अम्बिकापुर, 02 अगस्त 2022(घटती-घटना)। केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में हर घर तिरंगा अभियान के तहत, भारत के हरेक नागरिक को घर में तिरंगा झंडा फहराने की पहल की गयी है। जिसकी तैयारी स्वरूप अदाणी इंटरप्राइजेज लिमिटेड द्वारा परसा स्थित महिला उद्यमी बहुउद्देशीय सहकारी समिति (मब्स) की महिलाओं को तिरंगा झंडा सिलने का एक बड़ा ठेका प्रदान किया गया है। “हर घर तिरंगा” आज़ादी का अमृत महोत्सव का उद्देश्य, आजादी की 75 वीं वर्षगाँठ में भारतीय नागरिकों के दिलोदिमाग में देशभक्ति की भावना को जगाना और भारतीय राष्ट्रीय ध्वज के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देना है। मब्स को अदाणी इंटरप्राइजेज लिमिटेड द्वारा सूती के 2 बाई 3 फीट साइज के 10,000 भारतीय ध्वज की सिलाई का आर्डर प्राप्त हुआ है। जिसे ग्राम परसा, साल्हि, तारा इत्यादि सहित कुल छः ग्रामों की चालीस से अधिक महिलाओं द्वारा पूरा किया जायेगा। इस बड़े आर्डर को पांच दिनों में पूरा करने की लिए मब्स की प्रशिक्षित महिलाओं द्वारा कपड़े की कटिंग करके विलेज कॉर्डिनेटर्स के माध्यम से ग्रामों का दौरा कर सिलाई का कार्य प्रदान किया जा रहा है। इन झंडों को स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में प्रशासन के समन्वय से घरों में वितरित किया जाएगा। मब्स से जुड़ी इन सभी महिलाओं को अदाणी फाउंडेशन के सहयोग स्थापित किये गए सिलाई प्रशिक्षण केंद्र में प्रशिक्षित किया गया था। और अब वे सभी आत्मनिर्भर बन घर बैठे ही सिलाई से अतिरिक्त कमाई कर रहीं हैं। इस तरह अदाणी फाउंडेशन ने सैकड़ों महिलाओं और उनके परिवारों के जीवन को बदल दिया है। मब्स में कार्यरत ग्राम साल्हि के विलेज कॉर्डिनेटर श्रीमती वेदमती उइके ने कहा कि,”अदाणी इंटरप्राइजेज लिमिटेड का यह आर्डर हमारे समिति के लिए एक बहुत बड़ा लक्ष्य है जिससे न सिर्फ समिति के व्यापार में वृद्धि और मुनाफा होगा अपितु हमसे जुड़ी स्थानीय महिलाओं की आय में भी वृद्धि होगी। गौरतलब है कि आरआरवीयूएनएल अपने सामाजिक सरोकार के अन्तर्गत शिक्षा, स्वास्थ्य, आजीविका संवर्धन और ग्रामीण संरचना विकास के कई कार्यक्रम संचालित करता है। अदाणी फाउंडेशन के मार्गदर्शन में चलाये जा रहे मब्स की स्थापना स्थानीय महिलाओं के जीविकोपार्जन और आय अर्जन में बढ़ोत्तरी तथा आत्मनिर्भर बनाने के लिए किया गया है। वर्तमान में इन महिलाओं द्वारा मसाला निर्माण, सेनेटरी पैड्स निर्माण, डेयरी उत्पादन, मिनरल वाटर बॉटलिंग, जैविक खाद उत्पादन, फिनायल निर्माण इत्यादि इकाइयों का संचालन किया जा रहा है। जिसमें सौ से अधिक महिलाओं को रोजगार प्राप्त है साथ ही पैंतीस से अधिक अधिक स्वसहायता समूहों की दो सौ पचास महिलाएं इसकी सदस्य हैं जिन्हें हर साल होने वाले मुनाफे में डिविडेंड भी प्रदाय किया जाता है। वहीं इन उत्पादों का विपणन आसपास ग्रामों में उपलब्ध रिटेल काउंटर्स में किया जाता है। अभी हाल ही में मब्स के सभी उत्पादों के विपणन हेतु वनविभाग द्वारा शुरू किये गए सी-मार्ट से भी आर्डर प्राप्त हुआ है।
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