विक्रमसिंघे बोले- खत्म करूंगा ‘राष्ट्रपति ध्वज’ और ‘महामहिम’ शब्द, सुरक्षा बलों को कानूनी कार्रवाई करने की पूरी आजादी

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वर्ल्ड डेस्क, कोलंबो 15 जुलाई 2022I कार्यवाहक राष्ट्रपति विक्रमसिंघे ने कहा कि कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए, मैंने एक विशेष समिति नियुक्त की है जिसमें चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, पुलिस महानिरीक्षक और तीन सशस्त्र बलों के कमांडर शामिल हैं। भारत का पड़ोसी देश श्रीलंका अभूतपूर्व आर्थिक और राजनीतिक संकट के दौर से गुजर रहा है। इस बीच, श्रीलंका के कार्यवाहक राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने कहा कि हमें सांसदों के लिए ऐसा माहौल बनाना चाहिए जिससे वे स्वतंत्र रूप से अपनी राय व्यक्त कर सकें। उन्हें पूरी सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी। हम किसी भी समूह को संसद में लोकतंत्र को नष्ट करने की अनुमति नहीं देंगे।

देश में आग लगाने की कोशिश कर रहे फासीवादी समूह
विक्रमसिंघे ने आगे कहा, “साथ ही ऐसे समूह भी हैं जो लोकतंत्र का दमन कर फासीवादी तरीकों से देश में आग लगाने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे व्यक्तियों ने संसद के समीप सुरक्षा बलों के दो हथियार गोलियों सहित चोरी कर लिए।”
श्रीलंकाई सेना के 24 जवान घायल
उन्होंने बताया कि सेना के 24 सदस्य घायल हो गए हैं, जिनमें से 2 आज गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। विद्रोहियों और प्रदर्शनकारियों के बीच एक बड़ा अंतर है। शुरू से ही संघर्ष में शामिल कई लोगों ने तोड़फोड़ की इन हरकतों का विरोध किया है।
‘सीडीएस, पुलिस महानिरीक्षक और तीनों सशस्त्र बलों को कार्रवाई कू पूरी आजादी’
कार्यवाहक राष्ट्रपति ने कहा कि कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए, मैंने एक विशेष समिति नियुक्त की है जिसमें चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, पुलिस महानिरीक्षक और तीन सशस्त्र बलों के कमांडर शामिल हैं। उन्हें बिना किसी राजनीतिक हस्तक्षेप के कानूनी कार्रवाई करने की पूरी आजादी दी गई है।
‘महामहिम शब्द और राष्ट्रपति ध्वज समाप्त किया जाएगा’
उन्होंने कहा कि कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में, मैं दो और निर्णय लूंगा। राष्ट्रपति का परिचय कराने के लिए “महामहिम” शब्द का प्रयोग आधिकारिक तौर पर प्रतिबंधित है। साथ ही राष्ट्रपति ध्वज को भी समाप्त कर दिया जाएगा। श्रीलंका में जारी राजनीतिक उथलपुथल के बीच रानिल विक्रमसिंघे ने गुरुवार को कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। इससे पहले देश छोड़कर भाग चुके गोटाबया राजपक्षे ने राष्ट्रपति के पद से इस्तीफा दिया था। संसद के स्पीकर ने महिंदा यापा अभयवर्धने ने शुक्रवार को इसकी आधिकारिक घोषणा की।  गोटाबया राजपक्षे ने देश की अर्थव्यवस्था को न संभाल पाने के कारण अपने और अपने परिवार के खिलाफ बढ़ते जनाक्रोश के बीच देश छोड़ने के दो दिन बाद इस्तीफा दिया। गुरुवार को एक निजी यात्रा पर सिंगापुर जाने की अनुमति मिलने के बाद राजपक्षे ने संसद के स्पीकर को अपना इस्तीफा ईमेल के जरिए भेजा।  


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