बैकु΄ठपुर@स्वेच्छानुदान की राशि पत्रकारों को देकर सोशल मीडिया में ट्रोल हुए विधायक

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स्वयं पार्टी के लोग भी उठाए सवाल,विपक्ष भी हुआ हावी,स्वेच्छानुदान की राशि जरूरतमंदों व गरीबों की सहायता के लिए है शासन की एक योजना

मनेंद्रगढ़ विधायक डॉ विनय जायसवाल ने स्वेच्छानुदान की राशि पत्रकारों को बांटी…सफाई देने उतरे विधायक,तरह तरह की हो रही बातें

रवि सिंह-

बैकु΄ठपुर 17 अक्टूबर 2021 (घटती-घटना)। मनेंद्रगढ़ विधायक का एक नया कारनामा सामने आया है, जिसमे मनेंद्रगढ़ विधायक डॉ विनय जायसवाल ने शासन से गरीबों को जरूरत के समय उपलब्ध कराई जाने वाली स्वेच्छानुदान की राशि जो गरीब जरूरतमंद को उनके दुख तकलीफ इलाज या अन्य किसी आवश्कता पर उपलब्ध कराए जाने की शासन की इच्छानुसार व्यवस्था है उस राशि को शासन की महत्वाकांक्षी योजना की राशि को वह अपना चेहरा चमकाने में उपयोग कर रहे हैं। विधायक द्वारा स्वेच्छानुदान की राशि दशहरा पर्व पर पत्रकारों को बांटने की खबर आते ही इसबात का खुलासा हुआ और अब इसकी हर तरफ आलोचना हो रही है।
बताया भी जा रहा है वैसे विधायक ने चेक के माध्यम से स्वेच्छानुदान की राशि का वितरण पत्रकारों को किया है जिसका सबूत भी अब सामने आ गया है वहीं अब इसको लेकर राजनीति भी गर्म होने लगी है वहीं अब उनकी अपनी ही पार्टी के लोगों द्वारा ही उनका विरोध किया जा रहा है और कहा जा रहा है कार्यकर्ता जो पार्टी की रीढ़ होता है को भी स्वेक्षानुदान के योग्य नहीं माना गया जबकि कई कार्यकर्ताओं को यह राशि मिलती तो यह सही होता क्योंकि उनको इसकी जरूरत थी। अपना चेहरा चमकाने की ललक में विधायक का यह कदम कहीं से सही नहीं कहा जा सकता,साथ ही इसकी शिकायत पार्टी फोरम में की जाएगी यह भी पार्टी के अंदर से आवाज उठने लगी है।

पूर्व मंत्री पूर्व बैकुंठपुर विधायक को भी स्वेच्छानुदान राशि मामले में नुकसान उठाना पड़ा था

पूर्व केबिनेट मंत्री पूर्व बैकुंठपुर विधायक भइयालाल राजवाड़े को भी स्वेच्छानुदान राशि के वितरण में इसी प्रकार की गलती की सजा चुनाव में हार स्वरूप उठाना पड़ा था और विपक्ष के पास चुनाव में उनके खिलाफ यह एकमात्र बड़ा मुद्दा था जिसे विपक्ष ने भुनाया और उन्हें पराजय का मुंह चुनाव में देखना पड़ा। भइयालाल राजवाड़े भी स्वेच्छानुदान राशि को ऐसे लोगों को वितरण करने की गलती कर गए थे जो जरूरतमंद नहीं थे और जिसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ा। चेहरा चमकाना ज्यादा जरूरी,जरूरतमंद के लिए केवल आश्वासन मनेंद्रगढ़ विधायक ने स्वेच्छानुदान राशि का वितरण पत्रकारों को करते हुए यह साबित कर दिया कि उनका मुख्य ध्येय अपना चेहरा चमकाना है। गरीब जरूरतमंद की सहायता से उनका कोई वास्ता नहीं। गरीबों और जरूरतमंद लोगों के लिए शासन की महत्वाकांक्षी स्वेच्छानुदान राशि व्यवस्था को भी उन्होंने अपने चेहरे के लिए उपयोग कर यह साबित कर दिया कि जनता से उनका कोई सरोकार नहीं।

पूर्व महापौर ने कहा शिकायत पार्टी फोरम में की जाएगी

स्वेच्छानुदान राशि को विधायक द्वारा पत्रकारों को अपना चेहरा चमकाने के लिए बांटे जाने के मामले में अब पूर्व महापौर के डोमरु रेड्डी ने भी अपना विरोध दर्ज किया है और सोसल मिडीया में खुलकर विरोध करते हुए लिखा है कि विधायक जी को अपने कार्यकर्ता पार्टी के कार्यकर्ता नजर नहीं आये यह दुःखद है और अब पार्टी को सज्ञान लेना पड़ेगा और शिकायत भी होगी। अपने जरूरतमंद कार्यकर्ताओं को छोड़कर चापलूसों को फेसबुकीया समर्थकों के कहने पर ऐसा करना गलत है। आज विधायक जी को पत्रकारों की जरूरत दिख रही है अपने पार्टी के ही कार्यकर्ताओं की जरूरत उन्हें नजर नहीं आई इससे पार्टी को भारी नुकसान भी होगा और जिसे अनदेखा नहीं किया जा सकता कार्यवाही की मांग की जाएगी।

पत्रकारों चौथे स्तंभ के रूप में काम करने के लिए सम्मान प्रदान किया गया

पूरे मामले पर मनेंद्रगढ़ विधायक डॉ विनय जायसवाल ने अपनी तरफ से बयान जारी करते हुए कहा है कि चौथे स्तंभ के रूप में काम कर रहे पत्रकारों को स्वेच्छानुदान राशि से सम्मानित किया गया है। पत्रकार हमारे काम के आइना हैं,हमारे अच्छाई और कमियों का यह आंकलन करते हैं। पिछली सरकार ने स्वेच्छानुदान का उपयोग अपने हेयर कटिंग,घरों के कर्मचारियों के वेतन सहित रिश्तेदारों के कपड़ों के लिए करने की प्रथा का हमने अंत किया है। कलमवीर साथियों का सम्मान स्वेच्छानुदान राशि से किया गया है इसको गलत कहना मानसिकता की गलत विचारों की उत्पत्ति है। जिन्हें यह गलत लग रहा हो वह वापस कर सकते हैं यह भी पत्रकारों से उन्होंने अपील की है।

स्वेच्छानुदान राशि का पत्रकारों द्वारा स्वीकार किया जाना गलत परम्परा को जन्म देने जैसा

वहीं मामले में एक वरिष्ठ पत्रकार का कहना है कि स्वेच्छानुदान राशि चूंकि गरीब व जरूरतमंद के लिए एक सहायता शासन से मिलने वाली होती है और इसे जरूरतमंद तक जनप्रतिनिधि पहुंचाएं यह उन्हें ध्यान रखना चाहिए। पत्रकारों को भी ऐसी राशियों को स्वीकार नहीं करना चाहिए वहीं ऐसी गलत परम्परा को जारी करने में सहयोग नहीं करना चाहिए क्योंकि यदि ऐसा होने लगा तो स्वेच्छानुदान राशि जनप्रतिनिधियों द्वारा केवल चेहरा चमकाने के लिए उपयोग किया जाएगा जरूरतमंद को नहीं दिया जाएगा।


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