- आंदोलन कर रहे कर्मचारियों ने कहा,यह तीसरे चरण का आंदोलन है। दो चरण के आंदोलन के बाद भी हमारी मांगों को प्रदेश सरकार ध्यान दी,तो पांच दिवसीय इस बार आंदोलन करना पड़ रहा है। कर्मचारियों को महंगाई भत्ता नहीं मिल रहा और विधायकों को वेतन वृद्धि का लाभ दिया जा रहा है। सरकार की दोहरी नीति के विरोध में सड़क पर उतरे हैं।
- पांच दिवसीय कलम बंद हड़ड़ताल पर कर्मचारी शासकीय दफ्तरों में काम काज हुआ प्रभावित
- छत्तीसगढ़ढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के आह्वान पर दो सूत्रीय मांगों को लेकर पांच दिवसीय हड़ताल सोमवार से शुरू हो गया । कर्मचारियों की हड़ताल से सभी विभागों में काम काज पूरी तरह से ठप हो गया है।
-ओमकार पाण्डेय-
सूरजपुर, 26 जुलाई 2022(घटती-घटना)। छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के आह्वान पर सोमवार से चरणबद्ध आंदोलन शुरू हुआ है मंगलवार को दूसरे दिन भी हजारों अधिकारी कर्मचारी अपनी दो सूत्रीय मांगों को लेकर तीसरे चरण के आंदोलन जारी है । केन्द्र के समान महंगाई भत्ता, गृह भाड़ा भत्ता और अनियमित कर्मचारियों को नियमित करने की मांग को लेकर सोमवार से पांच दिवसीय हड़ताल पर चले गए। कर्मचारियों की हड़ताल से शासकीय दफ्तरों में सन्नाटा छा गया है। अधिकारी कर्मचारियों ने बताया कि केंद्र सरकार केंद्रीय कर्मचारियों को 34 प्रतिशत डीए दे रही है लेकिन प्रदेश के अधिकारी कर्मचारियों को सिर्फ 22 प्रतिशत डीए दिया जा रहा है, जो केंद्र से 12 प्रतिशत कम है। राज्य सरकार से मांग कर रहे कि उनको भी केंद्र के सामान महंगाई भत्ता दिया जाए, जिसके लिए वह कई बार शासन प्रशासन से भत्ता की मांग करते हुए चरणबद्ध प्रदर्शन कर चुके हैं। इससे पहले भी वे तीन चरणों में आंदोलन कर चुके हैं, लेकिन सरकार उनकी मांगों को लेकर विचार नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि महंगाई भत्ता उनका मौलिक अधिकार है। प्रदेश सरकार को केंद्र पड़ रहा है। सरकार को यह बात को लेकर कई बार शासन प्रशासन के सामान महंगाई भत्ता देना होगा। समझनी चाहिए कि जो कर्मचारियों को अवगत कराया गया जिसके बाद प्रदेश के कर्मचारियों के लिए यह का मौलिक अधिकार है उसे बिना भी उनके कानों पर जूं तक नहीं रेंग शर्मनाक स्थिति है कि महंगाई भत्ता किसी विरोध या आंदोलन को पूरा रहा है। ऐसे में कर्मचारियों को
जैसे विषय के लिए सड़क पर उतरना कर देना चाहिए लेकिन अपनी मांगों आंदोलन करना पड़ रहा है।
कर्मचारियों की ये प्रमुख मांग,बोले-मांग पूरी करने में हो रही अनदेखी
केन्द्र सरकार ने 1 जनवरी 2019 को 12 प्रतिशत महंगाई भत्ता में 5 प्रतिशत बढ़ाकर 1 जुलाई 2019 से 17 प्रतिशत लागू कर दिया. लेकिन राज्य सरकार ने 1 जुलाई 2021 से महंगाई भत्ता में 5 प्रतिशत की वृद्धि किया। उनकी मांग है कि 1 जुलाई 2019 से 30 जून 2021 तक प्रदेश के सभी कर्मचारियों के मासिक वेतन में 5 फीसदी की कटौती किया गया, जिससे उनको आर्थिक चपत लगी है। उनकी मांग है कि केन्द्र सरकार के देय तिथि से उनको महंगाई भत्ता दिया जाए और केन्द्र सरकार से 12 प्रतिशत जो कम दिया जा रहा है उसे बढ़ाकर 34 प्रतिशत किया जाए।
विधायकों का वेतन बढ़ा रही छग सरकार
कर्मचारियों ने कहा कि फेडरेशन लगातार महंगाई भत्ता, गृह भाड़ा भत्ता, वेतन विसंगति की मांग करती आ रही है जिस पर प्रदेश सरकार का जवाब दिया जा रहा कि प्रदेश की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। ऐसी हालत में उनकी मांगों पर विचार नहीं किया जा सकता है। जब प्रदेश की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं तो विधायकों के वेतन वृद्धि का प्रस्ताव विधानसभा में ध्वनिमत से कैसे पारित हो रहा है, जबकि फेडरेशन अपनी जायज मांगों को लेकर आंदोलन कर रहा है। फिर भी उनकी मांगों पर सदन में कोई चर्चा भी नहीं हो रही है, जिसका वे विरोध कर रहे हैं।
पदोन्नति वेतन विसंगति समस्या किया जाए दूर
कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन अपनी कई मांगों को लेकर लगातार शासन प्रशासन के पास गुहार लगा रहे हैं लेकिन उनकी मांगों पर विचार नहीं किया जा रहा है। संघ में कई ऐसे कर्मचारी हैं जो अनियमित हैं उनको नियमित करने, पदोन्नति की मांग और संगठन में कई ऐसे कर्मचारी हैं जिनको नियमित रूप से वेतन नहीं मिल रहा है। जिस कारण उसकी आर्थिक स्थिति कमजोर हो गई है। उनकी वेतन विसंगति को दूर करने की मांग करते आ रहे हैं। इसके साथ ही गृह भाड़ा भत्ता की मांग भी लगातार की जा रही है जिस पर भी विचार नहीं किया जा रहा है।
इन संघों का मिला समर्थन
हड़ताल में मुख्य रूप से प्रदेशराजपत्रित अधिकारी संघ, छग अजाक्स संघ, छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन, छग लघुवेतन चतुर्थ वर्ग कर्मचारी संघ, छग वाहनचालक कर्मचारी संघ, छग स्वास्थ्य एवं बहुउद्देशीय कर्मचारी संघ, छग राजस्व पटवारी संघ, छग अनियमित कर्मचारी संघ, छग ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी संघ, छग प्रदेश शिक्षक फेडरेशन, छग शिक्षक संघ, छग राज्य पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ संघ, कर्मचारी कल्याण संघ -छग प्रदेश तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ छग वन कर्मचारी संघ, छग लिपिक वर्गीय कर्मचारी संघ, छग डिप्लोमा इंजीनियर्स एसोशियेशन, छग प्रदेश शिक्षक संघ, छग सहायक पशु चिकित्सा अधिकारी संघ, छग राजस्व निरीक्षक संघ, छग सहायक शिक्षक फेडरेशन, छग आरएमए, लिपिक वर्गीय कर्मचारी संघ, महाविद्यालय प्राध्यापक संघ, छत्तीसगढ़ पेंशनर्स एसोसिएशन सर्व शिक्षक संघ, छग प्रदेश सचिव सं के प्रतिनिधिगण उपस्थित रहे।
29 को जिला मुख्यालय में निकलेगी विशाल रैली
फेडरेशन ने बताया कि वे अपनी जायज मांगों को लेकर चरणबद्ध तरीके से आंदोलन करते आ रहे हैं। 30 मई को प्रथम चरण में जिला प्रशासन के सामने ज्ञापन के माध्यम से अपनी मांग रखी था जिसके बाद भी उनकी मांगों पर विचार नहीं किया तो वे तीसरे चरण में 25 से 29 जुलाई तक पांच दिवसीय हड़ताल पर हैं। जिले के सभी विकासखंडों में यह आंदोलन किया जा रहा है। 29 जुलाई को हड़ताल के अंतिम दिन जिला मुख्यालय में विशाल रैली का आयोजन कर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा।