । अब सरपंच जनपद पंचायत से पूछ रहे हैं कि किस तरह से इस कबड्डी मेट का उपयोग करना है, नहीं जानकारी के स्थिति में चटाई की तरह ग्राम पंचायत इसका उपयोग कर रहे हैं। हाल ही में पूर्व गृहमंत्री रामपुर विधायक ननकीराम कंवर ने डीएमएफ में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर प्रशासन को घेरा था। उन्होंने नोडल अधिकारी पर 15 प्रतिशत कमीशन लेने का आरोप भी लगाया था। जिसकी वजह से पंचायत में डीएमएफ के कार्यों में गुणवत्ता नहीं आ रही, बावजूद प्रशासन ने कोई संज्ञान नही लिया। जिले के कलेक्टर साफ सुथरी छवि के हैं, उन्हें चाहिए कि डीएमफ के इन कार्यों की विशेष टीम गठित कर जांच कराएं जिससे जिले की शासकीय धन की अपव्यय पर रोक लग सके एवं जिले की छवि भी बेहतर बने रहे।


Share

Check Also

रायपुर,@ निगम-मंडल और स्वशासी संस्थाओं को मिलने वाली अतिरिक्त सुविधाओं पर लगी रोक

Share @ वित्त विभाग ने जारी किया आदेश…रायपुर,26 अक्टूबर 2024 (ए)। वित्त विभाग ने तमाम …

Leave a Reply