बिलासपुर, २3 अगस्त 2022। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित डामर घोटाले के मामले मे पीडबल्यूडी के 4 अधिकारियो और कसल्टेसी कपनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया जायेगा। इस घोटाले को लेकर दोबारा दायर जनहित याचिका पर शासन की ओर से हाईकोर्ट मे बताया गया है कि सबधितो के खिलाफ जल्द एफआईआर दर्ज की जाएगी, शासन ने इसकी अनुमति दे दी है। याचिका निराकृत करते हुए कोर्ट ने कहा है कि यदि याचिकाकर्ता शासन की कार्रवाई से सतुष्ट नही होता है तो उसे दोबारा अदालत आने की छूट है।
बता दे कि वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष वीरेन्द्र पाडे ने सन् 2014 मे डामर घोटाले के लिए जिम्मेदार अधिकारियो व अन्य लोगो के खिलाफ कार्रवाई की माग को लेकर जनहित याचिका दायर की थी। इसमे कहा गया था कि राज्य सरकार ने एशियन डेवलपमेट बैक से 1200 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था, जिसमे 17 सड़को के निर्माण मे करीब 200 करोड़ रुपये अधिक का घोटाला किया गया है।
इस याचिका मे दस्तावेजो के साथ जानकारी दी गई थी कि एक ही बिल लगाकर कई सड़को के निर्माण के लिए डामर खरीदी और निर्माण कार्य दर्शा दिया गया था। अधिकारियो व ठेकेदारो की मिलीभगत से इसमे भ्रष्टाचार हुआ। सन् 2019 मे इस याचिका को शासन के लिखित आश्वासन के बाद निराकृत कर दिया गया था।
समिति से कराई गई जाच
शासन के निर्देश पर एसीबी ने तीन अधिकारियो की एक समिति बनाई जिसे एक माह के भीतर घोटाले की जाच करके रिपोर्ट देनी थी। पर यह रिपोर्ट बहुत विलब से तैयार हुई। पीडल्यूडी ने मार्च 2022 मे जाच प्रतिवेदन के साथ पत्र लिखकर एसीबी से कहा कि बेमेतरा से मुगेली तक की बनाई गई 17 सड़को मे तत्कालीन परियोजना अधिकारी एससी त्रिवेदी, आरवाय सिद्दीकी, जे एम लुलु, कार्यपालन अधिकारी एन के जयत तथा कसल्टेसी फर्म रेनारडेट एसए घोटाले के जिम्मेदार पाए गए है, इन पर कार्रवाई की जाए।
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