भिलाई@रेलवे स्टेशन पर पुलिस ने चलाई थी गोलिया,17 मजदूरो की बिछी थी लाश

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भिलाई, 01 जुलाई 2022। देश के कई रेलवे स्टेशनो पर गोली की बात आपने सुनी और पढ़ी होगी। सबसे भयानक गोली काड भिलाई पॉवर हाउस रेलवे स्टेशन पर हुआ था। एक नही बल्कि 17 मजदूर पुलिस की गोलियो से छलनी कर दिए गए थे। इस काड को तीन दशक यानी 30 साल बीत चुके है, लेकिन परिजनो और श्रमिक सगठनो का जख्म आज भी हरा हैज्। पॉवर हाउस रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर बरसी मनाई जा रही है। लाइन से 17 मजदूरो की फोटो लगी हुई हैज्। स्टेशन पर उतरने वाले यात्री भी यह देखकर अवाक हैज्। श्रद्धाजलि देने वालो की कतार लगी हुई है। सरकार बदली, साा बदला लेकिन व्यवस्था नही बदली। आज भी मजदूरो की हालत बदहाल है। शोषण बदस्तूर जारी है। अविभाजित मध्य प्रदेश के भाजपा के कद्दावर नेता व तत्कालीन मुख्यमत्री सुदरलाल पटवा के शासन काल मे 1 जुलाई 1992 को गोली काड हुआ था। भिलाई एव आसपास के औद्योगिक क्षेत्रो मे काम करने वाले मजदूर अपनी बुनियादी मागो को लेकर लगातार हड़ताल कर रहे थे।
सीटू के सहायक महासचिव टी.जोगा राव बताते है कि इन मजदूरो का नेतृत्व शकर गुहा नियोगी कर रहे थे। लेकिन शकर गुहा नियोगी की हत्या के बाद मजदूर आदोलन और तेज हुआ। उस आदोलन को लेकर लगातार उद्योगपतियो द्वारा मजदूरो की मागो पर गुमराह किया जा रहा था। इससे आक्रोशित मजदूरो ने 1 जुलाई 1992 की सुबह से रेल पटरी पर बैठ गए। इसके पूर्व कई बैठको का दौर चला, लेकिन समस्या का समाधान नही निकला। और मजदूरो ने अपनी मागो को पूरा होते तक पटरी पर बैठने का निर्णय लिया। शाम होते-होते कुछ एक ऐसी घटना घटी, जिसके बाद पूरा आदोलन आक्रामकता और दिशाहीन हो गया। पुलिस और आदोलनकारियो के बीच झड़प हुई, जिसमे एक पुलिस अधिकारी की मौत हो गई। इसके कुछ ही देर बाद पुलिस फायरिग मे 16 मजदूरो की मौत मौके पर हो गई, जबकि एक मजदूर की मौत इलाज के दौरान हुई।
इस गोलीकाड के हुए 30 वर्ष बीत गए, लेकिन आज भी उन परिजनो का जख्म हरा है। आदोलनकारी मजदूर आज भी अपनी माग पूरी होने की आस मे सगठित है। पूरे छाीसगढ़ से बसो मे भरकर विभिन्न मजदूर सगठनो के लोग शहीदो को श्रद्धाजलि देने घटनास्थल पर पहुचे। देखा जाए तो इन 30 वर्षो मे कुछ भी नही बदलाज्। इस घटनास्थल से लगभग 1 किलोमीटर की दूरी पर भिलाई इस्पात सयत्र है और आज भी यहा पर मजदूरो का शोषण होता है। इसके लिए आदोलन भी होते रहे और आदोलन करने वाले नेताओ पर ठेकेदारो द्वारा कातिलाना हमला तक किया गया। सीटू ठेका यूनियन के महासचिव योगेश सोनी इसके गवाह है।


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