रायपुर, 14 जुलाई 2022। छाीसगढ़ से जुड़े मामले मे सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को बड़ा आदेश दिया. वहा रेप के एक आरोपी को तय सजा के बाद भी जेल मे रखा गया था. इसपर कोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिया कि वह दोषी को 7.5 लाख रुपये का मुआवजा दे. सजा की अवधि पूरी होने के बावजूद इस रेप के दोषी को जेल मे रखा गया था.
सुप्रीम कोर्ट मे जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस सी. टी. रविकुमार ने यह फैसला दिया. कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता युवा है, उसे लबे समय तक और गैर कानूनी तरीके से मौलिक अधिकारो से वचित रखा गया. इसके अलावा उसने अतिरिक्त अवैध हिरासत की वजह से मानसिक पीड़ा सही. उच्चतम न्यायालय मे दोषी शख्स ने छाीसगढ़ हाईकोर्ट के फैसले का जिक्र किया था. हाई कोर्ट ने व्यक्ति को ढ्ढक्कष्ट की धारा-376 (दुष्कर्म) के तहत दोषी करार देने की निचली अदालत के फैसले की पुष्टि की थी, लेकिन सजा 12 साल से घटाकर सात साल सश्रम कारावास कर दी थी. लेकिन उसे ज्यादा वक्त तक जेल मे रहना पड़ा.
मामले पर सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने पाया कि व्यक्ति को सुनाई गई सजा से अधिक अवधि तक जेल मे रखा गया. याचिकाकर्ता को 10 साल तीन महीने और 16 दिनो तक कारावास मे रखा गया था. इसपर कोर्ट ने नाराजगी भी जताई. बेच ने कहा कि इसको किसी भी तरह से जायज नही ठहराया जा सकता. यह जरूरी था कि हाईकोर्ट के आदेश के हिसाब से याचिकाकर्ता को रिहा किया जाता. अपने फैसले मे सुप्रीम कोर्ट ने छाीसगढ़ सरकार को निर्देश दिया है कि वह सजा की अवधि पूरी होने के बावजूद जेल मे रखे जाने पर दुष्कर्म के एक दोषी को 7.5 लाख रुपये का मुआवजा दे.
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