कोरबा@राजस्व विभाग में जाति सत्यापन किए बगैर अनुसूचित जनजाति वर्ग का जाति प्रमाण-पत्र जारी

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-राजा मुखर्जी-
कोरबा,21 जुलाई 2022(घटती-घटना)। किसी को यदि जाति प्रमाण पत्र बनवाना है तो इसके लिए दर्जनों बार पटवारी दफ्तर से लेकर तहसील और एसडीएम कार्यालय के चक्कर लगाते हुए जूते-चप्पल घिसढ्ढने होंगे साथ ही चंद लोगों को चढ़ावा भी चढ़ाना होगा और तब कहीं जाकर इनकी कृपा हुई तो जाति प्रमाण पत्र बन कर हासिल होगा। यह जमीनी हकीकत है, जबकि सरकार के तमाम निर्देशों के बाद भी लोग जूझ रहे हैं। यह बात और है कि यदि पटवारी-अधिकारी मेहरबान हों तो अपवाद व संयोग स्वरूप कई लोगों के प्रमाण पत्र बड़ी आसानी से बन जाते हैं ढ्ढ कटघोरा के राजस्व दफ्तर में कुछ ऐसी ही मेहरबानी चार लोगों पर बरसी है, जहां इनके निवास के सत्यापन का कोई ओर-छोर नहीं होने, प्रमाण नहीं होने के बाद भी इन्हें अनुसूचित जनजाति वर्ग का जाति प्रमाण पत्र जारी किया गया। प्रशासनिक सांठगांठ का यह गंभीर उदाहरण है कि, जिन चार लोगों के प्रमाण पत्र बनाए गए हैं, उनका आवेदन राजस्व प्रकरण पंजी में दर्ज ही नहीं है, इस वजह से इनके संबंध में कोई भी जानकारी दे पाना संभव नहीं हो सका है। वर्ष 2014 में ईश्वर एक्का, रघुनाथ बागरा, रंजीत लकड़ा और नंदू लाल के नाम से अजजा वर्ग के जाति प्रमाण पत्र जारी किए गए, जिनका तहसील और राजस्व अनुभाग कटघोरा है। इसकी शिकायत पर हुई जांच में स्पष्ट हुआ है कि, चारों लोगों के जाति प्रमाण पत्र पूर्णत:: गलत हैं। इन प्रमाण पत्रों को अंतिम जांच होने तक निलंबित करने तथा किसी भी प्रकार के हित लाभ के लिए प्रमाण पत्र पप्राप्तकर्ता लोगों के द्वारा उपयोग नहीं किए जाने का आदेश भी जारी किया गया है। जिला स्तरीय प्रमाण पत्र सत्यापन समिति के द्वारा इसकी जांच कर छानबीन समिति रायपुर को अंतिम जांच हेतु प्रकरण प्रेषित कर दिया गया है।


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