जयपुर, 23 जून 2022। महाराष्ट्र मे शिवसेना का सकट खत्म होने का नाम नही ले रहा है। एकनाथ शिदे की बगावत के बाद महाराष्ट्र सरकार पर आए सकट के बीच काग्रेस मे भी सिर फुटव्वल हो गया है। काग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने उद्धव ठाकरे को इस्तीफे की नसीहत दे डाली। आचार्य के बयान से असहज पार्टी ने उनके बयान से किनारा कर लिया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने यह कहकर आचार्य प्रमोद के बयान को दरकिनार कर दिया कि वह पार्टी के अधिकृत प्रवक्ता नही है। अब प्रमोद ने भी जयराम को जवाब दिया है।
क्या कहा था आचार्य प्रमोद कृष्णम ने?
पूरे विवाद की शुरुआत गुरुवार को उस वक्त हुए जब आचार्य प्रमोद कृष्णम ने उद्धव ठाकरे को तुरत इस्तीफा देने की नसीहत दे डाली। उन्होने शिवसेना सस्थापक बाला साहब ठाकरे का जिक्र करते हुए यह सलाह दी। उन्होने लिखा, ”साा को ‘ठोकर’ पे मारने वाले स्व. बाला साहब ठाकरे की विरासत का सम्मान करते हुए उद्धव ठाकरे जी को मराठा ‘गौरव’ की रक्षा करने हेतु नैतिक मूल्यो का निर्वहन करते हुए ‘मुख्यमत्री’ के पद को त्यागने मे एक पल का ‘विलम्ब भी नही करना चाहिए।
पार्टी ने झाड़ा पल्ला, जयराम रमेश ने दिया जवाब
आचार्य प्रमोद कृष्णम की ओर से महाराष्ट्र मे गठबधन साथी को लेकर दिए गए इस बयान से पार्टी बेहद असहज नजर आई। पार्टी के वरिष्ठ नेता और कम्युनिकेशन विग के प्रभारी जयराम रमेश ने आचार्य के बयान से पार्टी को अलग किया। उन्होने ट्विटर पर लिखा, ना तो यह काग्रेस पार्टी के विचार है।
ना ही आचार्य प्रमोद कृष्णम काग्रेस के अधिकृत प्रवक्ता है।”
प्रमोद कृष्णम का पलटवार
बात यही खत्म नही हुई। आचार्य प्रमोद कृष्णम ने जयराम रमेश पर भी निशाना साध डाला। जयराम रमेश की ओर से ‘अधिकृत नही’ कहे जाने से आहत आचार्य ने ट्विटर पर उन्हे टैग करते हुए लिखा, ”अधिकृत तो ‘टेम्प्रेरी’ होता है प्रभु, मै तो ‘परमानेट’ हू, फिर भी आपको कोई दिक्कत है तो ‘जयराम’ जी की।”स्र
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