रायपुर, 09 अगस्त 2022। विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर सर्व आदिवासी समाज के कार्यक्रम मे उपस्थित रहे मुख्यमत्री मुख्यमत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि पेसा कानून पहले से अस्तित्व मे था लेकिन इसके नियम नही बनने के कारण इसका लाभ आदिवासियो को नही मिल पा रहा था। मुख्यमत्री ने कहा है कि छत्तीसगढ़ मे पेसा अधिनियम को लेकर नियम बन चुका है और इसके लिए आठ अगस्त को राजपत्र मे प्रकाशन भी किया जा चुका है। इससे आदिवासी अपने जल-जगल-जमीन के बारे मे खुद फैसला ले सकेगे।
मुख्यमत्री आज विज्ञान महाविद्यालय परिसर स्थित दीन दयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम मे विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर आयोजित सर्व आदिवासी समाज छत्तीसगढ़ के कार्यक्रम मे सबोधित कर रहे थे। इस कार्यक्रम मे राज्य भर के जनजाति समुदाय के लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम का शुभारभ शहीद वीर नारायण के चित्र पर माल्यार्पण एव दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ।
मुख्यमत्री ने कहा है कि आदिवासियो के हितो को सरक्षण देने के लिए राज्य मे पेसा कानून लागू होने से ग्राम सभा कामुख्यमत्री ने कहा है कि आदिवासियो के हितो को सरक्षण देने के लिए राज्य मे पेसा कानून लागू होने से ग्राम सभा का अधिकार बढ़ेगा। नए नियम से ग्राम सभा के 50 प्रतिशत सदस्य आदिवासी समुदाय से होगे। इस 50 प्रतिशत मे से 25 प्रतिशत महिला सदस्य होगी।
विश्व आदिवासी दिवस कार्यक्रम को सबोधित करते हुए मुख्यमत्री श्री बघेल ने कहा कि उनकी सरकार बनने के बाद विश्व आदिवासी दिवस पर सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की गई, आदिवासियो को वन अधिकार के पट्टे प्रदान किए गए जिसके तहत अभी तक पाच लाख पट्टे वन अधिकार के तहत दिए जा चुके है। आदिवासियो के हितो का ध्यान रखने के लिए और योजनाओ का समय पर क्रियावयन करने के लिए जन जागरण अभियान कैलेडर का विमोचन किया गया है।
सशक्तिकरण हो रहा है, यही वजह है कि बस्तर और सरगुजा के आदिवासी अपने गावो के लिए बैक खोलने की माग कर रहे मुख्यमत्री ने कहा कि राज्य सरकार 65 प्रकार के लघु वनोपज खरीद रही है और इससे आदिवासियो का आर्थिक सशक्तिकरण हो रहा है, यही वजह है कि बस्तर और सरगुजा के आदिवासी अपने गावो के लिए बैक खोलने की माग कर रहे है। मुख्यमत्री ने कहा कि आदिवासियो के स्वास्थ्य के लिए राज्य सरकार लगातार काम कर रही है और इसी का नतीजा है कि मलेरिया के मामलो मे 65 कमी आई है। इसके साथ ही मुख्यमत्री हाट बाजार क्लीनिक से भी लाखो लोग लाभावित हो रहे है।
मुख्यमत्री ने कार्यक्रम मे कहा कि शिक्षा के मामले मे भी हम आगे बढ़ रहे है, हमने बस्तर के 300 बद स्कूलो को शुरू करने का काम किया है और शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए राज्य मे 10 हजार नए शिक्षको की भर्ती भी होने जा रही है। मुख्यमत्री ने कहा कि आदिम सस्कृति छत्तीसगढ़ की पहचान है और आदिवासियो का आजादी की लड़ाई मे बड़ा योगदान रहा है। मुख्यमत्री ने कहा कि हम आदिवासियो के सारे योगदान को सहेज कर रखना चाहते है।
और इसके लिए भाषा, सस्कृति सभी कुछ सहेजने का काम किया जा रहा है। इस मौके पर मुख्यमत्री ने सभी को विश्व आदिवासी दिवस की शुभकामनाए दी है।
इस अवसर पर शिक्षा एव आदिम जाति विकास मत्री श्री प्रेमसाय सिह टेकाम, अनुसूचित जन जाति आयोग के अध्यक्ष श्री भानु प्रताप सिह, अनुसूचित जन जाति आयोग की उपाध्यक्ष सुश्री राजकुमारी दीवान, विधायक एव ससदीय सचिव श्री शिशुपाल सोरी, विधायक श्री सत्यनारायण शर्मा, विधायक श्री बृजमोहन अग्रवाल, सर्व आदिवासी समाज के अध्यक्ष श्री भारत सिह समेत हजारो की सख्या मे आदिवासी समाज के लोग उपस्थित थे।
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