डीजीसीए को उम्मीद- जल्द खत्म होगा इंडिगो-गो फर्स्ट के इजीनियरों का ‘सिक लीव’

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बिज़नेस डेक्स नई दिल्ली 13 जुलाई 2022। डीजीसीए ने एक बयान जारी कर कहा है कि हम पूरी स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। अब विमानों का परिचालन सामान्य तरीके से हो रहा है। हमें उम्मीद है कि जो भी समस्याएं हैं उन्हें जल्द ही दूर कर लिया जाएगा। 

विमानन नियामक डीजीसीए ने बुधवार को कहा है कि इंडिगो और गो फर्स्ट में विमान मेंटेनेंस इंजीनियर अपने कम वेतन के विरोध में सिक लीव पर बने हुए हैं, उम्मीद है कि स्थिति में जल्द ही सुधार होगा। हलांकि डीजीसीए ने यह भी कहा है कि इस अवधि के दौरान इन एयरलाइनों का उड़ान संचालन अब तक सामान्य रूप से हो रहा है। डीजीसीए ने एक बयान जारी कर कहा है कि हम पूरी स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। अब विमानों का परिचालन सामान्य तरीके से हो रहा है। हमें उम्मीद है कि जो भी समस्याएं हैं उन्हें जल्द ही दूर कर लिया जाएगा। 

उधर दूसरी ओर, बड़े पैमाने पर सिक लीव पर जाने वाले अपने मेंटेनेंस इंजीनियरों के खिलाफ इंडिगो ने अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू कर दिया है। आपको बता दें कि इंडिगो में पिछले छह दिनों में बड़े पैमाने पर इंजीनियर कम वेतन का विरोध करते हुए सिक लीव पर गए हैं। वहीं, गो फर्स्ट एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस इंजीनियरों का (एएमटी) का एक महत्वपूर्ण वर्ग भी पिछले चार दिनों के दौरान अपने कम वेतन के विरोध में बीमारी के बहाने छुट्टी पर है। 
आपको बता दें कि नागर विमान सेवा से जुड़ी कंपनी इंडिगो ने कोरोना महामारी के दौरान नकद बचाने के लिए बड़े पैमाने पर अपने कर्मचारियों की सैलरी में कटौती कर दी थी। बीते दो जुलाई को कपंनी के घरेलु विमान सेवा की कम से 55 प्रतिशत फ्लाइट्स केबिन क्रू मेंबर्स के छुट्टियों पर चले जाने के कारण देर हो गईं थीं। कुछ लोगों का मानना है कि केबिन क्रू मेंबर्स एयर इंडिया की बहाली प्रक्रिया में हिस्सा लेने गए थे। 
ट्रांसजेंडर को पायलट लाइसेंस नहीं देने के मामले में डीजीसीए ने दी सफाई 
देश के पहले ट्रांसजेंडर पायलट एडम हैरी की मेडिकल रिपोर्ट पर नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने स्पष्टीकरण जारी किया है। डीजीसीए की ओर से यह स्पष्टीकरण उन मीडिया रिपोर्ट्स के बाद आया है जिनके अनुसार हैरी को हार्मोन थेरेपी के कारण अनफिट घोषित किया गया और उन्हें स्टूडेंट पायलट का लाइसेंस नहीं दिया गया। अब इस बारे में डीजीसीए ने कहा है कि यह सच नहीं है। 
डीजीसीए ने इस मामले में स्पष्टीकरण जारी करते हुए बताया है कि हैरी को कभी भी लाइसेंस देने से इन्कार नहीं किया गया। लाइसेंस प्राप्त करने में ट्रांसजेंडर लोगों पर कोई प्रतिबंध नहीं है। बशर्ते कि संबंधित व्यक्ति विमान नियम, 1937 में निर्दिष्ट आयु, शैक्षिक योग्यता, चिकित्सा फिटनेस और अनुभव के प्रावधानों को सुनिश्चित करता हो।
डीजीसीए की ओर से बातया गया है कि पायलट लाइसेंस हासिल करने के लिए आवेदक को पहले स्टूडेंट पायलट लाइसेंस हासिल करना होता है जिसे हैरी ने नहीं लिया है। राजीव गांधी एकेडमी फार एविएशन टेक्नोलाजी ने बताया है कि हैरी ने ग्राउंड क्लास में अपर्याप्त उपस्थिति दर्ज कराई है। जिसके चलते उसे स्टूडेंट पायलट लाइसेंस जारी नहीं किया गया है। हैरी को भारतीय वायु सेना के बोर्डिंग सेंटर से अपना मेडिकल फिटनेस फिर से कराना है। जिसको लेकर उन्हें सूचना दे दी गई है।


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