जनकपुर @विलुप्त होते औषधियों से भरपूर धार्मिक महत्त्व वाले वृक्षों को बढ़ाने कोरिया वनमण्डल बखूबी कर रहा कार्य

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ईस्नु प्रसाद यादव
जनकपुर ,22 अगस्त 2022 (घटती-घटना)।कोरिया धरती की संवहनीयता को बनाए रखने में पेड़ों के महत्व को लेकर काफी जागरुकता के बाद भी इनकी विविधता, वितरण और संरक्षण की स्थिति को लेकर लंबे समय से हैरान कर देने वाली दूरी बनी हुई है।ऐसे में कोरिया वनमण्डल द्वारा मौजूदा स्थिति में तेजी से विलुप्त हो रहे पेड़ों को संरक्षित करने जो मानव जीवन मे उपयोग आने वाले औषधीय पेडों की संख्या बढ़ाने लगातार प्रयास किया जा रहा है।
गौरतलब है कि कोरिया जिले में औषधि व इमारती पेड़ो की नौ प्रजातियों के वृक्ष जो विलुप्त होने के कगार पर है उनके पौधे तैयार कर उन्हें अलग-अलग स्थानों में लगाया जा रहा है।विलुप्त हो रहे पेड़ो में जिनका औषधि के तौर में प्रयोग होता है उसमें प्रमुख रूप से दहिमन, आंवला,हर्रा-बहेरा, वही ईमारती पेड़ो में शीशम, बीजा,हल्दू, इसके अलावा बेहद कीमती पेड़ चंदन जिसका धार्मिक महत्व भी है,प्राचीन काल से ही चन्दन का वृक्ष औषधीय उपयोग होता रहा है. सौंदर्य प्रसाधन की दृष्टि से भी चंदन बेजोड़ है जिसका पौधा तैयार कर उसे रोपित किया जा रहा है।यही नही वर्तमान समय मे मानव जीवन मे अति महत्वपूर्ण वृक्ष जिसका पुराने आयुर्वेदिक ग्रंथों सहित पूजन व हवनादि के उपयोग में आने वाला पीपल का वृक्ष जिसे बहुतायत संख्या में तैयार किया जा रहा है।सड़कों पर आते-जाते अक्सर हम कई पेड़ देखते हैं। ये पेड़ हमें ऑक्सीजन और छांव देते हैं। इन्हीं पेड़ों में से एक है बरगद का पेड़।वैसे तो हर पेड़ का अपना एक अलग महत्त्व है, लेकिन यह पेड़ कुछ अलग है। वजह यह है कि यह पेड़ लंबे समय तक टिका रहता है। सूखा और पतझड़ आने पर भी यह हरा-भरा बना रहता है और सदैव बढ़ता रहता है। यही कारण है कि इसे राष्ट्रीय वृक्ष का दर्जा प्राप्त है,ऐसे पौधे भी तैयार किये जाने उपरांत रोपण करने का कार्य किया जाएगा।
मानव जीवन और पर्यावरण मे पेड़ोधों का महत्व
धरती पर मौजूद सभी रचनाओं में पेड़ सबसे सुंदर और परिचित हैं। इनसे धरती की पहचान है। यहां मौजूद पेड़ों की करीब 60 हजार विविध प्रजातियां पृथ्वी के बायोमास का सबसे बड़ा हिस्सा हैं। ये पृथ्वी के वन आवरण के वितरण, संयोजन और संरचना को नियंत्रित करने के अलावा पारिस्थितिकी सेवाएं भी मुहैया कराते हैं। पृथ्वी की जैव विविधता के विकास के साथ-साथ पेड़, जीवों व वनस्पतियों को आवास उपलब्ध कराने और भोजन, ईंधन, लकड़ी, औषधीय उत्पादों व अन्य चीजों के जरिए जीवन व आजीविका को बनाए रखने में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
बता दें कि कोरिया वनमण्डल के वनमंडलाधिकारी इमेतेमसु आओ के दूरगामी सोच और मार्गदर्शन में उप वनमंडलाधिकारी(साउथ) अखिलेश मिश्रा एवं उप वनमंडलाधिकारी(नॉर्थ) श्रीमती जेनिग्रेस कुजूर के सफल प्रयासों से विलुप्त होते इन पौधों को संरक्षित करने हर सम्भव प्रयास जारी है। नतीजन आज इन पेड़ों की बड़ी संख्या में पौधे तैयार कर उन्हें अलग अलग स्थानों में लगाने कोरिया वनमण्डल सफल नजर आ रहा है।


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