अनाज, बिजली, पेट्रोल सस्ता होने से घटी थोक महंगाई, पर 15वें माह भी 10 फीसदी से ज्यादा

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बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली 15 जुलाई 2022I  सरकार की ओर से बृहस्पतिवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, खनिज और मूल धातु के दाम में मासिक आधार पर भले ही तेज सुधार हुआ है, लेकिन खाने-पीने की वस्तुओं की कीमतों में तेजी बनी हुई है। अनाज, गेहूं, प्याज, पेट्रोल, बिजली और खनिज की कीमतों में गिरावट से जून, 2022 में थोक महंगाई के मोर्चे पर राहत मिली है। इसके साथ ही थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित महंगाई के पिछले तीन महीने से बढ़ने का चलन जून में बंद हो गया। फिर भी यह अप्रैल, 2021 से लगातार 15वें महीने 10 फीसदी से ऊंची बनी हुई है।

सरकार की ओर से बृहस्पतिवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, खनिज और मूल धातु के दाम में मासिक आधार पर भले ही तेज सुधार हुआ है, लेकिन खाने-पीने की वस्तुओं की कीमतों में तेजी बनी हुई है। जून में खाद्य वस्तुओं की महंगाई बढ़कर 14.39 फीसदी पहुंच गई, जो मई, 2022 में 12.34 फीसदी रही थी। रेटिंग एजेंसी इक्रा का कहना है कि वैश्विक स्तर पर मंदी आने की आशंका बढ़ने और कमोडिटी की कीमतों में नरमी से खनिज एवं मूल धातु सस्ते हुए हैं। इससे थोक महंगाई के मोर्चे पर राहत मिली है। लेकिन, फल, सब्जियों, आलू के दाम बढ़ने की वजह से डब्ल्यूपीआई महंगाई अब भी उच्च स्तर पर बनी हुई है।

मार्च तक पांच फीसदी रह जाएगी खुदरा महंगाई
एसबीआई लगातार बढ़ रही खुदरा महंगाई अगले साल मार्च तक 2 फीसदी घटकर 5 फीसदी के स्तर पर आ सकती है। जून, 2022 में यह मामूली घटकर 7.01 फीसदी पर आ गई। एसबीआई ने रिपोर्ट में कहा कि देश में खुदरा महंगाई दर लगातार छठे महीने 6 फीसदी से ऊपर रही है। हालांकि, पिछले दो महीने में सरकार और आरबीआई की ओर से उठाए गए कदमों से महंगाई के मोर्चे पर राहत मिली है। इन कदमों में पेट्रोल-डीजल पर उत्पाद शुल्क में कटौती, खाद्य निर्यात पर प्रतिबंध शामिल हैं।

  • मॉनसून बेहतर होने और आपूर्ति पक्ष में सुधार से आने वाले समय में महंगाई से राहत मिल सकती है। 
  • एसबीआई ने कहा कि वैश्विक मंदी आने की फिलहाल 20 से 30 फीसदी ही आशंका है। इसकी प्रमुख वजह बढ़ती महंगाई और आक्रामक तरीके से बढ़ाई जा रही ब्याज दरें हैं। अर्थव्यवस्था में लंबे समय तक गतिरोध बना रह सकता है।

चालू तिमाही में भी ऊंचे रहेंगे कोयले के दाम
इक्रा ने बृहस्पतिवार को कहा कि मानसून के दौरान कोयले की आपूर्ति को लेकर आने वाली मुश्किलों को देखते हुए चालू तिमाही में भी घरेलू कोयले के दाम अधिक बने रह सकते हैं। मई में घरेलू स्तर पर कोयले की ई-नीलामी पर प्रीमियम 400 फीसदी से भी ज्यादा बढ़ गया। इसका मूल धातु कंपनियों के लागत ढांचे और मार्जिन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा।

जुलाई में मिलेगी राहत…
इक्रा की  मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि वैश्विक स्तर पर कमोडिटी और ईंधन की कीमतों में नरमी आ रही है। घरेलू स्तर पर भी खाद्य वस्तुओं के दाम धीरे-धीरे घट रहे हैं। इसका ज्यादा असर अगले महीने आने वाले जुलाई के थोक महंगाई के आंकड़ों पर दिखेगा। उम्मीद है कि जुलाई में थोक महंगाई घटकर 13 फीसदी रह जाएगी।
ये उत्पाद हुए सस्ते
            जून         मई     वस्तुएं
8.55%               33.94%  खनिज
           7.99%           8.01%  अनाज
10.34%                      10.55% गेहूं
-31.54%                   -20.40% प्याज
           7.24%    7.78%  मांस, मछली
          3.90% 4.79%          बने कपड़े
40.38%            40.62%  ईंधन-बिजली
57.82%              58.78%     पेट्रोल
9.19%               10.11%   विनिर्मित
इन पर महंगाई की मार
              जून    मई      उत्पाद
56.75%               56.36% सब्जी
 39.38%            24.83%   आलू
            20.33%      9.98%    फल
 -2.82%             -3.69%   दाल
          6.35%          5.81%   दूध
  53.20%    47.71%    एलपीजी
          4.08% 1.84%     चमड़ा  
14.96%            13.94% रसायन
3.86% 1.83%     फार्मा


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