बेस्वाद सीरीज को अचार कारोबार का सहारा, टीवीएफ ने कोई तो पुराना एहसान उतारा

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ब्यूरो, मुंबई 8 जुलाई 2022। जी5 की पीआर टीम का इतना जोर ना हो तो इस ओटीटी पर रिलीज होने वाली ओरिजिनल फिल्में और सीरीज का देखने का बिरले ही मन करता है। जी5 के लोग भी इन सीरीज और फिल्मों को देखने के बाद ही अपने स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म के लिए खरीदते होंगे, ऐसा भी नहीं लगता है। पहले कंगना रणौत की ‘धाकड़’ और अब ‘सास बहू अचार प्राइवेट लिमिटेड’। महिला सशक्तिकरण का मजाक उड़ाती इन कहानियों ने जी5 की ब्रांडिंग चौपट करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है लेकिन जब तक जी समूह का सोनी में विलय नहीं हो जाता और इन कहानियों को छांटने, परखने का कोई ढंग का सिस्टम नहीं बन जाता, जी5 की सालाना ग्राहकी ले चुके लोगों को ये सब देखना मजबूरी है। कहने को टीवीएफ कंपनी एक प्रगतिशील सोच वाला कॉन्टेंट बनाने वाली कंपनी है, लेकिन ‘ये मेरी फैमिली’, ‘कोटा फैक्ट्री’, ‘गुल्लक’ और ‘पंचायत’ जैसी सीरीज बनाते बनाते एकता कपूर के इलाके में घुसने की टीवीएफ को ‘सास बहू अचार प्राइवेट लिमिटेड’ में जरूरत क्यों पड़ी, समझ से बाहर है।
डिजिटल जमाने की सास बहू गाथा
‘सास बहू अचार प्राइवेट लिमिटेड’ एक तरह से देखा जाए तो सास बहू की कहानियों का ही एक्सटेंशन है। बस यहां सास और बहू अलग अलग पालों में न होकर एक ही टीम में खेल रही हैं। बीवी है तो अनपढ़ होगी। पति से अलग होगी तो नौकरी नहीं मिलेगी। सौतेली मां बच्चों को पूरा दुलार देने की कोशिश करेगी। दो पाटों पर सवारी कर रहा पिता सारी समस्याओं की जड़ होगा। और, इतने बड़े बड़े बच्चे होने क बाद पति पत्नी कभी इस बात पर चर्चा भी नहीं करेंगे कि आखिर दोनों में पट क्यों नहीं रही। बीवी को अपने पैरों पर खड़े होना है तो वह अचार, पापड़ या होम टिफिन के आगे की सोच भी नहीं सकती। कमाल की सोच है महिला सशक्तिकरण का सपना देखने वाली इन कहानियों की। टीवीएफ का ब्रांड प्रगतिशील कहानियां दिखाने को लेकर बना है और अगर ये सीरीज ‘सास बहू अचार प्राइवेट लिमिटेड’ वाकई टीवीएफ ने ही बनाई है जो जरूर किसी न किसी का एहसान ऐसा करके उतारा होगा।
ये कैसा महिला सशक्तिकरण
दिल्ली की सड़कों पर साइकिल लिए आम खरीदती सुमन का अपनी पसंद के आम न मिलने पर फल वाले की झिड़की सुनने के बाद ‘सब एक जैसे हैं’ कहना उसके संघर्ष को शुरू होने से पहले ही पुरुष विरोधी महिला के खांचे में फिट कर देता है। बच्चे स्कूल जा रहे हैं। वह सड़क पर है। ये बिम्ब ही ‘सास बहू अचार प्राइवेट लिमिटेड’ बनाने वालों की सोच को जाहिर कर देता है। पूरी सीरीज सुमन के जरा सा भी कुछ कर पाने पर जश्न जैसा मनाने की कोशिश करती दिखती है। महिलाएं परदे पर सामान्य गति से चलती भी नहीं। उनकी मजबूती दिखाने के लिए सीरीज बनाने वालों के पास बस एक ही उपाय है कि उनको स्लो मोशन में काम करते दिखा दो। जिस पत्नी से ऊबकर पति दूसरी औरत के पास गया है, वह कुछ न कर पाने का ताना मिलने पर पलटकर दूसरों के बिस्तर गर्म करने का जवाबी ताना भी मारती है। और, ये सब पहले एपिसोड का किस्सा है, अगर अब भी आप ये सीरीज देख रहे हैं तो अभी पांच एपिसोड और बाकी हैं।
अमृता और अंजना से आस
‘सास बहू अचार प्राइवेट लिमिटेड’ को देखने का एक मात्र आकर्षण इसकी प्रमुख कलाकार अमृता सुभाष ही रहीं। लेकिन, बीते जमाने की फिल्म अभिनेत्री अंजना सुखानी इस सीरीज का सरप्राइज हैं। बड़े परदे पर उनको ज्यादा कुछ करने को कम ही मिला। इस सीरीज में उनका किरदार सहज और सरल तरीके से खुलता है और उम्मीद भी जगाता है कि कुछ बेहतर वह कर सकेंगी लेकिन सीरीज लिखने वालों ने उनके किरदार के सामाजिक संकट को ढंग से उबारने की मेहनत की ही नहीं। अनूप सोनी पूरी कोशिश करते हैं कि वेब सीरीज के टीवी सीरियल जैसे खांचे में किसी तरह तो फिट हो जाएं लेकिन मामला जम नहीं पाता। शुरू से आखिर तक वह इस रोल में जबरदस्ती खुद को ढालने की कोशिश करते दिखते हैं।
देखें कि न देखें
ओटीटी की हिंदी वेब सीरीज में पति पत्नी के बिगड़ते रिश्तों को लेकर ज्यादा कुछ प्रयोग हुए नहीं है। मिड लाइफ क्राइसिस की कहानी कहने की कोशिश करती ‘सास बहू अचार प्राइवेट लिमिटेड’ सही दिशा में उठाया कदम तो जरूर है लेकिन पहला कदम उठाने के बाद सीरीज बनाने वालों को ये समझ नहीं आया कि इसे लेकर किधर जाएं। मिडिल क्लास फैमिली की मेट्रो शहर में चलती जद्दोजहद, एक पुरुष के जीवन में आईं दो महिलाओं का आपसी तनाव और पति से अलग हुए बहू का साथ देती सास, ये तीनों ट्रेक ‘सास बहू अचार प्राइवेट लिमिटेड’ में और अच्छे से विकसित हो सकते थे। लेकिन सीरीज ने एक महत्वपूर्ण विषय को बहुत हल्के तरीके से निपटाने की कोशिश की और यहीं मात खा गई है। स्किप कर सकते हैं।

सास बहू अचार प्राइवेट लिमिटेड – फोटो : insta-zee5

सास बहू अचार प्राइवेट लिमिटेड

कलाकार:- अमृता सुभाष , अनूप सोनी , अंजना सुखानी , मनु बिष्ट और यामिनी देसाई आदि

लेखक:- अभिषेक श्रीवास्तव , स्वर्णदीप बिस्वास और मनन मदान

निर्देशक:-अपूर्व सिंह करकी

निर्माता:-अरुणभ कुमार और अपूर्व सिंह करकी

ओटीटी:- जी5 रेटिंग 1.5/5


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