ट्रासफर पर बैन हटाने बनी सहमति
रायपुर, 14 जुलाई 2022। मुख्यमत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता मे आज उनके निवास कार्यालय मे मत्रिपरिषद की बैठक हुई, जिसमे निम्नानुसार महत्पूर्ण निर्णय लिए गए। आज की बैठक मे मछुआ नीति को भी सरकार ने हरी झडी दी है। ट्रासफर पर बैन हटाने के लिए मत्रीमडल उपसमिति तय करेगा।
प्रदेश मे स्वीकृत सहायक आरक्षको के पदो को समाप्त कर डिस्टि्रक्ट स्ट्राईक फोर्स सवर्ग के सृजन की स्वीकृत के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया। इससे पुलिस विभाग के सहायक आरक्षको के वेतन सबधी विसगति को दूर होगी और प्रदेश के समस्त सहायक आरक्षको को नियमित वेतनमान प्राप्त होगा।
कैबिनेट के फैसले
राज्य मे प्रचलित मछली नीति के स्थान पर नई मछली पालन नीति लागू करने के प्रस्ताव अनुमोदन किया गया।
प्रदेश मे स्वीकृत सहायक आरक्षको के पदो को समाप्त कर डिस्टि्रक्ट स्ट्राईक फोर्स सवर्ग के सृजन की स्वीकृत के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया। इससे पुलिस विभाग के सहायक आरक्षको के वेतन सबधी विसगति को दूर होगी और प्रदेश के समस्त सहायक आरक्षको को नियमित वेतनमान प्राप्त होगा।
स्थानातरण नीति 2022 के परिपेक्ष्य मे यह निर्णय लिया गया कि इस सबध मे मत्रिमडलीय उप समिति का गठन किया जाएगा, जिसके सुझाव/अनुशसा के आधार पर माननीय मुख्यमत्री का अनुमोदन प्राप्त किया जाएगा।
प्रथम अनुपूरक अनुमान वर्ष 2022-2023 का विधान सभा मे उपस्थापन बाबत् छाीसगढ़ विनियोग विधेयक, 2022 के प्ररूप का अनुमोदन किया गया।
विधान सभा के माननीय अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष एव सदस्यो के वेतन एव भाो सशोधन विधेयक 2022 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।
छाीसगढ़ मत्री (वेतन तथा भाा) अधिनियम, 1972 मे सशोधन विधेयक, 2022 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।
माननीय मुख्यमत्री के स्वेच्छानुदान मद मे प्रावधानित वार्षिक राशि 40 करोड रूपए की सीमा को बढ़ाकर 70 करोड़ रूपए किए जाने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया
क्षेत्र सयोजक से मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पचायत के पद पर पदोन्नति हेतु न्यूनतम कालावधि 05 वर्ष मे 06 माह की छूट प्रदान करने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया।
वर्ष 2022-23 के लिये आबकारी राजस्व लक्ष्य एव गौठान के विकास तथा अन्य विकास गतिविधियो के लिये अतिरिक्त राशि की आवश्यकता की प्रतिपूर्ति हेतु ‘‘अतिरिक्त आबकारी शुल्क‘‘ मे वृद्धि किए जाने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया।
विघटित परिवहन निगम के अधिकारियो/कर्मचारियो की असामयिक मृत्यु होने पर आश्रित परिवार के सदस्य को अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान करने की प्रक्रिया मे आवश्यक सशोधन किया गया।
छाीसगढ़ भू-जल (प्रबधन और विनियमन) विधेयक-2022, के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया।
छाीसगढ़ राज्य गठन के पूर्व एव पश्चात् मोटरयानो पर बकाया कर के एकमुश्त निपटान योजना-2020 की मियाद अवधि एक अप्रैल 2022 से माह मार्च 2023 तक बढ़ाने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया।
अपै्ल 2020 से मार्च 2022 कुल 24 माह का सिटी बसो पर बकाया रोड टैक्स की राशि 99.95 लाख को छूट प्रदान करने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया।
औद्योगिक एव आर्थिक मदी के दुष्प्रभाव के कारण एचव्ही-4 श्रेणी के स्टील उद्योग अतर्गत स्टेड एलोन रोलिग मिल को प्रतिस्पर्धा मे टिके रहने के लिए राज्य शासन द्वारा विशेष राहत पैकेज अतर्गत ऊर्जा प्रभार मे 01 जुलाई 2022 से 31 मार्च 2023 तक छूट दिए जाने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया।
छाीसगढ़ विद्युत शुल्क अधिनियम, 1949 मे सशोधन विधेयक के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।
छाीसगढ़ सरकार ने मछुआरो को दी बड़ी सौगात, नई मछली पालन नीति को केबिनेट मे दी मजूरी
मछुआरो को दिया जाएगा उत्पादकता का बोनस
रायपुर, छाीसगढ़। मुख्यमत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता मे आज यहा उनके निवास कार्यालय मे आयोजित केबिनेट की बैठक मे छाीसगढ़ राज्य मे नवीन मछली पालन नीति की मजूर की गई। नवीन मछली पालन का उद्देश्य राज्य मे उपलध सम्पूर्ण जल क्षेत्र को मत्स्य पालन के अतर्गत लाते हुए मत्स्य उत्पादकता मे वृद्धि करने के साथ ही गुणवाायुक्त मत्स्य बीज उत्पादन तथा मत्स्य पालन को बढ़ावा देकर लोगो को स्वरोजगार प्रदान करना है।
नवीन मछली पालन नीति मे राज्य के मछुआरो को उत्पादकता बोनस दिए जाने का प्रावधान भी किया गया है। उत्पादकता बोनस की यह राशि छाीसगढ़ राज्य मत्स्य महासघ को जलाशयो एव बैराज की नीलाम से प्राप्त होने वाली राशि की 25 प्रतिशत होगी। राज्य मे अलकारिक मछली पालन एव गम्बुसिया मछली पालन को भी प्रोत्साहित किए जाने का प्रावधान नई नीति मे किया गया है।
नवीन मछली पालन नीति मे 0 से 10 हेक्टेयर औसत जल क्षेत्र के तालाबो एव जलाशयो को ग्राम पचायत द्वारा नियमानुसार 10 वर्षीय पट्टे प्रदान किया जाएगा। पचायत राज्य व्यवस्था के अतर्गत 10 हेक्टेयर से अधिक एव 100 हेक्टेयर औसत जल क्षेत्र के तालाबो एव जलाशयो को मछली पालन के लिए खुली निविदा आमत्रित कर 10 वर्ष के लिए पट्टे पर आबटित करने का अधिकार जनपद पचायत को, 100 हेक्टेयर से अधिक एव 200 हेक्टेयर के तालाबो एव जलाशयो को जिला पचायत द्वारा, 200 से अधिक एव 1000 हेक्टेयर तक के जलाशय एव बैराज को मछली पालन विभाग द्वारा पट्टे पर आबटित किया जाएगा।
1000 हेक्टेयर से अधिक के जल क्षेत्र वाले जलाशय एव बैराज छाीसगढ़ राज्य मत्स्य महासघ के आधिपत्य मे रहेगे। मत्स्य महासघ द्वारा जलाशय एव बैराज को पट्टे पर दिए जाने हेतु खुली निविदा से प्राप्त आय का 50 प्रतिशत राशि मछली पालन विभाग के राजस्व खाते मे देय होगी। शेष 50 प्रतिशत का 25 प्रतिशत हिस्सा स्थानीय स्तर पर मत्स्याखेट करने वाले मछुआरो को उत्पादकता बोनस के रूप मे दिया जाएगा।
नवीन मछली पालन नीति के प्रावधान के अनुसार राज्य मे नदियो पर बने एनिकटो एव उन पर स्थित डीप पूल जो 20 हेक्टेयर से अधिक के है, उन्हे सचालक मछली पालन द्वारा निर्धारित समयावधि के लिए मछुआ समूह, मत्स्य सहकारी समिति, महिला स्व सहायता समूह, मछुआ व्यक्ति को पट्टे पर नियमानुसार दिया जाएगा। इसके लिए एनिकटो एव दहो के आसपास के ग्रामीण, जो मत्स्याखेट से जीवन यापन करते हो, उन मछुआरो का नदी एव दहवार सहकारी समिति का गठन किया जाएगा।
नदियो एव 20 हेक्टेयर से कम जल क्षेत्र वाले एनिकट व डीप पूल मे निःशुल्क मत्स्याखेट की व्यवस्था यथावत रहेगी। नगरीय निकाय के अतर्गत आने वाले समस्त जल क्षेत्र नगरीय निकाय के अतर्गत रहेगे। नगरीय क्षेत्रो तथा नगरीय निकायो के तालाबो एव जलाशयो को शासन की नीति के अनुसार पट्टे पर आबटित किया जाएगा।
नवीन मछली पालन नीति के अनुसार 0 से 10 हेक्टेयर औसत जल क्षेत्र के जलाशयो/तालाबो का आबटन मछुआ समूह, मत्स्य सहकारी समिति एव आजीविका मिशन के तहत गठित स्थानीय महिला समूह, मछुआ व्यक्ति व मत्स्य कृषक को प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा।
मछली पालन मे डिप्लोमा, स्नातक या स्नातकोार व्यक्ति एव बेरोजगार युवा मछुआ व्यक्ति व मत्स्य कृषक माने जाएगे। गौठानो के लिए निर्मित तालाबो मे मछली पालन का कार्य गौठान समिति या उनके द्वारा चिन्हित समूह करेगा। पचायतो द्वारा लीज राशि मे बढ़ोतरी प्रति दो वर्ष मे 10 प्रतिशत की वृद्धि कर निर्धारण किया जाएगा, जिसका उपयोग जनहित के विकास कार्यो मे किया जाएगा।
नवीन मछली पालन नीति मे आदिवासी सहकारी समिति मे गैर आदिवासी सदस्यो का प्रतिशत 33 से घटाकर 30 करने के प्रावधान के साथ ही अनुसूचित जाति अधिसूचित क्षेत्र मे मछुआ सहकारी समिति के अध्यक्ष का पद अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित किया गया है। समिति के उपाध्यक्ष पद हेतु मछुआ जाति के सदस्य को प्राथमिकता दी जाएगी। प्रत्येक गाव मे कलेक्टर या उनके प्रतिनिधि, जो अनुविभागीय अधिकारी राजस्व से कम स्तर के न हो, के द्वारा निस्तारी तालाब का चिन्हाकन किया जाएगा।
चिन्हाकित निस्तारी तालाब मे मत्स्य पालन का कार्य पूर्णता प्रतिबधित होगा, ताकि ग्रामीणो का निस्तार मे किसी भी तरह की असुविधा न हो।
नवीन मछली पालन नीति मे मछली बीज की गुणवाा नियत्रण एव प्रमाणीकरण हेतु राज्य मे मत्स्य बीज प्रमाणीकरण अधिनियम बनाया जाएगा, जो मत्स्य बीज के उत्पादन को प्रोत्साहित करेगा एव बीज उत्पादन तकनीक की जानकारी देगा। मत्स्य बीज विक्रय करने वालो एव उत्पादको को मछली पालन विभाग मे पजीयन कराना एव विभाग से लाईसेस लेना अनिवार्य होगा। निजी क्षेत्र मे अधिक से अधिक हेचरी एव सवर्धन प्रक्षेत्रो के निर्माण को प्रोत्साहन एव शासन की नीति के अनुरूप अनुदान उपलध कराया जाएगा।
राज्य मे स्थित अनुपयोगी एव बद पड़े खदानो को विकसित कर मछली पालन हेतु स्थानीय बेरोजगारो को पट्टे पर दिया जाएगा। बड़े खदानो मे मछली पालन को बढ़ावा देने हेतु केज स्थापना की पहल की जाएगी। सिचाई जलाशयो मे केज कल्चर योजना के क्रियान्वयन के लिए मछली पालन विभाग पूर्ण रूप से अधिकृत होगा, इसके लिए सिचाई जलाशय को दीर्घ अवधि के लिए विभाग लीज पर दे सकेगा।
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