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बैकुंठपुर@बैकुंठपुर व शिवपुर चरचा में एल्डरमैन मनोनयन को लेकर उपजा कांग्रेसियों में ही आक्रोश

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  • विधायक ने अपने पसंद के लोगों को मनोनीत किया नगरपालिकाओं में एल्डरमैन।
  • दो साल पहले मनोनीत किये गए एल्डरमैन हटाकर नए एल्डरमैन किये मनोनित।
  • एल्डरमैन मनोनयन करते समय वरिष्ठता का भी नहीं रखा गया ख्याल,आरोप।
  • संगठन को भी नहीं लिया गया एल्डरमैन मनोनयन के दौरान विश्वास में,सूत्र।
  • कुछ को नगरपालिका चुनाव में कांग्रेस पार्टी के घोषित प्रत्याशी के समर्थन में नाम वापसी का मिला इनाम।
  • कार्यकाल भी पूरा नहीं कर सके पूर्व मनोनित कांग्रेस पार्टी के ही एल्डरमैन।


-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर 10 जुलाई 2022(घटती-घटना)। कोरिया जिले के दो नगरपालिकाओं में एल्डरमैन मनोनयन को लेकर कांग्रेस पार्टी के ही पदाधिकारियों एवम कार्यकर्ताओं में आक्रोश उत्पन्न हो गया है ऐसी खबरें सामने आ रहीं हैं। पूरे मामले को लेकर जो खबरें सामने आ रहीं हैं उसके अनुसार बैकुंठपुर व शिवपुर चरचा नगरपालिकाओं में दो वर्ष पूर्व सत्ताधारी दल कांग्रेस की तरफ से एल्डरमैन नियुक्त किये गए थे और अभी उनका कार्यकाल पूरी तरह से दो वर्ष का भी पूर्ण नहीं हो सका था और इसके बावजूद उनकी जगह नए एल्डरमैन नियुक्त कर दिए गए जिससे बताया जा रहा है कि अब कांग्रेस पार्टी के ही बैकुंठपुर व शिवपुर चरचा नगरपालिका अंतर्गत आने वाले पदाधिकारी व कार्यकर्ता नाराज हैं आक्रोशित हैं क्योंकि जिन्हें हटाकर नए मनोनयन को मंजूरी दी गई उनका कार्यकाल कम से कम पांच वर्ष का होने देना चाहिए था ऐसा पार्टी के ही लोगों का मानना है या फिर नए मनोनयन के दौरान उनके भी नामों पर विचार किया जाना चाहिए था जिनकी जगह मनोनयन किया गया और पार्टी के वरिष्ठ लोगों के नाम पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए था और संगठन को भी विश्वास में लिया जाना था जिसमे से किसी बात पर भी ध्यान नहीं दिया गया।
बैकुंठपुर नगरपालिका से इन्हें एल्डरमैन पद से छुट्टी दे दी गई
बैकुंठपुर नगरपालिका से प्रवीण भट्टाचार्य, राजीव गुप्ता, नन्हू दुबे, रामायण व यूसुफ इराकी जिन्हें दो वर्ष पूर्व ही एल्डरमैन नियुक्त किया गया था की छुट्टी कर दी गई। इनको एल्डरमैन नियुक्त हुए दो वर्ष ही हुए थे और इनका कार्यकाल भी बेहतर चला आ रहा था।
एकबार ही पार्षद निधि का कर सके थे पूर्व नियुक्त एल्डरमैन
बताया जा रहा है कि दो वर्ष पूर्व नियुक्त एल्डरमैन केवल एकबार का ही पार्षद निधि उपयोग कर सके थे और दूसरी बार उनको मौका ही नहीं मिला और उनकी नियुक्ति समाप्त कर दी गई वह भी तब जबकि पूर्व नियुक्त सभी एल्डरमैन विधायक खेमे के ही थे और उनके करीबी थे।
विधायक की पसंद से बनाये गए नए एल्डरमैन
बताया जा रहा है कि पूर्व के एल्डरमैन हटाकर नए एल्डरमैन नियुक्ति के समय विधायक की पसंद का ख्याल रखा गया है और यह विधायक की ही मंशा से हुआ बदलाव है। विधायक के करीबियों को ही एल्डरमैन नियुक्ति में जगह मिल सकी है।
संगठन को नहीं लिया गया विश्वास में
बताया यह भी जा रहा है कि पुराने एल्डरमैन हटाकर नए एल्डरमैन नियुक्ति के समय विधायक की पसंद का ख्याल केवल रखा गया है और संगठन को विश्वास में नहीं लिया गया है। संगठन से नाम यदि जाता तो कुछ नामों में या तो पुनरावृत्ति होती या सामंजस्य स्थापित कर नाम भेजे जाते नियुक्ति हेतु ऐसी बातें भी सामने आ रहीं हैं।
वरिष्ठता का नहीं रखा गया ध्यान
एल्डरमैन नियुक्ति में वरिष्ठता का ध्यान नहीं रखा गया यह भी बातें सामने आ रहीं हैं। वरिष्ठ लोगों को पूर्णतः किनारे करते हुए नियुक्ति की गई है जिससे कई वरिष्ठ कांग्रेसियों के नाराज होने की बात सामने आ रही है।
पार्षद पद चुनाव में नाम वापसी लेने वाले उम्मीदवारों को मिला मौका
नए एल्डरमैन जो बनाये गए हैं उनमें उन्हें भी स्थान दिया गया है जो नगरपालिका चुनाव के दौरान कांग्रेस के घोषित प्रत्याशियों के विरुद्ध नाम दाखिल चुनाव लड़ने हेतु किये थे और मानमनौव्वल के बाद जिन्होंने नाम वापस ले लिया था इसमे से बैकुंठपुर के हर्रापारा वार्ड से एक महिला सहित वार्ड क्रमांक 6 के एक युवा को इसी बात का इनाम मिला है जो चर्चा का विषय है।
पार्टी के भीतर ही असन्तुष्ट लोगों का कहना है कि जिन्हें पहले नियुक्त किया गया था उनके साथ ऐसा नहीं किया जाना था और उनका कार्यकाल 5 वर्षों का रहने देना चाहिए था। उन्हें बीच मे ही हटाना उचित निर्णय नहीं मानते डाइसे लोग।


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