रायपुर, 14 जुलाई 2022। लोकसभा सचिवालय ने अससदीय शब्द 2021 शीर्षक के तहत ऐसे शब्दों एव वाक्यो का नया सकलन तैयार किया है, जिन्हे ‘अससदीय अभिव्यक्ति’ की श्रेणी मे रखा गया है. मानसून सत्र से पहले सदस्यो के उपयोग के लिए जारी इस सकलन मे ऐसे शब्द को शामिल किया गया है, जिन्हे लोकसभा, राज्यसभा, विधानमडलो मे 2021 मे अससदीय घोषित किया गया था.
अससदीय अभिव्यक्ति के सकलन मे छत्तीसगढ़ विधानसभा की कार्यवाही से हटाए गए कुछ शब्द या वाक्यो को भी रखा गया है. इनमे बॉब कट हेयर, गरियाना, अट-शट, उचक्के, उल्टा चोर कोतवाल को डाटे आदि शामिल है. इसमे राजस्थान विधानसभा मे अससदीय घोषित कुछ शब्दों को भी रखा गया है, जिसमे काव-काव करना, तलवे चाटना, तड़ीपार तथा झारखड विधानसभा मे कई घाट का पानी पीना शामिल है.
इन शब्दों पर लगी रोक
सकलन के अनुसार, अससदीय शब्द, वाक्य या अमर्यादित अभिव्यक्ति की श्रेणी मे रखे गए शब्दों मे जुमलाजीवी, बाल बुद्धि सासद, शकुनि, जयचद, लॉलीपॉप, चाण्डाल चौकड़ी, गुल खिलाए, पिठ्ठू, कमीना, काला सत्र, दलाल, खून की खेती, छोकरा, कोयला चोर, गोरू चोर, चरस पीते है, साड जैसे शब्दों को सम्मिलित किया गया है.
रिकॉर्ड का हिस्सा नही माना जाएगा
अगर कोई सदस्य पीठ पर आक्षेप करते हुए यह कहते है कि जब आप इस तरह से चिल्ला कर वेल मे जाते थे, उस वक्त को याद करू या आज जब आप कुर्सी पर बैठे है तो इस वक्त को याद करूज्तब इन्हे रिकॉर्ड का हिस्सा नही माना जाएगा.
लोकसभा मे क्या है नियम 380 और 381
लोकसभा मे कामकाज की प्रक्रिया एव आचार के नियम 380 के मुताबिक, अगर अध्यक्ष को लगता है कि चर्चा के दौरान अपमानजनक या अससदीय या अभद्र या असवेदनशील शब्दोंका इस्तेमाल किया गया है, तो वे सदन की कार्यवाही से उन्हे हटाने का आदेश दे सकते है. वही, नियम 381 के अनुसार, सदन की कार्यवाही का जो हिस्सा हटाना होता है, उसे चिन्हित करने के बाद कार्यवाही मे एक नोट इस तरह से डाला जाएगा कि अध्यक्ष के आदेश के मुताबिक इसे हटाया गया.
Check Also
कोरबा@ युवती पर प्राणघातक हमला
Share चाकू मारकर बदमाश फरारकोरबा,24 नवम्बर 2024 (ए)। छत्तीसगढ़ के कोरबा शहर में पूजा करने …