शिक्षकों का विद्यालय में नहीं आने से छात्र-छात्राओं के पढ़ाई पर पड़ रहा है असर
खड़गवां 31 जुलाई 2022 (घटती-घटना)। छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन ने राज्य सरकार की रवैया पर नाराजगी जताई है। प्रदेश भर के कर्मचारियों की एकता के लिए सभी संघों समान भूमिका व सामूहिक नेतृत्व में डीए व एचआरए की मांग को लेकर 25 जुलाई से छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन, शालेय शिक्षक संघ,नवीन शिक्षक संघ से हड़ताल में शामिल होने की अपील की है।छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के जिला एमसीबी के जिलाउपाध्यक्ष प्रदीप कुमार तिवारी ने हड़ताल से सम्बंधित मांगो की जानकारी देते हुए कहा है कि जनवरी 2020 के चार प्रतिशत, जुलाई 2020 के पांच प्रतिशत महंगाई भत्ता एक मई 2022 से दिया गया है। वर्तमान में जुलाई 2020 से दो प्रतिशत, जनवरी 2021 से चार प्रतिशत, जुलाई 2021 से तीन प्रतिशत, जनवरी 2022 से तीन प्रतिशत मिलाकर कुल 12 प्रतिशत मंहगाई भत्ता लंबित है । कर्मचारियों को अभी भी 6वें वेतनमान के अनुरूप गृहभाड़ा भत्ता मिल रहा है। इसके कारण समस्त शासकीय कर्मचारियों को प्रतिमाह चार से 14 हजार रूपये की आर्थिक क्षति हो रही है। प्रदेश में महंगाई भत्ता व सातवें वेतनमान के अनुरूप गृहभाड़ा भत्ता की मांग को लेकर समस्त कर्मचारियों में सरकार की हठधर्मिता को लेकर गहरा आक्रोश है।संघ के द्वारा लगातार अलग-अलग बैनर तले धरना प्रदर्शन कर अपनी मांगों को शासन के समक्ष रख रहे हैं। लेकिन सरकार द्वारा अभी तक किसी मांग को पूर्ण नहीं किया गया है। समस्त अधिकारी व कर्मचारी संगठन एक साथ एक मंच पर आकर अब अनिश्चितकालीन व आर – पार का आंदोलन करें। तभी हमें डीए और सातवें वेतनमान के एचआरए की प्राप्ति होगी। अन्यथा सरकार द्वारा कर्मचारियों की इसी तरह उपेक्षा की जाती रहेगी। अब समय एक, दो, तीन, पांच दिन के आंदोलन नहीं बल्कि आर पार का आंदोलन करने का समय है। इसलिए अब इस दिशा में ईमानदारी से आगे बढ़ने की जरूरत है।वही शिक्षको ने कहा कि अगर सरकार हमारी मांगों को मान लेती हैं तो जो इस आंदोलन के दौरान विघालय में विद्यार्थियों को पढ़ाई में नुकसान उठाना पड़ रहा है उसे हमारे शिक्षक अतिरिक्त समय देकर पूरा करेंगे।