नई दिल्ली, 20 अगस्त 2022। आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता एव राज्यसभा सदस्य सजय सिह ने उपमुख्यमत्री मनीष सिसोदिया के घर सीबीआई की छापेमारी पर कहा कि मोदी सरकार, केजरीवाल के शिक्षा और स्वास्थ्य मॉडल को बदनाम कर अरविद केजरीवाल की देशभर मे बढ़ती लोकप्रियता को रोकना चाहती है। दरअसल, मुद्दा शराब नीति नही है। मुद्दा यह है कि दिल्ली और पजाब जीतने के बाद अरविद केजरीवाल गुजरात कैसे पहुच गए और दिल्ली की तरह वहा भी फ्री बिजली, शिक्षा और स्वास्थ्य की सुविधा देने की कैसे बात कर रहे है? अगर मुद्दा शराब नीति होती, तो सीबीआई का सबसे बड़ा छापा गुजरात मे पडऩा चाहिए था, जहा 10 हजार करोड़ रुपए की नकली शराब का धधा होता है। मोदी सरकार ने अरविद केजरीवाल के शिक्षा और स्वास्थ्य मॉडल को बदनाम करने के लिए पहले स्वास्थ्य मत्री को जेल मे डाला और अब शिक्षा मत्री को जेल मे डालने की तैयारी है। उन्होने कहा कि सीबीआई और ईडी के छापे से अरविद केजरीवाल का भारत को दुनिया का नबर देश बनाने का मिशन नही रूकने वाला है। मोदी जी ने यह लड़ाई छेड़कर तय कर दिया है कि 2024 की लड़ाई मोदी बनाम केजरीवाल होगी। केजरीवाल अब रूकेगे नही और न तो उनका शिक्षा और स्वास्थ्य का मॉडल रूकेगा। मोदी सरकार ने पहले भी ऐसे बहुत सारे प्रयास किए, लेकिन हताशा हाथ लगी। हम लोग लड़ेगे और सच्चाई के साथ खड़े रहेगे। सजय सिह ने पार्टी मुख्यालय मे प्रेस वार्ता को सबोधित करते हुए कहा कि बहुत बड़ा प्रचार किया गया कि सीबीआई का बहुत बड़ा छापा पड़ गया है। इतने बड़े छापे के बाद सीबीआई और मोदी जी की सरकार अब तक कुछ नही बता पाई कि छापे मे क्या निकला। इन छापो मे सीबीआई को क्या मिला? सीबीआई को कहा से करोड़ रुपए की बरामदगी हुई और कहा से सोना मिल गया। कुछ उनको पता नही चल पाया। दूसरी बात, एक्साइज पॉलिसी को लेकर एक-एक चीज पर साफ तश्वीर रखी गई कि पॉलिसी मे दूर-दूर तक कही कोई हेराफेरी नही की गई है। लेकिन भाजपा के लोग वही रटा-रटाया बयान बार-बार बोल रहे है। दरअसल, मुद्दा शराब नही है। मुद्दा अगर शराब नीति होती तो सबसे बड़ा छापा तो गुजरात मे पडऩा चाहिए था, जहा जहरीली शराब से 100 से ज्यादा लोग मर गए। जहा 10 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा नकली शराब का धधा होता है। सीबीआई और ईडी का वहा छापा पडऩा चाहिए था। दअसल, मुद्दा अरविद केजरीवाल की देश भर मे बढ़ती लोकप्रियता है। मुद्दा है कि दिल्ली जीते, पजाब जीते और अब गुजरात कैसे पहुच गए? मुद्दा यह है कि केजरीवाल जो बात दिल्ली मे कहते है और करके दिखाते है, वही योजनाए गुजरात मे ऐलान कर रहे है। मुद्दा यह है कि अरविद केजरीवाल दिल्ली की तरह फ्री बिजली, शिक्षा और स्वास्थ्य की व्यवस्था गुजरात मे कैसे देने की बात कर रहे है। इसी वजह से अरविद केजरीवाल के दोनो लोकप्रिय मॉडल शिक्षा और स्वास्थ्य को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है।
अरविद केजरीवाल के शिक्षा और स्वास्थ्य मॉडल को बदनाम करने के लिए पहले स्वास्थ्य मत्री को जेल मे डाले और अब शिक्षा मत्री को जेल मे डालने की तैयारी है।सजय सिह ने कहा कि कल भाजपा के सारे नेता हैरान थे कि न्यूयॉर्क टाइम्स मे केजरीवाल का शिक्षा मॉडल कैसे छप गया? न्यूयॉर्क टाइम्स मे मनीष सिसोदिया की शिक्षा क्राति कैसे छप गई। कैसे मनीष सिसोदिया की तश्वीर छप गया। न्यूयॉर्क टाइम्स को तो छापना ही नही चाहिए था। भाजपा वाले मीडिया मे कह रहे थे कि न्यूयॉर्क टाइम्स तो भारत के खिलाफ खबरे लिखता है। उन्होने न्यूयॉर्क टाइम्स की एक खबर का जिक्र करते हुए कहा कि इस खबर मे लिखा है कि नरेद्र मोदी राइज इन इडिया। यह खबर 2013 मे छपी थी। 2019 मे इसी न्यूयॉर्क टाइम्स मे हमारे देश के प्रधानमत्री आर्टिकल लिखते है और उनकी आईटी सेल की आर्मी पीएम की एक फर्जी खबर चलाई थी कि न्यूयॉर्क टाइम्स नरेद्र मोदी जी की तरीफ कर रहा है। इसके बाद न्यूयॉर्क टाइम्स ने खडन छापा था कि हमने नरेद्र मोदी जी के बारे मे ऐसा कुछ नही छापा, जैसा उनकी आईटी सेल की फौज चला रही है। सजय सिह ने पीएम नरेद्र मोदी से कहा कि आप के बारे मे न्यूयॉर्क टाइम्स अगर खबर न लिखे, तो आप अखबार मे फोटो एडिट करके एक फर्जी खबर बनवा कर अपने ट्रोल आर्मी से चलवाते है और कहा जाता है कि देखिए मोदी जी की लोकप्रियता कितनी बढ़ गई है। केजरीवाल के शिक्षा मॉडल की न्यूयॉर्क टाइम्स मे जब चर्चा होती है और मनीष सिसोदिया की असली तश्वीर छपती है, तो भाजपा के लोग उसको मानने के लिए तैयार नही है। इतनी नफरत क्यो है? मै भाजपा वालो से पूछना चाहता हू कि दिल्ली के बच्चो, शिक्षको और दिल्ली की शिक्षा से भाजपा वालो को इतनी नफरत क्यो है?
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