आत्मानंद विद्यालय को बैकुंठपुर ले जाने को लेकर विरोध में हैं पटना 84 के लोग।
आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम विद्यालय के पटना चौरासी क्षेत्र में स्थापना की मुख्यमंत्री से होगी मांग।
पटना चौरासी क्षेत्र के ग्राम पीपरडांड के पूर्व माध्यमिक शाला को बंद कर खोला जाना है आत्मानंद विद्यालय।
नगर पंचायत बनाये जाने को लेकर भी पटना के ग्रामवासियों ने तैयार किया है मांग पत्र।
ग्राम पटना को नगर पंचायत बनाए जाने को लेकर है ग्रामवासियों की अलग अलग राय।नगर पंचायत बनाये जाने को लेकर लगाए जा रहे हैं ग्राम में पोस्टर भी।
-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर 29 जून 2022(घटती-घटना)। भेंट मुलाकात कार्यक्रम के तहत प्रदेश के मुख्यमंत्री का कोरिया जिला दौरा 28 जून से चालू हो गया है। अविभाजित कोरिया जिले के विधानसभा भरतपुर सोनहत में उनका पहला दौरा कार्यक्रम संपन्न हो चुका है। मुख्यमंत्री अपने तीन दिवसीय जिले के प्रवास के दौरन जिले के तीनों विधानसभाओं के अलग अलग जगह आम जनता से मुलाकात करेंगे और जनता से सीधा संवाद कर उनकी समस्याओं और शिकायतों से अवगत होंगे वहीं वह लोगों की मांगों पर भी विचार करेंगे साथ ही संभावना है वह कई घोषणाएं भी जनता की मांग पर करेंगे। बैकुंठपुर विधानसभा के ग्राम पटना में भी मुख्यमंत्री का भेंट मुलाकात कार्यक्रम अंतर्गत आगमन होना है और जिसके लिए प्रशासन स्तर पर सभी तैयारियां पूरी भी कर ली गईं हैं वहीं क्षेत्र की जनता भी अपनी अपनी समस्याओं मांगों को लेकर तैयार है और लगातार मांग पत्रों के तैयार किये जाने का काम कर रही है जो मुख्यमंत्री को जनता स्वयं अपने हांथो से सौंपकर उनसे मांग करेगी।
आत्मानंद विद्यालय को पटना क्षेत्र में ही खोले जाने की होगी मांग
आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम विद्यालय जो पटना क्षेत्र के ही ग्राम पीपरडांड के पूर्व माध्यमिक शाला को बंद करके खोला जा रहा है और जिसके बैकुंठपुर शहर में खोले जाने को लेकर चर्चा सुनाई दे रही है जिसको लेकर पटना चौरासी क्षेत्र की जनता मुख्यमंत्री से मांग रखने की तैयारी में है कि आत्मानंद विद्यालय को पटना क्षेत्र में ही खोला जाए क्षेत्र के विद्यालय को बंद कर अन्यत्र न खोला जाए। आत्मानंद विद्यालय पीपरडांड में खोले जाने की सूचना पर क्षेत्र की जनता जितना उत्साहित थी उतना ही वह इस बात की जानकारी मिलते ही निराश है जिसमे यह बात सामने आ रही है कि विद्यालय बैकुंठपुर में खोला जा रहा है। जहां पहले पीपरडांड में विद्यालय खोले जाने की खबर से लगातार मुख्यमंत्री के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया जा रहा था जनता की तरफ से वहीं बैकुंठपुर में खोले जाने के नाम से अब विरोध के भी स्वर सुनाई देने लगे हैं। ग्रामीणों के द्वारा मुख्यमंत्री के आगमन पर उन्हें इसबात से अवगत कराए जाने की तैयारी है कि विद्यालय पटना क्षेत्र में खोले जाने से क्षेत्र की ग्रामीण और कृषि पर आश्रित आबादी अंतर्गत परिवारों से आने वाले छात्र छात्राओं को अंग्रेजी माध्यम शिक्षा का लाभ मिल सकेगा वह भी निःशुक्ल। जनता मुख्यमंत्री को इसबात से भी अवगत कराने की तैयारियों में है कि पटना क्षेत्र में जो एक बड़े आबादी क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करता है अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों का आभाव है और आत्मानंद विद्यालय क्षेत्र में खुल जाने से ग्रामीण आबादी अंतर्गत निवासरत आबादी के छात्र छात्राओं को निःशुक्ल शिक्षा अंग्रेजी माध्यम से मिल सकेगा और जो शासन की भी मंशा है। मुख्यमंत्री से क्षेत्र की जनता आत्मानंद विद्यालय को लेकर कोई समझौता नहीं करने की अपनी बात कहेगी यह तय नजर आ रहा है।
पटना को नगर पंचायत बनाये जाने की भी होगी मांग
प्रदेश के मुख्यमंत्री के पटना ग्राम में आगमन पर पटना ग्राम की जनता उनसे पटना को नगरपंचायत के दर्जा देने की मांग कर सकती है ऐसी भी तैयारी जारी है। पटना ग्राम के व्यव्सायी वर्ग साथ ही राजनीतिक पृष्ठभूमि से जुड़े लोगों द्वारा पटना को नगर पंचायत बनाने की मांग मुख्यमंत्री से की जाएगी यह तैयारी जोरों पर है। पटना को नगरपंचायत बनाये जाने की मांग के समर्थन में पोस्टर भी ग्राम में चिपकाए जा रहें हैं जो मुख्यमंत्री के कार्यक्रम स्थलों पर भी चस्पा किये गए हैं जैसा कि देखा जा रहा है,वहीं कुछ लोग पटना को ग्राम पंचायत ही रहने देना चाहते हैं जिससे बेवजह के कर का बोझ जनता पर न पड़े। वैसे पांचवी अनुसूची जिले में होने के कारण सरपंच आदिवासी संवर्ग से ही निर्वाचित होने का नियम है इसलिए राजनीतिक महत्वाकांक्षा रखने वाले लोग नगरपंचायत की मांग को लेकर ज्यादा सक्रिय नजर आ रहें हैं। वैसे कुछ आदिवासी जनप्रतिनिधियों का कहना है कि नगरपंचायत बनना सही हो सकता है लेकिन कई ग्रामीण स्तर पर मिलने वाली सुविधाओं का बंद हो जाना ग्राम की जनता के साथ अन्याय होगा। वहीं कुछ लोगों का विचार है की नगरपंचायत बनाये जाने से विकास होगा और जनता को लाभ होगा वहीं कुछ का यह भी कहना है कि मनरेगा योजना का भी गरीबों को फायदा मिलना बंद हो जाएगा इसलिए ग्राम पंचायत ही बने रहने से फायदा है। वैसे अब मुख्यमंत्री के आगमन पर मांग पत्र के बाद मुख्यमंत्री को ही तय करना है कि पटना को नगरपंचायत बनाया जाना है या नहीं बनाया जाना है वैसे पटना का नगरपंचायत बनना तय है ऐसा सूत्रों का कहना है। नगरपंचायत की मांग वर्षों पुरानी है और मुख्यमंत्री इसको पूरा करेंगे यह जनता को पूर्ण विश्वास है।