रायपुर@सिहदेव के इस्तीफ़े की सदन मे गूज

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बीजेपी ने कहा, राज्य मे सवैधानिक सकट के हालात,आसदी ने कहा-“मत्री का पत्र लिखना सवैधानिक सकट नही”
रायपुर। टीएस सिहदेव के इस्तीफे को लेकर विपक्ष ने विधानसभा मे सरकार को घेरा. नेता प्रतिपक्ष धरम लाल कौशिक ने कहा कि सवैधानिक सकट की स्थिति है, मत्री सदन मे होते तो उनसे बात करते. मत्री को निकालना है तो इसकी घोषणा मुख्यमत्री करे. भारी शोरगुल के बीच सदन की कार्यवाही पहले दस मिनट के लिए स्थगित की गई. सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने के बाद भी विपक्षी सदस्यो का हगामा जारी रहा. आसदी ने सदन की कार्यवाही गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दिया. इसके पहले नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने आरोप लगाया कि अधी-बहरी और गूगी सरकार है, जो अपने मत्री की आवाज नही सुन पा रही है. मुख्यमत्री भूपेश बघेल की मशा नही है कि प्रधानमत्री आवास जरूरतमदो को मिल सके. वही बीजेपी के वरिष्ठ विधायक अजय चद्राकर ने कहा कि मत्रिमडल और कार्यपालिका विधायिका के प्रति उारदायित्व है. मत्री टीएस सिहदेव के मामले मे सरकार वस्तुस्थिति बताएँ. प्रदेश मे सवैधानिक सकट की स्थिति है.
विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि मत्री ने सरकार पर ही अविश्वास प्रकट किया है. अनुच्छेद 166 मे राज्यपाल ने मत्रियो को अधिकार दिए है. मुख्यमत्रियो को मत्रियो के अधिकार छिनने का अधिकार नही है. क्या मत्री से मुख्य सचिव बड़ा हो गया है. छाीसगढ़ मे ये अनूठा उदाहरण है. मत्री यदि एक विभाग से इस्तीफ़ा देता है तो इस विषय पर जब तक मत्री और मुख्यमत्री का वक्तव्य नही आ जाता तब तक सदन चलाने का कोई औचित्य नही.
उन्होने कहा कि मत्री मे यदि हिम्मत है तो आकर वह मत्री पद से इस्तीफ़ा दे. राज्यपाल के प्रति उारदायित्व रहते हुए एक मत्री यदि सरकार पर सवाल उठाता है तो ऐसे मे मत्रिमडल पर विश्वास कैसे किया जा सकता है. ये कौन सा नियम है, कौन सा सविधान है कि मत्री के निर्णय पर मुख्य सचिव की कमेटी अतिम निर्णय ले. जब तक इस प्रकरण का निराकरण नही हो जाता तब तक सदन की कार्यवाही स्थगित रखी जाए.
स्पीकर डॉक्टर चरणदास महत ने पूछा किस नियम के तहत इस पर चर्चा हो रही है? मत्री के पत्र पर किस नियम से चर्चा हो रही है? स्पीकर ने कहा कि राज्य मे किसी तरह का सवैधानिक सकट नही है. मत्री के पत्र पर इस्तीफ़ा स्वीकार करने की कोई सूचना नही है.
जेसीसी विधायक धर्मजीत सिह ने कहा कि मत्री सदन मे नही है. पचायत विभाग का मत्री सदन मे नही है. पत्र के जवाब मे 61 विधायको ने कर्रवाई की माँग को लेकर चिट्ठी पर दस्तख़त किया है. पुनिया जी उसे लेकर दिल्ली गई है. हसदेव और सिहदेव का अस्तित्व ख़तरे मे पड़ा हुआ है. मुझे नही लग सकता ये बचेगे. बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि ये गोपनीय पत्र है. मत्री ने शपथ ली है. गोपनीय पत्र बाहर आया है तो इस सरकार को एक मिनट भी रहने का अधिकार नही।


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