बैकुण्ठपुर@40 सफाईकर्मियों की फर्जी नियुक्ति कर बड़ी राशि की जा रही है निकासी

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  • चिरमिरी क्षेत्र के सुलभ शौचालय के उत्तम रखरखाव के नाम पर
  • सुलभ इंटरनेशनल को लगभग प्रतिमाह 3 लाख 3 हजार दे रहा है चिरमिरी नगर निगम।
  • गुपचुप तरीके से कराए गए टेंडर पर निगम के अधिकारियों के कार्यप्रणाली पर लग रहे हैं सवालिया निशान?
  • कलेक्टर कोरिया को संज्ञान में लेकर कार्यवाही किए जाने की हो रही है मांग।


-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर 23 जुलाई 2022(घटती-घटना)। पूरे चिरमिरी क्षेत्र में आम जनमानस की निस्तार सुविधा के लिए एसईसीएल और नगर निगम के द्वारा लगभग 20 सुलभ शौचालय का निर्माण लगभग दो दशक पूर्व कराया था ताकि वार्ड वासियों को निस्तार सुविधा का लाभ मिल सके,लेकिन निगम के भ्रष्ट अधिकारियों ने उससे भी अपना चारागाह बना लिया है, सुलभ शौचालयों में सरकार की तरफ से मिलने वाली सुविधा और स्वच्छता के नाम पर नगर निगम चिरमिरी में एक बड़ा भ्रष्टाचार किया जा रहा है लगभग प्रतिमाह 3 लाख 3 हजार कि निकासी कर क्षेत्र की जनता को दिए जाने वाली सुविधा के नाम पर लूट खसोट मचाई जा रही है, इस खेल की शुरुआत 2018 से प्रारंभ है और आज दिनांक तक प्रतिमाह 3 लाख 3 हजार की निकासी निरंतर जारी है, सुलभ शौचालय में बुनियादी सुविधाओं को उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी लेने वाले सुलभ इंटरनेशनल को यह राशि प्रतिमाह दी जा रही है कंपनी और निगम के अधिकारियों से मिलीभगत कर जनता को दी जाने वाली सुविधा के नाम पर यह राशि डकारी जा रही है, चुनाव के पूर्व जनता की सेवा करने की कसमें खाने वाले कथित सेवक भी इस भ्रष्टाचार पर चुप हैं इस पूरे मामले को कलेक्टर कोरिया को संज्ञान में लेकर भ्रष्टाचारियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करने की आवश्यकता है।
विदित हो कि चिरमिरी नगर निगम में सुलभ शौचालय के लगभग 20 केंद्र स्थापित हैं पूरे चिरमिरी क्षेत्र के क्रमश गोदरी पारा के गुफा दफाई, हल्दी बाड़ी में पंखा दफाई के पास तीन नंबर खदान एवं पुराना स्टेट बैंक के पास, डोमनहिल में बाजार पारा, 20 नंबर दफाई, कोरिया कालरी में संतोषी मंदिर के पास, बेस्ट चिरमिरी में कैंप दफाई में शुक्ला जी के घर के पीछे, जगन्नाथ मंदिर में, वार्ड नंबर 3 में पुरुषोत्तम सोनकर के घर के पास, नीलम सरोवर पार्क अटल आवास और छोटी बाजार के मिलाकर लगभग 20 सुलभ शौचालय में से लगभग 15 हजार प्रति सुलभ शौचालय मैं प्रदान की जाने वाली सुविधा के नाम पर प्रतिमाह नगर निगम चिरमिरी के द्वारा सुलभ इंटरनेशनल को दी जा रही है जिसके एवज में ठेकेदार सुलभ इंटरनेशनल कंपनी उन सुलभ शौचालय में निम्नलिखित सुविधाएं प्रदान करेगी वे इस प्रकार हैं प्रत्येक सुलभ शौचालय में दो सफाई कर्मी जो 12 12 घंटे कार्य करेंगे, ड्रेस से लैस रहेंगे उनकी नियुक्ति होना बताया जा रहा है साथ में अन्य सुविधा के तौर पर बदबू रहित सुलभ कार्यालय के लिए परफ्यूम का दिन भर छिड़काव किया जानी है,सुलभ में लगे सभी बेसिनो में हैंड वास अनिवार्य रूप से रखा जाना है, एक बड़ा ऐनक, के साथ-साथ कंघिया रखी जानी अनिवार्य है, हार्पिक और फिनाइल से हर 1 घंटे पूरे सुलभ शौचालय की धुलाई करनी है एवं सभी टॉयलेट में बाल्टी और मगह रखा जाना अनिवार्य है हर एक सुलभ शौचालय में निगम के द्वारा पानी बिजली उपलब्ध कराना है जिसके लिए प्रत्येक सुलभ शौचालय के लिए नगर निगम से 15 हजार प्रति सुलभ हल्दीबाड़ी स्थित स्टेट बैंक के सुलभ शौचालय में प्रतिमा 18 हजार की निकासी कर उक्त कंपनी को दिया जा रहा है यदि हम इस पूरे स्कैंडल की बारीकी से अध्ययन करें तो मौके पर यह पाया जाता है कि पिछले 5 वर्षों से उन सुलभ शौचालयों में किसी भी तरह के कोई कर्मचारी की नियुक्ति नहीं की गई है, निगम के ही सफाई कर्मियों के द्वारा इन सभी सुलभ शौचालयों की हफ्ते में एकाद बार सफाई की जाती है उसका अंदाजा उन सुलभ शौचालयों के निरीक्षण के बाद किया जा सकता है लगभग सुलभ शौचालय की हालत बेदम जर्जर है किसी के दरवाजे टूटे हुए हैं किसी की टंकी फटी हुई है कहीं पानी नहीं मिल पा रहा है तो कहीं पर गंदगी से पूरे सीट भरे हुए हैं, बदबू एवं गंदगी के कारण वार्ड वासी उन सुलभ शौचालयों में जाना भी पसंद नहीं करते कई बार वार्ड वासियों ने शौचालयों के गंदगी और बदबू की शिकायत नगर निगम चिरमिरी के जिम्मेदार अधिकारियों से की तो उनके द्वारा निगम के कर्मचारियों को भेजकर थोड़ी बहुत साफ सफाई करा अपनी जिम्मेदारी कि इतिश्री कर ली है. यदि हम सफाई कर्मी की नियुक्ति की बात करें तो 20 सुलभ शौचालय में लगभग 40 लोगों को रोजगार मिलना चाहिए जिसका पैसा शासन ठेकेदार को दे रही है किंतु धरातल पर किसी भी कर्मचारी की नियुक्ति नहीं की गई है और नियुक्ति के नाम पर फर्जीवाड़ा कर सफाई कर्मियों के हक को भ्रष्ट अधिकारी और ठेकेदार के द्वारा डकार आ जा रहा है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उक्त कंपनी को टेंडर सभी नियमों को शिथिल कर के दिया गया है 1 साल की अवधि वाले टेंडर निकाले गए थे उक्त कंपनी द्वारा 1 साल तक लगातार काम किया गया उस कंपनी की निर्धारित समयअवधि खत्म हो चुकी है उसके बाद अब लगभग 6 माह और गुजर चुके हैं उसी कंपनी को लगातार भुगतान किया जा रहा है, नगर निगम चिरमिरी ने अभी तक नया टेंडर जारी नहीं किया है ताकि उनके द्वारा किया जा रहा काला कारनामा आम जनमानस तक ना पहुंचे और एक सही रूटीन में चल रहे काम में कोई व्यवधान उत्पन्न ना हो, लगातार हो रही काली कमाई का पर्दाफाश ना हो सके, नगर निगम चिरमिरी में 40 वार्ड हैं सब वार्डों में पार्षद मौजूद है इनके अलावा कई मनोनीत पार्षद भी क्षेत्र में स्क्रीय देखे जा सकते हैं लेकिन नई सरकार गठन होने के बाद आज तक किसी ने भी इस भ्रष्टाचार पर आवाज नहीं उठाई इन सब सुलभ शौचालयों के रखरखाव की जिम्मेदारी इन पार्षदों की भी है 2018 से हो रहे भ्रष्टाचार पर किसी ने इसका विरोध नहीं किया, यही कारण है कि निगम के जिम्मेदार भ्रष्ट अधिकारियों ने जनता को शासन से मिलने वाली सुविधा को अपनी काली कमाई का अड्डा बना लिया है बीते 5 सालों में अभी तक कई लाख रुपए की फर्जी निकासी की जा चुकी है और बेचारी जनता आज भी सुलभ शौचालय में मिलने वाली सुविधा से वंचित है और अपने आप को ठगा महसूस कर रही है।


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