- 2018 से पहले की तुलना में विशेषज्ञ चिकित्सकों मे हुई वृद्धि।
- मुख्य चिकित्सा अधिकारी की उदासीनता की वजह से जिले के सारे अस्पताल अव्यवस्थाओं से क्यों जूझ रहे हैं?
- डॉक्टर की गिनती करा क्या मुख्य चिकित्सा अधिकारी की गलतियों पर पर्दा डालना चाहते हैं संजीव?
-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर 27 जून 2022(घटती-घटना)। प्रदेश युवा कांग्रेस छत्तीसगढ़ के प्रदेश महासचिव प्रत्याशी संजीव सिंह उर्फ राजू ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर सीएमएचओ का बचाव करते नजर आए, उन्होंने सीएमएचओ की उपलब्धि डॉक्टरों की गिनती गिना कर बता दी पर अस्पतालों की हालत क्या है यह शायद बताना भूल गए, यहां तक की सीएमएचओ एक कार्यप्रणाली से उनके खुद के डॉक्टर व स्टाफ परेशान हैं अपने आप को प्रताड़ित महसूस कर रहे हैं बाकी मरीजों का तो हाल आप छोड़ दीजिए, जहां सीएमएचओ की शिकायतों के अंबार हैं इस बीच मुख्यमंत्री के आने से ठीक पहले ही बजाओ में बचाव में प्रेस विज्ञप्ति जारी कर युवा नेता खुद घिर गए है उनका सब कुछ ठीक बताना अपने आप में एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है? खैर मामला जो भी हो पर सुविधाएं व सीएमएचओ की हरकत तो मुख्यमंत्री के समक्ष शिकायतों के तौर पर पेश होगी।
प्रदेश युवा कांग्रेस छत्तीसगढ़ के प्रदेश महासचिव प्रत्याशी संजीव सिंह उर्फ काजु ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा की प्रदेश सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर सजग है व शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों में इसका असर देखने को मिल रहा है। जिला अस्पताल बैकुंठपुर में भी लोगों को स्वास्थ्य सुविधाओं का बेहतर लाभ मिल सके इसके लिए प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव लगातार प्रयासरत है। जल्द ही जिला अस्पताल में नियमित निश्चेतना विशेषज्ञ की नियुक्ति होने वाली है। इस पर विपक्ष केवल राजनीति कर रहा है। विपक्ष शिशु रोग विशेषज्ञ की पदस्थापना को लेकर जबरन हो-हल्ला मचा रहा है। क्योंकि जिला अस्पताल में केवल एक शिशु रोग विशेषज्ञ का पद सेटअप के अनुसार स्वीकृत है। जिसके विरूद्ध डॉ पल्लवी पैकरा शिशु रोग विशेषज्ञ के रूप में कार्यरत हैं। गत दिनों भाजयुमो व कोरिया बचाव मंच द्वारा बिना छानबीन किये आधी अधूरी जानकारी के आधार पर ज्ञापन सौंप लोगों को बरगलाया जा रहा है, जबकि वस्तुस्थिति कुछ और है। भाजपा के 15 वर्षों के कार्यकाल की तुलना में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के प्रयासों से गत तीन वर्षों में जिले में स्वास्थ्य सुविधाएं काफी हद तक सुधरी हैं। तथा आगे भी और सुधार होगा। स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव की पहल पर जिला मुख्यालय बैकुंठपुर में 200 सौ बिस्तरिय जिला अस्पताल के डीएमएफ फंड से 35 करोड़ रुपए के राशि की स्वीकृति मिली है।
जिला अस्पताल बैकुंठपुर मे 2018 की स्थिति में मात्र 07 विशेषज्ञ चिकित्सक कार्यरत थे जबकि वर्तमान में बढ़कर 11 विशेषज्ञ चिकित्सक कार्यरत हैँ। आज की स्थिति में मेडिसिन् विशेषज्ञ, सर्जरी विशेषज्ञ, अस्थिरोग विशेषज्ञ, पैथोलॉजिकल विशेषज्ञ, स्त्री रोग विशेषज्ञ, शिशुरोग विशेषज्ञ, नेत्ररोग विशेषज्ञ, नाक कान् गला रोग विशेषज्ञ, निश्चेतना विशेषज्ञ कार्यरत हैं। 2018 में विशेषज्ञ चिकित्सक के कुल 12 पद स्वीकृत के विरूद्ध मात्र 07 कार्यरत थे। 07 में से 04 नियमित एवं 03 संविदा विशेषज्ञ चिकित्सक कार्यरत थे। जबकि 2022 में विशेषज्ञ चिकित्सक के कुल 12 पद स्वीकृत हैं, जिसमें 11 कार्यरत है। 11 कार्यरत में से 09 नियमित एवं 02 संविदा विशेषज्ञ चिकित्सक कार्यरत है। जिला चिकित्सालय बैकुंठपुर में वर्ष 2018 में प्रियांक पटेल, शिशु रोग विशेषज्ञ के पद पर पूर्व से एसएनसीयू वार्ड में नवजात शिशु के देखभाल हेतु राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अंतर्गत संविदा आधार पर कार्यरत थे। तथा जिला खनिज न्यास अंतर्गत डॉ हरीश पटेल की पदस्थापना संविदा आधार पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पटना में की गई थी। इसके उपरांत इन्हे अटैच कर जिला चिकित्सालय बैकुंठपुर में कार्य लिया गया। वर्ष 2019 में डॉक्टर भास्कर दत्त मिश्रा की पदस्थापना राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अंतर्गत जिला चिकित्सालय बैकुंठपुर में संविदा आधार पर की गई। उनके द्वारा त्यागपत्र देने के उपरांत शिशुरोग विशेषज्ञ के रिक्त पद पर मई 2022 में डॉ पल्लवी पैकरा शिशु रोग विशेषज्ञ की पदस्थापना संविदा आधार पर की गई जो कि वर्तमान में कार्यरत है द्य प्रदेश में 31 वर्षों के बाद कांग्रेस के शासनकाल में प्रथम श्रेणी चिकित्सक के नियमित पद पर भर्ती हुई है। जिसमें डॉ भास्कर मिश्रा की नियुक्ति गृह जिले कोरिया में की गई। डॉ रामेश्वर शर्मा के द्वारा गत मार्च 2022 में जिला अस्पताल के सेटअप के अनुसार रिक्त चार विशेषज्ञ चिकित्सकों की मांग राज्य शासन से की गई थी। पत्र में शिशु रोग विशेषज्ञ का जिक्र ही नही था। जिससे विभाग ने पद भरा हुआ कि जानकारी मिलने पर किसी शिशु रोग विशेषज्ञ की नियुक्ति जिला अस्पताल में नही की और रही अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ जीएस पैकरा के स्थानांतरण की बात तो जिला अस्पताल में 2 पद सेटअप के विरुद्ध तीन अस्थि रोग विशेषज्ञ पदस्थ थे। एक अतिरिक्त होने पर उनका अन्यत्र तबादला किया गया है। वर्तमान में डॉ आशीष करन व डॉ राजेन्द्र बंसरियार जिला अस्पताल में अस्थि रोग विशेषज्ञ के रूप में पदस्थ हैं। जल्दी ही जिला अस्पताल में नियमित निश्चेतना विशेषज्ञ की पदस्थापना होने वाली है। स्वास्थ्य विभाग में जिला स्तर पर भी फ़ेरबदल देखने को मिलेगा।