अम्बिकापुर@सन्1969 से 2022 की अवधि में मानसून के पूर्वार्ध में वर्षा की मात्रा में दूसरी सबसे बड़ी गिरावट

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अम्बिकापुर, 30 जुलाई 2022(घटती-घटना)। सावन के महीने में जेठ महीने की तरह चिलचिलाती धूप निकल रही है। असाढ़ के बाद सावन का महीना भी सूखा ही गुजरता नजर आ रहा है। वहीं मौसम विज्ञानी एएम भट्ट के अनुसार अंबिकापुर में 1 जून से 31 जुलाई तक औसतन 619 मिमी वर्षा होनी चाहिए। जबकि इस वर्ष 1 जून से आज 30 जुलाई तक मात्र 289.2 मिमी ही वर्षा दर्ज हो पाई है। सन 1969 से 2022 की अवधि में मानसून के पूर्वार्ध में वर्षा की मात्रा में यह दूसरी सबसे बड़ी गिरावट है। पिछले आधे दशक में अम्बिकापुर में मानसून के पूर्वार्ध में न्यूनतम वर्षा होना वाला वर्ष सन 1976 था। इस वर्ष 1 जून से 31 जुलाई तक मात्र 285.2 मिमी वर्षा हुई थी।
गौरतलब है कि आषाढ़ सूखा निकलने के बाद लोगों को सावन से काफी उम्मीदें थीं। पर सावन का महीना भी दगा देता नजर आ रहा है। आधे से अधिक सावन का महीना बीत चुका है। बारिश की स्थिति अच्छी नहीं दिख रही है। बारिश नहीं होने से जिले के किसान चिंतित हैं। जुलाई का महीना के आखरी दिन है पर कृषि कार्य अभी भी प्रभावित है। सरगुजा संभाग में सूखे जैसी स्थिति बन चुकी है। ऐसे में किसानों के सामने बड़ी समस्या उत्पन्न हो गई है। जुलाई महीना में तपती धूप के कारण धान का रोपा भी सूख कर मर रहा है। किसान अपनी फसल को नष्ट होते देख परेशान हैं। बाजार से किसानों ने उन्नत धान का बीज ऊंची कीमत पर खरीदा था परंतु बारिश ने किसानों के मंसूबे पर पानी फेर दिया है। जिले में अभी भी 84 प्रतिशत से अधिक रकबा खाली है। कृषि विभाग के अनुसार पिछले वर्ष अब तक 80 प्रतिशत खेतों में धान की रोपाई हो चुकी थी। मौसम विभाग के अनुसार जून की औसत वर्षा 221 और जुलाई की 398 मिमी दर्ज की गई है। वहीं मौसम विज्ञानी के अनुसार वर्तमान में मानसून द्रोणिका अपने सामान्य स्थिति से उत्तर की ओर है। जो शनिवार को फिरोजपुर, रोहतक, मेरठ, गोरखपुर, मुज्जफरपुर, बेलूरघाट, बांग्लादेश होते हुए अगरतला से गुजर रही है। उत्तरप्रदेश के उत्तर पूर्व भाग में हवा में एक चक्रवाती परिसंचरण है तथा दक्षिण पूर्व खाड़ी पर दूसरा चक्रवाती घेरा सक्रिय है। उत्तर छत्तीसगढ़ के आसपास किसी उल्लेखनीय मौसमी गतिविधि के सक्रिय नहीं होने के कारण अगले दो तीन दिनों में स्थानीय प्रभाव से छूटपुट वर्षा की स्थिति बनी रह सकती है।
जिले में 30 जुलाई तक 222.1 मिलीमीटर औसत वर्षा
जिले में 30 जुलाई तक 222.1 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज हुई है। भू-अभिलेख कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार 1 जून से 30 जुलाई 2022 तक तहसील अम्बिकापुर में 287.2 मिलीमीटर, दरिमा में 183.5 मिमी, लुण्ड्रा में 100.3 मिमी, सीतापुर में 224.7 मिमी, लखनपुर में 337.6 मिमी, उदयपुर में 247 मिमी, बतौली में 142.5 मिमी एवं मैनपाट में 254.3 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज हुई है।
29 जुलाई 2022 को तहसील अम्बिकापुर में 29.8 मिलीमीटर, दरिमा में 8.2 मिमी, लुण्ड्रा में 5.5 मिमी, लखनपुर में 9.5 मिमी, उदयपुर में 1.7 मिमी, बतौली में 3.8 मिमी एवं मैनपाट में 1.3 मिलीमीटर औसत वर्षा हुई है। इस तरह इस दिन जिले में 7.5 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज हुई है।
सावन में जेठ महीने जैसी चिलचिलाती धूप लोग हो रहे बीमार
सावन के महीना में अक्सर झमाझम बारिश से पूरा क्षेत्र तरबतर रहता है। पर इस वर्ष सावन पूरी तरह तप रही है। रात में आसमान पूरी तरह साफ नजर आती है। वहीं दिन में मानों जेठ महीने जैसी चिलचिलाती निकल रही है। चलिचिलाती धूप लोगों को चुभ रहा है। लोग घर से निकलना मुनासीब नहीं समझ रहे हैं। वहीं बेरूखी मौसम के कारण बीमारी का भी खतरा बढ़ रहा है। सावन महीने में उमस भरी गर्मी से लोग सर्दी, बुखर, उल्टी, दस्त जैसे बीमारी से पीडि़त हो रहे हैं।


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