लेकिन जिम्मेदार विभाग पूरी तरह मौन हैं,अंगद के पांव के जैसे जमे पड़े हैं बाल संरक्षण अधिकारी
-ओंमकार पाण्डेय-
सूरजपुर 01 अगस्त 2022 (घटती-घटना)। जिला मुख्यालय में इन दिनों छोटे बच्चे भिक्षाटन करते नजर आ रहे हैं। वहीं होटलों व अन्य प्रतिष्ठानों में भी बाल श्रमिकों को काम करते देखा जा सकता है, लेकिन जिम्मेदार विभाग पूरी तरह मौन हैं।किसी प्रकार की जांच व कार्रवाई नहीं की जाती। जिस उम्र में बच्चों के हाथों में कॉपी-किताब होने चाहिए, उस उम्र में वे भिक्षाटन कर रहे हैं। जिला मुख्यालय हो या अन्य बड़े मैदानी जनपद, यहां कई बच्चे मुख्य चौक चौराहों पर पर खड़ी, कार, ऑटो और टेम्पो में सवार लोगों से भिक्षाटन करते दिख जाते हैं। ऐसे में बड़ा सवाल उठता है कि आखिर इनकी क्या मजबूरी है, जो इन्हें खेलने-कूदने के दिनों में भिक्षा मांगनी पड़ रही है। सूरजपुर जिला मुख्यालय सहित अन्य ग्रामीण क्षेत्रों में इन बच्चों के अलावा कई औरतें भी बच्चों को गोद में लेकर भीख मांगती दिखती हैं और इनकी संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है। सूरजपुर जिला मुख्यालय बाजार मंडी सहित अन्य जगह प्रेम नगर, रामानुजनगर रोड, भैयाथान सहित जिले के दूरस्थ अंचल में चौक, तहसील चौक, बस स्टैंड सहित न्यायालय के आसपास बाल भिक्षाटन का नजारा देखने को मिलता है। जहां छोटे.छोटे बच्चे हाथ में कटोरा लिए गाडç¸यों के आगे और दोपहिया वाहन चालकों से भिक्षाटन करते दिख जाते हैं। बच्चों को भिक्षावृत्ति से रोकने के लिए बाल संरक्षण इकाई द्वारा अभियान चलाया जाता है, परंतु इस पर लगाम नहीं लग पा रही है।