वर्ल्ड डेस्क, लंदन 18 जुलाई 2022। मौसम विभाग की मुख्य कार्यकारी पेनी एंडर्सबी ने कहा कि कल यानी मंगलवार को तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर पहुंचने की संभावना सबसे ज्यादा है। कुछ मॉडल्स में इस साल दिन का तापमान 43 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने के आसार हैं। ब्रिटेन इस साल भीषण गर्मी का सामना कर रहा है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक, इतिहास में जब से तापमान का रिकॉर्ड रखना शुरू किया गया है, तब से यह ब्रिटेन में गर्मी को लेकर पहला ‘रेड अलर्ट’ होगा। अमेरिकी मौसम विभाग का कहना है कि ब्रिटेन तेजी से 40 डिग्री सेल्सियस तापमान के रिकॉर्ड को तोड़ने की ओर बढ़ रहा है। अनुमान है कि सोमवार या मंगलवार को देश में इतिहास का सबसे ज्यादा तापमान दर्ज कर लिया जाएगा।
इस स्थिति को देखते हुए ब्रिटिश हेल्थ सिक्योरिटी एजेंसी (यूकेएचएसए) ने देश में राष्ट्रीय आपातकाल का एलान कर दिया है और मौसम विभाग ने लोगों को घरों के अंदर रहने की ही सलाह दी है। आम लोगों से कहा गया है कि वे बिना जरूरत के घरों से न निकलें। मौसम विभाग की मुख्य कार्यकारी पेनी एंडर्सबी ने कहा कि कल यानी मंगलवार को तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर पहुंचने की संभावना सबसे ज्यादा है। कुछ मॉडल्स में इस साल दिन का तापमान 43 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने के आसार हैं। स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी करते हुए कहा है कि इस भीषण गर्मी में स्वस्थ लोगों के गंभीर रूप से बीमार पड़ने का खतरा सबसे ज्यादा है। इससे उनकी मौत तक हो सकती है। चेतावनी में कहा गया है कि ब्रिटिश नागरिक ज्यादा अधिक तापमान सहने में सक्षम नहीं हैं। यही नहीं, ब्रिटेन में बेहद कम घरों, स्कूलों या छोटे व्यवसायों में एयर कंडीशनर की व्यवस्था है।
क्या है उच्चतम तापमान का पिछला रिकॉर्ड?
ब्रिटेन के मौसम के ज्ञात इतिहास में सबसे भीषण गर्मी साल 2019 में पड़ी थी, जब पारा 38.7 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था। ब्रिटेन में आमतौर पर हल्की गर्मी पड़ती है। जुलाई में औसत अधिकतम तापमान 21 डिग्री, जबकि औसत न्यूनतम तापमान 12 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहता है। परिवहन विभाग ने रेल और सब-वे यात्रियों को जरूरी न होने पर यात्रा न करने की सलाह जारी की है। बच्चों और बुजुर्गों के गर्मी के दुष्प्रभावों के प्रति ज्यादा संवेदनशील होने के मद्देनजर स्कूलों और अस्पतालों को उनका ज्यादा ख्याल रखने का निर्देश दिया गया है। ब्रिटेन में यह अलर्ट ऐसे समय में जारी किया गया है, जब वैज्ञानिकों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन के चलते देश में लू चलने की आशंका बढ़ गई है।