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चीन में रियल एस्टेट सेक्टर की समस्या अब बदल रही है गहरे बैंकिंग संकट में

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वर्ल्ड डेस्क, हांग कांग 18 जुलाई 2022 100 से ज्यादा हाउसिंग कॉम्पलेक्स में मकान खरीदने वाले लोगों ने अपनी पीड़ा बताने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया है। वहां उन्होंने कहा है कि जब तक बिल्डर मकान तैयार कर उन्हें नहीं सौंपते, वे बैंकों का कर्ज नहीं चुकाएं। चीन में कर्ज की किस्तें न चुकाने वालों के खिलाफ कड़े कानून हैं…चीन में लाखों मकान खरीदारों ने कर्ज चुकाना बंद करने की धमकी दे दी है। उनकी शिकायत है कि कंस्ट्रक्शन परियोजनाओं के समय पर पूरा न होने के कारण कर्ज की किस्तें चुकाना उन्हें भारी पड़ रहा है। जानकारों के मुताबिक यह चीन के रियल एस्टेट सेक्टर में तेजी से गहरा रहे संकट का संकेत है। बिल्डर खुद कर्ज से दबे हुए हैं। इस कारण उनमें से बहुतों ने उन प्रोजेक्ट्स पर भी काम रोक दिया है, जिनके फ्लैट वे बेच चुके हैं। जो रियल एस्टेट कंपनियां गहरे संकट में हैं, उनमें चाइना एवरग्रैंड और शिमाओ शामिल हैं। एवरग्रैंड तो 300 बिलियन डॉलर के कर्ज में दबी हुई है।

ताजा खबर के मुताबिक 100 से ज्यादा हाउसिंग कॉम्पलेक्स में मकान खरीदने वाले लोगों ने अपनी पीड़ा बताने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया है। वहां उन्होंने कहा है कि जब तक बिल्डर मकान तैयार कर उन्हें नहीं सौंपते, वे बैंकों का कर्ज नहीं चुकाएं। चीन में कर्ज की किस्तें न चुकाने वालों के खिलाफ कड़े कानून हैं। सोशल क्रेडिट नाम के सिस्टम के तहत ऐसा करने वाले लोगों के यात्रा करने पर रोक लगा दी जाती है। इसके अलावा भी उन पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए जाते हैं।

लेकिन अब मकान खरीदार इस नियम को खुली चुनौती दे रहे हैं। झेंगझाउ शहर में स्थित युफा बैलुयुवान हाउजिंग डेवलपमेंट प्रोजेक्ट में मकान खरीदने वाले लोगों ने एक सामूहिक बयान सोशल मीडिया पर डाला है। उसमें उन्होंने कहा है- ‘जब हमारी जिंदगी ही मुश्किल में है, तो सोशल क्रेडिट सिस्टम हमारे लिए महज कागजी शेर है। हमें ऐसे बंधनों से निकलना होगा और जिन लोगों ने हमें लूटा है, उन्हें बताना होगा कि हम बलि का बकरा नहीं हैं।

अंतरराष्ट्रीय बैंक एएनजेड की एक रिपोर्ट के मुताबिक चीन में अटकी पड़ी आवासीय परियोजनाओं में खरीदे गए मकानों पर 220 बिलियन डॉलर का कर्ज है। इससे पीड़ित लोगों ने आवाज उठाने की शुरुआत जून के आखिर हफ्ते में की। जिंगडेझेन शहर में एवरग्रैंड प्रोजेक्ट में मकान खरीदने वाले लोगों ने पहल की। उसके बाद ये मुहिम देश भर में फैल गई है। चीन में अधूरी पड़ी आवासीय परियोजनाओं में से लगभग एक तिहाई एवरग्रैंड कंपनी की हैं।

हांगसेंग बैंक चाइना के मुख्य अर्थशास्त्री दान वांग ने वेबसाइट निक्कईएशिया.कॉम से बातचीत में कहा- ‘अगर दसियों हजार मकान खरीदार सचमुच कर्ज की किस्तें चुकाना रोक देते हैं, तो रियल एस्टेट की कंपनियां ढह जाएंगी। तब उनके पास बिल्कुल ही नकदी नहीं बचेगी। बैंकों के लिए भी भारी जोखिम है। खास कर ये जोखिम स्थानीय बैंकों के लिए है, जिनका मुख्य कारोबार आवासीय क्षेत्र में ही है। यह संभव नहीं है कि सेंट्रल बैंक (पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना) उन सभी बैंकों को बचा ले।

गहराते संकट के बीच गुरुवार से चीन में रियल एस्टेट सेक्टर की कंपनियों के शेयरों के भाव में भारी गिरावट दर्ज हुई है। जापानी बैंक नोमुरा का अनुमान है मुताबिक 2013 से 2020 के बीच रियल एस्टेट कंपनियों ने सिर्फ 60 फीसदी मकान ही तैयार कर खरीदारों को सौंपे हैं। इस बीच चीन में मकान खरीदने के मकसद से लिये गए कर्ज की मात्रा बढ़ती चली गई है।


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