एएनआई मुंबई 23 जून 2022। कंगना रनौत के जुबानी वार का बदला उद्धव सरकार ने उनके घर पर बुल्डोजर चलवाकर लिया। बीएमसी ने एक नोटिस के बाद कंगना रनौत का घर और ऑफिस तौड़ दिया। कंगना ने इस कार्यवाही के बाद एक वीडियो रिलीज किया था और कहा था कि घमंड में उद्धव ठाकरे ने उनका घर तोड़ा है, दिन उनका घमंड भी टूटेगा।
साल 2020 का वो दौर शायद ही कोई भूला होगा जब हिंदी सिनेमा के दिग्गज कलाकारों की लगातार मौत की खबरें सामने आ रही थी। सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद कंगना रनौत ने खुलकर बॉलीवुड की पोल खोली थी। उन्होंने बड़े-बड़े फिल्म निर्माताओं को आड़े हाथ लेते हुए निशाना साधा था। कंगना ने सीधे तौर पर सुशांत सिंह राजपूत की मौत के पीछे साजिश बताई थी और मुंबई पुलिस पर ठीक से जांच न करने का आरोप लगाया था। वह लगातार कह रही थी कि सुशांत सिंह राजपूत की मौत के पीछे मूवी माफिया गैंग जिम्मेदार हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि बॉलीवुड में आउटसाइडर्स को इस कदर नीचा दिखाया जाता है कि उनका मनोबल टूट जाए। कंगना रनौत से इस दौरान सीधे तौर पर महाराष्ट्र सरकार पर भी आरोप लगाए थे। कंगना और उद्धव सरकार के बीच 36 का आंकड़ा तब से ही शुरू हो गया था जब कंगना ने कहा था महाराष्ट्र में पीओके जैसा महसूस होता हैं।
कथित तौर पर यह कहा गया कि कंगना रनौत के जुबानी वार का बदला उद्धव सरकार ने उनके घर पर बुल्डोजर चलवाकर लिया। बीएमसी ने एक नोटिस के बाद आकर कंगना रनौत का घर और ऑफिस तोड़ दिया। कंगना ने इस कार्यवाही के बाद एक वीडियो रिलीज किया था और कहा था कि आज घमंड में उद्धव ठाकरे ने उनका घर तोड़ा है, एक दिन उनका घमंड भी टूटेगा। अब लगभग डेढ साल बाद कंगना रनौत का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है क्योंकि इस समय महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की सरकार गिरती हुई नजर आ रही हैं।
इस समय महाराष्ट्र में राजनीतिक हलचल मची हुई है। शिवसेना के एकनाथ शिंदे ने पार्टी के खिलाफ बगावत कर दी है। उन्होंने दावा किया है कि उनके साथ 46 विधायकों का समर्थन हैं। अब लग कहा है कि उद्धव ठाकरे की सरकार अल्पमत में आने वाली है। पिछले कई दिनों से महाराष्ट्र में रिसॉर्ट राजनीति चल रही हैं। महाराष्ट्र सरकार में मंत्री पद पर रहे एकनाथ शिंदे चाहते थे कि शिवसेना एनसीपी के साथ गठबंधन समाप्त करके भारतीय जनता पार्टी में पहले की तरह ही शामिल हो जाए लेकिन उद्धव ठाकरे ने उनकी बात को अनसुना कर दिया जिसके बाद उन्हें अब ऐसी परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है। शिवसेना सरकार को विधानसभा में बहुमत हासिल करना होगा लेकिन जिस तरह से एकनाथ शिंदे 46 से ज्यादा विधायकों के साथ होने का दावा कर रहे हैं उससे यह लग रहा है कि उद्धव के पास अब बहुमत साबित करने का कोई विकल्प नहीं बचा है।
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