नई दिल्ली, 15 जुलाई 2022। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रूबिया सईद ने जेकेएलएफ चीफ यासीन मलिक की पहचान अपहरणकर्ता के तौर पर की है. 1989 मे हुए अपहरण काड की सुनवाई के मामले मे पहली बार रूबिया सईद कोर्ट के सामने पेश हुई थी. अदालत मे रुबिया ने बताया कि 1989 मे यासीन मलिक और तीन लोगो के साथ मिलकर उनका अपहरण किया था.
बता दे कि इस अपहण की खबर से पूरे देश मे हड़कप मे मच गया था. रूबिया को छुड़ाने के लिए उस समय 5 दुर्दात आतकवादियो को बदले मे रिहा करना पड़ा था. 1990 से इस मामले की जाच कर रही सीबीआई ने इस मामले मे रूबिया को गवाह बनाया था. आतकवादियो को फडिग के अपराध मे यासीन मलिक इस समय उम्रकैद की सजा काट रहा है.
क्या था मामला
जम्मू-कश्मीर मे 90 के दशक मे आतकवाद अपने चरम पर था. उसी समय तत्कालीन केद्रीय गृह मत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद रूबिया सईद की बेटी का अपहरण हो गया. मुफ्ती मोहम्मद सईद जम्मू-कश्मीर के बड़े नेता थे और वो बाद मे मुख्यमत्री भी बने. लेकिन 1989 मे केद्रीय गृहमत्री की बेटी के अपहरण की खबर ने पूरे देश के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया था. केद्रीय गृहमत्री की बेटी को छुड़ाने के लिए सरकार ने पूरी ताकत झोक दी. बाद मे रूबिया को छुड़ाने के लिए सरकार को 5 आतकवादियो को छोड़ना पड़ा. इस पूरे काड मे जेकेएलएफ का सरगना यासीन मालिक मास्टरमाइड था जो घाटी मे अलगाववाद फैला रहा था.
यासीन मलिक इस समय आतकवादियो को फडिग के अपराध मे उम्रकैद की सजा काट रहा है. हालाकि उसके ऊपर और बड़ी घटना को अजाम देने के आरोप मे मुकदमा चल रहा है. जनवरी 1990 को श्रीनगर के रावलपोरा मे हुए आतकी हमले से सबधित है. वायु सेना के कर्मचारियो पर आतकवादियो द्वारा गोलीबारी की गई, जिसमे एक महिला सहित 40 को गभीर चोटे आई थी और वायुसेना के चार जवान शहीद हो गए थे.।
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