बैकुण्ठपुर@एसईसीएल बिश्रामपुर के रेहर खदान कोल स्टॉक गड़बड़ी मामले में शिकायत के बावजूद अभी तक नहीं हुई जांच शुरू?

Share

  • शिकायतकर्ता ने तमाम स्टेट व सेन्ट्रल एजेंसियों को कोल स्टॉक में गड़बड़ी की शिकायत की इसके बावजूद जांच एजेंसी नहीं पहुंची जांच में।
  • क्या मामले को रफा-दफा करने के लिए जांच एजेंसियां दे रही है एसईसीएल बिश्रामपुर को मोहलत?
  • कोल मेजरमेंट रिपोर्ट में सर्वे टीम ने कोयला स्टॉक कम व स्टॉक में पत्थर मिलाने की रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को सौंपी-सूत्र।
  • जांच एजेंसियों को अब तक 8 हजार टन कोल स्टॉक गड़बड़ी मामले में पहुंच जाना था बिश्रामपुर क्षेत्र: शिकायतकर्ता।
  • विजिलेंस सहित सीबीआई को शिकायत 8 हजार टन कोयले गड़बड़ी की हुई शिकायत।
  • रेहर खदान में 8 हजार टन कोयला होने का दावा और जमीनी हकीकत कुछ और।
  • क्या 8 हजार टन कोयला रेहर खदान में मौजूद है और यदि है तो कहां है?रिकॉर्ड के अनुसार 8 हजार टन कोयला मौजूद पर खदान के पास 8 सौ टन कोयला भी नहीं?
  • अधिकारी आनन-फानन में पत्थर और मिट्टी मिलाकर 8 हजार टन स्टॉक पूरा करने की जुगत में आखिर कब पहुंचेगी जांच टीम?
  • कोयला हेराफेरी के मामले में एक बार फिर बिश्रामपुर क्षेत्र का नाम आया सामने।

बैकुण्ठपुर 13 जुलाई 2022 (घटती-घटना)। एसईसीएल बिश्रामपुर क्षेत्र के रेहर उपक्षेत्र के रेहर खदान में 8 हजार टन कोयला गड़बड़ी की शिकायत विजिलेंस सहित सीबीआई को की गई थी पर शिकायत के लगभग 10 दिन बाद भी कोई भी इस मामले की जांच करने नहीं पहुंचा जाँच एजेंसी, वही इस पूरे मामले को रफा-दफा करने के लिए जांच एजेंसियों पर भी आरोप लगने लगे की आखिर जांच एजेंसी क्यों एसईसीएल को मोहलत दे रही है, सूत्रों की माने तो वहां पर पदस्थ सह क्षेत्र प्रबंधक का तबादला भी आमगांव सहक्षेत्र में कर दिया गया, वही कोल स्टॉक का मेजरमेंट रिपोर्ट भी सर्वे विभाग द्वारा उच्च अधिकारियों को दी गई है जिसमें 3000 टन कोयला कम होना बतया गया है और जो कोयला वहां मौजूद है उसमें भी भारी मात्रा में पत्थर मिलना बताया गया, ऐसे में यह कोल स्टॉक मामले में बड़ी गड़बड़ी है पर इतनी बड़ी गड़बड़ी होने के बावजूद जांच एजेंसी इतनी सुस्त क्यों है?  
कोल स्टॉक गड़बड़ी मामले में खान प्रबंधक की भूमिका अहम मानी जा रही है सहक्षेत्र प्रबंधक तबादला के बाद अभी वहां का चार्ज खान प्रबंधक के पास ही है और खान प्रबंधक 8 हजार टन कोयले गड़बड़ी को रफा-दफा करने का पूरा प्रयास कर रहे हैं, जिसके लिए महाप्रबंधक कार्यालय भी इनका सहयोग करता नजर आ रहा,  जबकि खान प्रबन्धक को तत्काल पद से पृथक कर जांच कराया जाना चाहिए था पर वहां उन्हें ही रखकर जांच की जा रही है जो जांच को प्रभावित करने जैसा माना जा रहा है। खान प्रबंधक पूछे जाने पर कहा था कि कोल स्टॉक में कोई गड़बड़ी नहीं है जितना कोयला होना चाहिए था उतना कोयला है पर कोयले की गड़बड़ी की शिकायत हुई है और शिकायत भी बहुत बड़े स्तर पर की गई है इसके बावजूद जांच का शुरू ना होना संध्यास्पत्त लग रहा है।

यह है मामला
एसईसीएल क्षेत्र में अक्सर कोयले में हेराफेरी का मामला सुनने को मिलता है कहीं ज्यादा तो कहीं कम कुछ साल पहले कोयले में बड़ी मात्रा में हेराफेरी को लेकर बिश्रामपुर क्षेत्र काफी चर्चित रहा था, जहां कई अधिकारियों को जेल की हवा भी खानी पड़ी थी, एक बार फिर बिश्रामपुर एससीसीएल क्षेत्र के रेहर खदान में बड़ी मात्रा में कोयला हेराफेरी का मामला फिर सामने आया है, जिसे लेकर मुख्य सतर्कता अधिकारी एसईसीएल बिलासपुर को शिकायत की गई है और जल्द से जल्द जांच की मांग की गई है, शिकायतकर्ता के अनुसार 8 हजार टन कोयला स्टॉक में होना बताया जा रहा है पर वास्तविक स्थिति में खदान के पास 8 हजार टन कोयला मौजूद दिख नहीं रहा, अब ऐसे में सवाल यह उठता है कि जब प्रबंधन 8000 टन कोयला होना बता रही है तो आखिर यह कोयला कहां है, वही शिकायत के बाद इस प्रबंधन हरकत में है और जल्दी-जल्दी 8000 टन कोयले का स्टॉक बनाने में जुट गई है, जिसके लिए मिट्टी से लेकर पत्थर तक मिलाने का कार्य प्रबंधन बड़ी तेजी से कर रहा है, अब देखना यह है कि 8000 टन कोयला दिखाने से पहले जांच टीम पहुंच पाती है या फिर एसईसीएल को 8000 टन कोयला स्टॉक मेंटेन करने के लिए समय देती है?

यह हुई शिकायत
शिकायतकर्ता सुजीत कुमार ने महामहिम राष्ट्रपति, माननीय प्रधानमंत्री, कोयला मंत्री,निदेशक, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो, मुख्य सतर्कता आयुक्त, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो छत्तीसगढ़, निदेशक, आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो, अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक, एसईसीएल, सीपतरोड बिलासपुर, तकनीकीनिदेशक (संचालन), एसईसीएल बिलासपुर, तकनीकी निदेशक पी एंड पी एसईसीएल बिलासपुर, जिलाधीश सूरजपुर जिला, पुलिस अधीक्षक को शिकायत करते हुए बतया की बिश्रामपुर क्षेत्र के रेहर खदान में 8000 टन कोयला होना बतया जा रहा है परंतु वहां की वास्तविक स्थिति में कोयला ना के बराबर मौजूद है जिसे अधिकारियों द्वारा कि हेरा फेरी को छुपाने हेतु प्रतिदिन केउत्पादन से कोयला को स्टॉक में गिराया जा रहा है जिससे उन के द्वारा किए गए हेराफेरी कोछुपायाजासकेl सूत्रों के अनुसार नवपदस्थ उपक्षेत्रीय प्रबंधक द्वारा स्टॉक में गड़बड़ी के कारण अब तक उसका चार्ज नहीं लिया गया है।
पत्थर और मिट्टी मिला कोल स्टॉक को 60 प्रतिशत किया मेंटेन 40 प्रतिशत अभी भी कम
सूत्रों की माने तो प्रबंधन इस मामले की शिकायत होते ही बड़ी तेजी से नीचे पत्थर बिछा उस पर कोयला उत्पादन कर बिछा गया और यह बताएगा की यह पूरा कोयला है जबकि वह कोयला नहीं मिट्टी व पत्थर है, आखिर 8 हजार टन कोयला का स्टॉक मेंटेन करने में प्रबंधन इतना परेशान है कि कुछ भी करके 8 हजार टन कोयला दिखाने का प्रयास कर रहा है, एक तरफ जहां कोयले का उत्पादन हो रहा है उस उत्पादन से कुछ कोयला कम दिखाकर उसे स्टॉक में रखा जा रहा है ताकि मिट्टी व पत्थर के साथ मिलाकर स्टॉक को मेंटेन कर लिया गया है, सूत्रों का यह भी कहना है की 60 प्रतिशत स्टॉक मेंटेन पत्थर व मिटटी मिला कर, इस के बावजूद 40 प्रतिशत कोल स्टॉक कम है।


Share

Check Also

कोरबा@ युवती पर प्राणघातक हमला

Share चाकू मारकर बदमाश फरारकोरबा,24 नवम्बर 2024 (ए)। छत्तीसगढ़ के कोरबा शहर में पूजा करने …

Leave a Reply