रायपुर, 08 जुलाई 2022। छाीसगढ़ मनरेगा कर्मचारी महासघ के आह्वान पर 4 अप्रैल से किए गए अनिश्चितकालीन हड़ताल के दौरान 21 कर्मचारियो की सेवा समाप्त कर दी गई थी. लबित मागो पर विचार किए जाने के साथ 21 कर्मचारियो की बहाली के आश्वासन पर महासघ ने 66 दिनो की हड़ताल के बाद अपना आदोलन स्थगित कर दिया था. लेकिन अब तक 21 कर्मचारियो की बहाल नही किए जाने पर अब मनरेगा अधिकारी-कर्मचारी त्यागपत्र देने की बात कह रहे है.
छाीसगढ़ मनरेगा कर्मचारी महासघ के प्रातीय प्रवक्ता और प्रातीय मीडिया प्रभारी सूरज सिह ठाकुर ने बयान जारी किया है. उन्होने कहा कि कैबिनेट मत्री कावासी लखमा के मच पर मागो पर विचार के साथ 21 साथियो की तत्काल बहाली के आश्वासन पर महासघ ने 66 दिन की हड़ताल तत्काल समाप्त कर दी गई थी. सभी 12710 अधिकारी-कर्मचारी काम पर लौट गए, लेकिन 30 दिन बाद भी 21 कर्मचारियो की बहाली नही किए जाने से सभी अधिकारी-कर्मचारी क्षुध और दुखी है.
प्रातीय प्रवक्ता ने कहा कि 21साथियो की सेवा बहाली नही होने से सभी 12710 साथी भरे मन से अपने दायित्व का निर्वहन कर रहे है. उन्होने मुख्यमत्री भूपेश बघेल से 21 साथियो की बहाली पर त्वरित कार्रवाई करने की माग की है. इसके साथ ही 10 दिन के भीतर बहाली नही होने की स्थिति मे सभी साथी त्यागपत्र देकर अपने कर्तव्य को छोड़ने के लिए विवश होगे. जीवन यापन के लिए अन्य कोई कार्य अपनी खेती, किसानी, मजदूरी करने के लिए मजबूर होगे, लेकिन कोई आदोलन या विरोध नही करेगे।
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