बैकुण्ठपुर/खड़गवां 18 अक्टूबर (घटती-घटना)। छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले के भाजपा चिरिमिरी मण्डल के भाजपा नेताओं ने भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष व मनेंद्रगढ़ विधानसभा के पूर्व विधायक श्याम बिहारी जायसवाल की अगुवाई में मुख्य महाप्रबंधक एसईसीएल चिरिमिरी क्षेत्र के माध्यम से भारत के कोयला मंत्री को पत्र लिखकर मांग की है कि चिरिमिरी क्षेत्र में एसईसीएल द्वारा संचालित कोयला खदानों के कोयले का सही तरीके से दोहन किया जाए वहीं नई कोयला खदानों का सर्वे कार्य कराकर नई खदानें खोली जाएं, कोयला मंत्री को प्रेषित पत्र में यह मांग की गई है कि एसईसीएल बिलासपुर मुख्यालय अंतर्गत आने वाले चिरिमिरी क्षेत्र में कोयला प्रचुर मात्रा में है, लेकिन उसके सही तरीके से दोहन को लेकर बेहतर व्यवस्था नहीं है, वहीं इसकी वजह से चिरिमिरी क्षेत्र में कई कोयला खदानें बंद होने की कगार पर हैं,वहीं प्रेषित पत्र में यह भी मांग की गई है कि मिल रही जानकारी अनुसार आने वाले 30 से 40 सालों तक खदानें संचालित होने की जानकारी मिल रही है जबकि दोहन सही तरीके से किया जाए, वहीं पत्र में यह भी लिखा गया है कि यदि खदानें बंद की जाती हैं सही दोहन के आभाव में तो क्षेत्र व राष्ट्रहित के लिए यह गलत होगा। वेस्ट चिरिमिरी कालरी में पूर्व के मुख्य महाप्रबंधक व अन्य अधिकारियों द्वारा सिम नम्बर 4 व 5 में खुली खदान के माध्यम से कोयला निकालकर सिम नम्बर 5 से लगभग 30 साल चलने वाली अंडर ग्राउंड खदान की कार्य योजना बनाई गई थी लेकिन सिम नम्बर 4 में कार्य के दौरान ठेकेदार के द्वारा काम छोड़ देने के बाद चिरिमिरी एरिया के मुख्य महाप्रबंधक व अन्य अधिकारियों द्वारा साजिश के तहत वेस्ट चिरिमिरी कालरी को बंद करने के प्रयास किया जा रहा है यह आम चर्चा है, चिरिमिरी क्षेत्र के एनसीपीएच कालरी अंडर ग्राउंड खदानों में प्रचुर मात्रा में कोल भण्डार होने के बावजूद गलत खनन की वजह से खदान को बन्द करने का प्रयास किया गया है जबकि यह खदान यदि बेहतर सुविधाएं मील सके तो 25 साल तक चल सकने वाली खदानें होंगी। वहीं कुरासिया कोयला खदान में खुली खदान व भूमिगत खदानों में कोयले की प्रचुर मात्रा होने के बावजूद उसे बंद कर दिया गया।
भूमिगत खदानों में जल भराव की वजह से भी निकासी के अभाव में खदानें बंद करने की कोशिश की जा रही है जबकि पानी निकासी की व्यवस्था कर खदान जारी रखी जा सकती हैं,इन खदानों का भी बेहतर दोहन किया जाए तो 20 वर्ष तक यह खदानें चल सकती हैं, वहीं पत्र में यह भी लिखा गया है कि चिरिमिरी क्षेत्र में खुली खदानों के दोहन से भी कई दशक तक चिरिमिरी मे कोयले का उत्पादन हो सकता है। डोमनहिल सहित कई पुरानी खदानों में कई वर्षों के लिए कोयला उत्पादन किया जा सकता है यह भी जानकारी इक्कट्ठा कर पत्र में लिखा गया है,वहीं लक्ष्मण झरिया,भण्डारदेई भूकभुकी नवीन कोयला खदानों के संचालन के लिए भी केंद्रीय वन मंत्रालय व भारत सरकार के राजपत्र में स्वीकृति मिलने की जानकारी मिल रही है और इन खदानों को भी जल्द चालू करते हुए उत्पादन आरंभ करने की जरूरत है। वहीं पत्र में कोयला मंत्री से मांग की गई है कि चिरिमिरी शहर जो अब अपने रहवासियों जो कोयले के उत्पादन या उत्पादन में रत कर्मवीरों के आधार पर यहां निवासरत थे का पलायन शहर से हो रहा है और यह पलायन तभी रुक सकेगा जब खदानें चालू होंगी और रोजगार उपलब्ध होगा। वही 5 दिनों के भीतर एसईसीएल चिरिमिरी क्षेत्र द्वारा चिरिमिरी को कैसे स्थायित्व प्रदान किया जाए, पुरानी व नवीन खदानों के संचालन को लेकर कार्ययोजना बनाकर अवगत कराने की बात ज्ञापन सौंपने वाले भाजपा नेताओं से कही गई है। वहीं 22 अक्टूबर तक यदि कार्ययोजना पर अमल नहीं किया जाता है तो सांकेतिक धरने की भी बात नेताओं ने की है। इस अवसर पर भाजपा मण्डल अध्यक्ष रघुनंदन यादव, पूर्व नगर निगम सभापति कीर्ति वासो, नेता प्रतिपक्ष संतोष कुमार सिंह, महिला मोर्चा मण्डल अध्यक्ष रानी गुप्ता, पूरन जायसवाल, उपेंद्र सिंह, तेज नारायण सिंह, मनोज डे उपस्थित रहे।
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