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ऐसे लोगों में डेंगू बुखार का खतरा होता है अधिक, जानिए बचाव के लिए क्या करें?

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हेल्थ डेस्क, नई दिल्ली 15 जुलाई 2022I  मानसून का यह मौसम कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियां लेकर आता है। इसमें बैक्टीरियल और वायरल संक्रमण के साथ मच्छर जनित कई तरह की बीमारियों का भी खतरा रहता है। डेंगू ऐसी ही एक गंभीर बीमारी है जिसके कारण हर साल अस्पतालों में भारी भीड़ देखने को मिलती है। डेंगू की गंभीर स्थिति जानलेवा भी हो सकती है, यही कारण है कि स्वास्थ्य विशेषज्ञ सभी लोगों को इस बीमारी से बचाव के उपाय करते रहने की सलाह देते हैं। डेंगू किसी भी उम्र के लोगों को हो सकता है, बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक इस बीमारी की चपेट में आ सकते हैं। इसमें बुखार आने और प्लेटलेट्स के लगातार गिरने जैसी दिक्कतें होती हैं। कई बार ये गंभीर लक्षण जानलेवा तक हो सकते हैं।
डेंगू वायरस मुख्यरूप से एडीज एजिप्टी प्रजाति के मादा मच्छरों के काटने से फैलता है। डेंगू के लक्षण आमतौर पर 2-7 दिनों तक रहते हैं, ज्यादातर लोग करीब एक हफ्ते बाद ठीक हो जाएंगे। हालांकि जिन लोगों में बुखार के कारण प्लेटलेट्स गिरने की दिक्कत होती है उन्हें विशेष इलाज की आवश्यकता होती है। आइए जानते हैं कि किन लोगों में डेंगू का खतरा अधिक होता है और इससे बचाव के लिए क्या उपाय किए जाने चाहिए?

डेंगू के लक्षणों की समय पर पहचान करें?

डेंगू के लक्षणों पर समय पर ध्यान देकर बीमारी को गंभीर रूप लेने से रोका जा सकता है। डेंगू के लक्षण शुरुआत में फ्लू के जैसे हो सकते हैं, ऐसे में इनमें अंतर करना आवश्यक हो जाता है। संक्रमित मच्छर के काटने के चार से 10 दिन में इसके लक्षण शुरू हो सकते हैं। इसमें तेज बुखार की समस्या सबसे अधिक देखी जाती है। बुखार 104 फारेनहाइट के करीब हो सकता है। बुखार के साथ सिरदर्द, मांसपेशियों, हड्डी या जोड़ों का दर्द, जी मिचलाना, उल्टी, आंखों के पीछे दर्द और त्वचा पर लालिमा की समस्या भी हो सकती है। 

किन्हें डेंगू का खतरा अधिक

 स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं, कुछ स्थितियों में आपमें अन्य लोगों की तुलना में डेंगू होने का जोखिम अधिक हो सकता है। जैसे आप यदि डेंगू प्रभावित क्षेत्रों में रह रहे हैं या फिर हाल ही में उन स्थानों की यात्रा की है जहां पर डेंगू का संक्रमण रहा है तो इस स्थितियों में खतरा हो सकता है। इसके अलावा यदि आपको पहले भी डेंगू बुखार हो चुका है तो भी संक्रमण का जोखिम आपमें अधिक हो सकता है। डेंगू से पहले संक्रमित रह चुके हैं तो आपमें अगले संक्रमण में गंभीर लक्षणों का खतरा बढ़ जाता है।

कमजोर इम्युनिटी वालों में खतरा

 अध्ययनों से पता चलता है कि जिन लोगों की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है उनमें अन्य लोगों की तुलना में डेंगू के लक्षणों के गंभीर रूप लेने का खतरा अधिक हो सकता है। ऐसे लोगों में  प्लेटलेट्स तेजी से गिरने लगते हैं और इनको रिकवर होने में अन्य लोगों की तुलना में अधिक समय लग सकता है। कमजोर इम्युनिटी वालों को डेंगू से बचाव को लेकर विशेष सतर्कता बरतने की आवश्यकता होती है।

डेंगू से बचाव के लिए क्या करें?

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक डेंगू से बचाव के लिए मच्छरों से सुरक्षित रहने के उपाय करना बहुत आवश्यक है। इसके लिए पूरी बाजू के कपड़े पहनकर रखने चाहिए। घर के आस-पास मच्छरों को पनपने से रोकने के लिए कीटनाशकों का छिड़काव करें, खाली बर्तनों में पानी जमा न होने दें और रात में सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें। डेंगू के खतरे से बचे रहने कि लिए इम्युनिटी को मजबूत करने के उपाय करना भी जरूरी है।


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नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्ट्स और स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सुझाव के आधार पर तैयार किया गया है। 

 
अस्वीकरण: घटती-घटना की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को घटती-घटना के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। घटती-घटना लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें। 


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