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कोविड-19 को लेकर फैली हैं कई झूठी और तथ्यरहित जानकारियां, कहीं आप भी तो नहीं मानते हैं इन्हें सच?

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हेल्थ डेस्क, नई दिल्ली 23 जून 2022  कोरोनावायरस संक्रमण को वैश्विक रूप से फैले दो साल से अधिक का समय बीत गया है। पिछले कुछ दिनों से देश में संक्रमण के मामले एक बार फिर से तेजी से बढ़ते हुए देखे जा रहे हैं। करीब एक हफ्ते से रोजाना संक्रमण के मामले औसतन 12 हजार के ऊपर बने हुए हैं। रिपोर्ट्स में कोरोना की बढ़ती रफ्तार के लिए ओमिक्रॉन और इसके सब-वैरिएंट्स को जिम्मेदार माना जा रहा है।  डेल्टा, गामा, लैमंडा से लेकर ओमिक्रॉन तक, अब तक कोरोना के कई वैरिएंट्स सामने आ चुके हैं। कुछ वैरिएंट्स की संक्रामकता दर अधिक बताई जाती है, तो कुछ को गंभीर रोगों का कारक माना जाता रहा है।
कोरोना महामारी के साथ लंबा समय बीत जाने, इसको लेकर हुए तमाम अध्ययनों के बाद भी अब तक समाज में कई तरह की  झूठी और तथ्यरहित जानकारियां फैली हुई हैं। समय-समय पर शोधकर्ता ऐसी जानकारियों को झूठा बताते रहे हैं। इनमें से कुछ को तो आप भी सही मान रहे होंगे। आइए कोरोना संक्रमण को लेकर फैले ऐसे ही कुछ मिथ्य और उनकी सच्चाई के बारे में जानते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि महामारी से बचाव के लिए लोगों को सही जानकारी होना बहुत आवश्यक है।

गर्मी के दिनों में नहीं फैलता है संक्रमण।

कोरोना महामारी की शुरुआत से ही यह विषय काफी चर्चा में रहा है कि कोरोनावायरस गर्मी के दिनों में अप्रभावी हो जाता है या नहीं? सोशल मीडिया पर दावा किया जाता रहा है कि गर्मी में अधिक तापमान के कारण कोरोना का वायरस निष्क्रिय हो जाता है जिससे इस मौसम में संक्रमण कम फैलता है। पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) इस दावे को सिरे से खारिज करता है। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक कोरोना संक्रमण  किसी भी तरह की जलवायु या मौसम में फैल सकता है,वर्तमान स्थिति इसका प्रमाण है।

गर्म तासीर वाली चीजें वायरस को मार देती हैं।

कोरोना से बचाव को लेकर एक यह दावा भी काफी चर्चा में रहा, जिसमें कहा गया कि लहसुन, काली मिर्च, दालचीनी जैसी  गर्म तासीर वाली चीजें वायरस को मार देती हैं। हालांकि यह जानकारी पूरी तरह से सही नहीं हैं। विशेषज्ञ कहते हैं, ये मसाले शरीर की प्रतिरक्षा को बढ़ा देते हैं जो आपको संक्रमण से सुरक्षित रखने में सहायक हैं, हालांकि ये सीधे तौर पर वायरस पर असरदार नहीं हैं। भारतीय मसालों के औषधीय गुण आपको संक्रमण से बचाव की शक्ति बढ़ाने में सहायक हो सकते हैं। 

शराब पीने वालों में संक्रमण का जोखिम कम होता है।

महामारी की शुरुआत से ही सभी लोगों को हाथों की स्वच्छता पर विशेष ध्यान देते रहने की सलाह दी जाती रही है, इसके लिए अल्कोहल युक्त सेनेटाइजर को काफी प्रभावी माना जाता है। इसी आधार पर दावा किया गया कि शराब पीने वालों में संक्रमण का जोखिम कम होता है। पर मेडिकल साइंस इस दावे को बस अफवाह मानता है। अध्ययनों के मुताबिक अल्कोहल युक्त सेनेटाइजर सतह से संक्रमण के जोखिम को कम कर सकते हैं, पर शराब पीने से सिर्फ शरीर को ही नुकसान ही होता है। शराब पीने से इम्युनिटी कमजोर होती है जिससे संक्रमण का जोखिम बढ़ जाता है।

मिथ- कोरोना खत्म होने वाला है अब मास्क की जरूरत नहीं।

कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि अब कोरोना संक्रमण एंडमिक स्टेज में आ गया है और देश में ज्यादातर लोगों का वैक्सीनेशन हो चुका है, ऐसे में अब मास्क की जरूरत नहीं हैं। हालांकि स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, दो साल बीत जाने के बाद भी अध्ययनों में इस बात की पुष्टि नहीं हो पाई है कि महामारी कब खत्म होगी? जिस तरह फिर से संक्रमण बढ़ रहा है, ऐसे में कोरोना के खतरे को समझते हुए सभी लोगों को बाहर जाते समय मास्क पहनकर रखना चाहिए। यही बचाव का सबसे प्रभावी तरीका हो सकता है। 




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नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्ट्स और स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सुझाव के आधार पर तैयार किया गया है। 

अस्वीकरण: घटती-घटना की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को घटती-घटना के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। घटती-घटना लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है।


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