बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली 26 जून 2022I श्रीलंका के दो मंत्री ईंधन और दूसरे राजनयिक मसलों पर चर्चा करने के लिए सोमवार को रूस जाएंगे। पिछले हफ्ते कोलंबों में रूसी दूतावास के सुझाव पर श्रीलंका सरकार ने क्रूड ऑयल की खरीदारी के लिए कई कंपनियों से संपर्क किया था। आर्थिक संकट के बीच पेट्रोलियम पदार्थों की कमी से जूझ रहा श्रीलंका रूस से तेल निर्यात करने की संभावनाओं को तलाश रहा है। श्रीलंका के एक सीनियर मंत्री ने रविवार को यह बात कही है। तटीय देश श्रीलंका विदेशी मुद्रा की कमी के कारण गंभीर तेल संकट के दौर से गुजर रहा है। उसे तेल का आयात करने के लिए भारत के क्रेडिटलाइन का उपयोग करना पड़ रहा है। इस उसके बावजूद वहां पेट्रोल और डीजल के लिए हाहाकार मचा हुआ है।
आपको बता दें कि रविवार की रात 2 बजे से श्रीलंका में पेट्रोल और डीजल की कमी को देखते हुए कीमतों में क्रमशः 50 और 60 लाख रुपये श्रीलंकाई रुपये की बढ़ोतरी की गयी है। श्रीलंका की सरकार की ओर से यह कदम सरकारी स्वामित्व वाली पेट्रोलियम कंपनी सीलोन पेट्रोलियम कॉरपोरेशन की ओर से दी गयी उस सूचना के बाद उठाया गया है जिसमें कंपनी की ओर से सरकार को बताया गया था कि बैंकिंग और लॉजिस्टिक्स कारणों से फ्यूल शिपमेंट्स के श्रीलंका पहुंचने में देरी होगी। इस बीच, श्रीलंका सरकार में ईंधन मंत्री कंचना विजेशेखरा ने कहा है कि सरकार रूस से ईंधन खरीदने की संभावनाओं पर विचार कर रहा है। श्रीलंकाई मंत्री की ओर से कहा गया है कि हम डिप्लोमेटिक चैनल्स को खंगाल रहे हैं। उन्होंने कहा कि, तेल का अखिरी जहाज जिसे श्रीलंका पहुंचना था वह रूस का ही था। रूस का जहाज होने के कारण अंतरराष्ट्रीय बैंकों ने हमारे पहले क्रेडिट लेटर को रिजेक्ट कर दिया है, जिससे जहाज के श्रीलंका पहुंचने में देरी हो रही है। विजेशेखरा ने ये बातें रविवार को पत्रकारों से बातचीत में कही है। उन्होंने कहा है कि श्रीलंका के दो मंत्री ईंधन और दूसरे राजनयिक मसलों पर चर्चा करने के लिए सोमवार को रूस जाएंगे। पिछले हफ्ते कोलंबों में रूसी दूतावास के सुझाव पर श्रीलंका सरकार ने क्रूड ऑयल की खरीदारी के लिए कई कंपनियों से संपर्क किया था। श्रीलंकाई मंत्री ने कहा है कि फ्यूल शिपमेंट्स जिनके श्रीलंका पहुंचने में देरी हो रही है, कब तक श्रीलंका पहुंचेंगे यह अभी बता पाना मुश्किल है। हालांकि उन्होंने जोर देकर यह बात की है कि मंत्रालय के चार समूह फ्यूल इंपोर्ट्स को सुनिश्चित करने में जुटे हुए हैं। वहीं सरकार ने देश में पेट्रोल पंपों पर तेल के लिए कतार में लोगों को राहत देने के लिए टोकन सिस्टम इम्प्लीमेंट करने का निर्णय लिया है, ताकि लोगों को तेल मिलना सुनिश्चित हो सके। टोकन सिस्टम श्रीलंका में सोमवार से प्रभावी होगा इसके लिए सरकार ने पुलिस और सेना के जवानों को सहायता करने को कहा है।
अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल भी श्रीलंका पहुंचा
उधर, श्रीलंका में जारी गंभीर आर्थिक संकट के बीच श्रीलंका की टॉप लीडरशिप से बातचीत के लिए एक उच्चस्तरीय अमेरिकी प्रतिनिधमंडल रविवार को श्रीलंका पहुंचा है। खबरों के मुताबिक यह प्रतिनिधिमंडल तटीय देश श्रीलंका को अभूतपूर्व आर्थिक संकट से निकलने के लिए उठाए जाने वाले प्रभावशाली कदमों कदमों पर शीर्ष नेताओं से विचार-विमर्श करेगा। श्रीलंका में अमेरिका के राजदूत जूली चंग ने कहा है कि अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल का चार दिनों का यह दौरा श्रीलंकाई जनता की सुरक्षा और समृद्धि के प्रति अमेरिका की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। हमारा प्रयास है कि आर्थिक संकट की इस समस्या से हम श्रीलंका को बाहर निकालें और यहां की लोकतांत्रिक संस्थाओं को जो अब तक के सबसे खराब दौर से गुजर रही हैं को मजबूत बनाने में श्रीलंका की मदद करें। अमेरिकी प्रतिनिधमंडल में डेप्युटी असिस्टेंट सेक्रेट्री ऑफ ट्रेजरी फॉर एशिया, राजदूत केली कैडरलिंग, डेप्युटी असिस्टेंट सेक्रेट्री ऑफ स्टेट फॉर साउथ और सेंट्रल एशिया शामिल हैं।
अर्जेंटीना के राष्ट्रपति से मिले मोदी
पीएम नरेंद्र मोदी ने म्यूनिख में अर्जेंटीना के राष्ट्रपति अल्बर्टो फर्नांडीज से मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच कई मुद्दों पर बातचीत हुई। इससे पहले जी-7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए जर्मनी के म्यूनिख हवाई अड्डा पहुंचने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बावरिया प्रांत के एक बैंड ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा जैसा स्वागत किया।बावरिया में विश्व की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं की वार्षिक बैठक हो रही है। सरकारी सूत्रों ने इस बात का जिक्र किया कि बावरिया के एक बैंड ने प्रधानमंत्री मोदी का म्यूनिख हवाईअड्डे पर स्वागत किया और इससे पहले प्रांत ने 2015 में अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा के लिए ऐसी व्यवस्था की थी। सूत्रों की मानें तो बावरिया के मंत्री-राष्ट्रपति रविवार को मोदी सहित विश्व के कई नेताओं के लिए एक रात्रिभोज की मेजबानी कर रहे हैं। लेकिन मोदी को एक तरह से ‘गेस्ट ऑफ ऑनर’ का दर्जा दिया गया है और इस अवसर पर संबोधन देने वाले वह एक मात्र नेता होंगे। मोदी दो दिवसीय यात्रा पर रविवार को जर्मनी पहुंचे, जिस दौरान वह जी-7 शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे और ऊर्जा, खाद्य सुरक्षा, आतंकवाद का मुकाबला, पर्यावरण तथा लोकतंत्र के विषयों पर शक्तिशाली समूह एवं इसके साझेदार देशों के साथ चर्चा करेंगे। मोदी जर्मन चांसलर ओलाफ शॉल्त्स के न्योते पर कार्यक्रम में शरीक हो रहे हैं।