खड़गवां@आरसीडब्ल्यूफ ने अपने स्थापना का हीरक जयंती उत्सव मनाया

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खड़गवां 01 जुलाई 2022(घटती घटना)। मध्य भारत की सबसे पुरानी और ऐतिहासिक यूनियन आरसीडब्ल्यूफ द्वारा अपने स्थापना का हीरक जयंती उत्सव सामुदायिक भवन फेडरेशन कार्यालय चिरमिरी में मनाया गया,ज्ञात हो कि आरसीडब्ल्यूफ यूनियन की स्थापना वर्ष1948 को तत्कालीन समय के मजदूर नेता पंडित राम कुमार दुबे एवं रतन लाल मालवीय जी के द्वारा की गई थी यूनियन द्वारा अपने 75 वें वर्ष मे प्रवेश करने के अवसर पर हीरक जयंती समारोह एवं जनरल काउंसिल का आयोजन किया गया । कार्यक्रम का प्रारंभ सर्वप्रथम वंदे मातरम गायन और यूनियन के स्थापना करने वाले वरिष्ठ मजदूर नेता पंडित रामकुमार दुबे एवं रतन लाल मालवीय जी के तैल चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर किया गया तत्पश्चात यूनियन के वयोवृद्ध वरिष्ठ नेता पंडित बेनी माधव दुबे को अध्यक्ष रामानंद पांडे एवं महामंत्री प्रोफेसर भागवत प्रसाद दुबे द्वारा शाल श्रीफल भेंट करते हुए माल्यार्पण कर सम्मानित किया गया।आरसीडब्लूएफ के जनरल काउंसिल द्वारा ठेका श्रमिकों के हितार्थ कई प्रस्ताव लाए गए जिनमें सबसे महत्वपूर्ण ठेका श्रमिकों से खदानों में नियमित प्रकृति के स्थाई श्रेणी के कार्य कराए जाने की वजह से ऐसे कार्य को कर रहे ठेका श्रमिकों को ह्यद्गष्द्य के स्थाई श्रमिक के रूप में नियमित किये जाने।ठेका श्रमिकों के वेतन के लिए गठित हाई पावर कमेटी के अनुशंसा के आधार पर चार अलग-अलग श्रेणियों में मजदूरों को रखा गया है परंतु ठेकेदारों द्वारा इन अलग-अलग श्रेणियों के मजदूरों का वेतन न देते हुए सभी को अकुशल श्रेणी का वेतन दिया जा रहा है और कमेटी द्वारा निर्धारित वेतन को खाते में डालने के पश्चात मजदूरों से वापस ले लिया जाता है जिसका फेडरेशन विरोध करती है और ऐशे ठेकेदारों की जांच करने एवं कार्रवाई करने की मांग करती है,ठेकेदारों द्वारा उचित भुगतान नहीं किये जाने पर कांटेक्ट लेबर ह्म्&ड्ड एक्ट 1970 के अंतर्गत एसईसीएल द्वारा मजदूरों का वेतन भुगतान किया जाए और अनियमितता बरतने वाले ठेकेदारों को ब्लैक लिस्टेड किया जाने का प्रस्ताव पारित किया गया ।ठेका श्रमिकों के हितार्थ भारत सरकार के द्वारा प्रकाशित राजपत्र के प्रमुख बिंदुओं को ह्यद्गष्द्य द्वारा लागू किया जाए जिसमें यह स्पष्ट रुप से लिखा हुआ है की वर्तमान में कार्य करने वाले ठेका श्रमिक उसी स्थान पर अगर संविदा के परिवर्तन होने के पश्चात नए आए हुए ठेकेदार द्वारा उनको नियोजन में आवश्यक रूप से वरीयता दिया जावेगा, इसे अनिवार्य रूप से प्रबंधन द्वारा लागू करवाया जाए , वर्तमान ठेकेदार एवं प्रबंधन सभी ठेका श्रमिकों को सेवा प्रमाण पत्र देने एवं ठेकेदार स्थानीय श्रमिकों को काम पर रखे जिनके लिए वोटर आईडी को प्रमुख दस्तावेज माना जावे ।ठेका श्रमिकों के बीच उनके हकों के आवाज उठाने वाले नेताओं को ठेकेदारों द्वारा आपस में मिलकर रोजगार से वंचित कर दिया जाता है जो कि उसके मानव अधिकार उल्लंधन का भी प्रश्न है जिस कारण इस प्रवृत्ति पर रोक लगाया जाना बहुत ही आवश्यक है इस संबंध में जनरल काउंसिल द्वारा ह्यद्गष्द्य सेअनुरोध किया गया है कि वह अपने अंतर्गत काम करने वाले ठेकेदारों को इस गलत कार्य को करने से अंकुश लगाए जाने हेतु निर्देश जारी करें ।ठेका श्रमिको के हित रक्षार्थ ऐशे बाध्यकारी मार्गदर्शी दिशानिर्देश जारी कराने हेतु संबंधित न्यायालय एवं जहां भी आवश्यक हो एक जनहित याचिका दायर करने का प्रस्ताव पारित किया गया। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से रामअवतार अलगमकर, दयावंत दुबे ,नासिर खान, मोहन लाल प्रजापति ,वाचस्पति दुबे, जगन्नाथ पिल्लई ,प्रदीप प्रधान, गुरभेज सिंह, राणा दास ,दिलीप जानी ,राजकुमार पूरी ,युसूफ खान, राजकुमार सोनवानी, बी के एस यादव, पूरनलाल, बलराम, हदय सिंह, विश्वजीत पांडे, मोहम्मद जमील, प्रभाष राय, इसरार खान सहित सैकड़ों की संख्या में यूनियन के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता उपस्थित थे ,कार्यक्रम का संचालन मनोज जैन द्वारा किया गया।


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