मुबई, 13 अगस्त 2022। अरब सागर मे प्रदूषको के प्रवाहित होने से पहले केवल 3 दिनो मे पारपरिक मछली पकड़ने की तकनीक का उपयोग करते हुए वर्सोवा-मलाड क्रीक के पानी से लगभग 500 किलोग्राम ठोस अपशिष्ट एकत्र किया गया है। अपशिष्ट-फिल्टर जून मे वर्सोवा-मलाड क्रीक मे स्थापित किया गया था, जो कि खाड़ी मे डप किए गए ठोस कचरे को ‘पकड़ने’ के लिए दीर्घकालिक समाधान तैयार करने के प्रयासो के हिस्से के रूप मे स्थापित किया गया था। मछली पकड़ने के जाल का उपयोग करके ठोस कचरे को फसाने के लिए और समुद्र मे जाने से पहले पुनर्नवीनीकरण किया जा सकता है, नव प्रवर्तनकर्ताओ ने कहा केवल 72 घटो मे 500 किलोग्राम से अधिक ठोस कचरे को फसा दिया गया है। जिसमे ज्यादातर प्लास्टिक जिसे मछुआरो के लिए अतिरिक्त आय अर्जित करने के लिए पुनर्नवीनीकरण किया जा सकता था।
सरल समाधान मे 5 टन से अधिक कचरे को साफ करने की क्षमता है। कचरा, और मलाड क्रीक मे लगभग 25 टन ठोस कचरा हर महीने एकत्र किया जा सकता है, इसके कई आउटलेट्स पर ऐसे नेट फिल्टर लगाए जाते है।
मछुआरे इस बात पर अफसोस जताते है कि कैसे ठोस कचरे की मात्रा खाडि़यो मे तैरती है और अरब सागर मे ले जाती है। पिछले कुछ दशको मे इस कचरे मे भारी वृद्धि देखी गई है, जबकि मुबई प्रतिदिन लगभग 10,000 टन ठोस कचरा उत्पन्न करता है।
हम मछली पकड़ने के लिए खाडि़यो मे जाल लगाते है और हमे लगा कि कचरे को फसाने के लिए उसी तकनीक को तैनात किया जा सकता है। हमे उम्मीद है कि सरकार इस पर ध्यान देगी और हमारी आजीविका की रक्षा और जल प्रणालियो को प्रदूषण मुक्त रखने के हित मे हमारा समर्थन करेगी।
समुद्र के पानी और शहर के अन्य जल निकायो मे प्लास्टिक प्रदूषण को कम करके पर्याप्त लाभ के साथ यह एक उत्कृष्ट पहल हो सकती है। एमएमएम के हरप्रीत भुल्लर ने नागरिक निकाय और युवाओ से आग्रह किया है।
कि व्यापक अनुप्रयोगो के लिए इस नवाचार का समर्थन करे और मछली पकड़ने पर निर्भर स्वदेशी समुदायो की आजीविका की रक्षा करते हुए हमारे तटो को फिर से जीवत करे।
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