बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली 24 जून 2022। क्रिप्टो में निवेश करने वाले निवेशकों को एक फीसदी टीडीएस का भुगतान करना होगा जिससे सरकार क्रिप्टोकरेंसी में लेन-देन करने वालों के ठौर ठिकानों का पता लगा सके। क्रिप्टोकरेंसी के निवेशकों को 1 जुलाई, 2022 से इसके हर ट्रांजैक्शन पर एक फीसदी टीडीएस का भुगतान करना होगा चाहे वो मुनाफे में बेचा गया हो या नुकसान में। इसके बाद से क्रिप्टोकरेंसी में निवेश को लेकर उत्साह घटा है। टीडीएस लगने के बाद ये और घट सकता है।
क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता नहीं, लेकिन टैक्स लागू
सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता नहीं दी है लेकिन इस वर्ष 2022-23 से क्रिप्टोकरेंसी को होने वाली इनकम पर 30 फीसदी टैपिटल गेन टैक्स लगाने का फैसला किया है। अब एक जुलाई से क्रिप्टो के लेनदेन पर 1 फीसदी टीडीएस का भी भुगतान करना होगा। जो निवेशक क्रिप्टोकरेंसी को मुनाफे में नहीं भी बेचते हैं उन्हें भी टैक्स चुकाना होगा। ऐसे क्रिप्टो में निवेश करने वाले निवेशकों को एक फीसदी टीडीएस का भुगतान करना होगा जिससे सरकार क्रिप्टोकरेंसी में लेन-देन करने वालों के ठौर ठिकानों का पता लगा सके।
क्रिप्टो को लाभ में बेचने पर 30 प्रतिशत का टैक्स देना होगा। लाभ में नहीं बेचने पर भी एक प्रतिशत का टीडीएस देना होगा जिससे ये पता चलेगा कि कहां-कहां क्रिप्टो का लेनदेन हुआ है। क्रिप्टोकरेंसी पर एक फीसदी टीडीएस लगाए जाने का प्रावधान एक जुलाई 2022 से लागू होने जा रहा है। सरकार ने साफतौर पर कहा है कि इनकम टैक्स 1961 की प्रस्तावित धारा 115BBH के प्रावधानों के अनुसार, वीडीए (वर्चुअल डिजिटल एसेट्स) के हस्तांतरण से होने वाले नुकसान को दूसरे वीडीए के हस्तांतरण से उत्पन्न आय के खिलाफ सेट-ऑफ करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। धारा 115BBH इनकम टैक्स एक्ट में एक नया प्रस्तावित खंड है जो क्रिप्टोकरेंसी जैसे वर्चुअल डिजिटल एसेट्स से होने वाले लाभ को परिभाषित करता है।
जानें नियम
सीबीडीटी ने कहा है कि अगर खरीदार ने आयकर अधिनियम की धारा 194एस के तहत टैक्स कटौती की है तो विक्रेता को उसी लेनदेन पर इसे काटने की जरूरत नहीं होगी। 194एस के तहत कटौती की गई किसी भी राशि का भुगतान केंद्र सरकार को उस महीने के अंत तक 30 दिनों के भीतर करना होगा जिसमें कटौती की गई थी।