मुंबई, 16 जून 2022 भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने गुरुवार को मास्टरकार्ड पर से उस प्रतिबंध को हटा लिया जो उसने पिछले साल स्थानीय डाटा भंडारण मानदंडों का पालन करने में विफल रहने के लिए लगाया था। केंद्रीय बैंक ने अमेरिका-आधारित भुगतान गेटवे मास्टरकार्ड को नए ग्राहकों को तब तक जोड़ने से रोक दिया था जब तक कि वह भुगतान प्रणाली डाटा भंडारण के मानदंडों का अनुपालन नहीं करता।
आरबीआई ने एक बयान में कहा, “मास्टरकार्ड एशिया/पैसिफिक पीटीई लिमिटेड द्वारा भुगतान प्रणाली के डाटा भंडारण के संतोषजनक अनुपालन को देखते हुए नए घरेलू ग्राहकों के ऑन बोर्डिंग पर लगाए गए प्रतिबंध तत्काल प्रभाव से हटा लिए गए हैं।” आरबीआई ने 22 जुलाई 2021 से मास्टरकार्ड एशिया/पैसिफिक पीटीई को अपने कार्ड नेटवर्क पर नए घरेलू ग्राहकों (डेबिट, क्रेडिट या प्रीपेड) की ऑन-बोर्डिंग से रोक दिया था।
खुद-ब-खुद होने वाले भुगतान की सीमा बढ़ाईइस बीच आरबीआई ने इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से कार्ड, प्रीपेड और यूपीआई के जरिए व्यक्ति की मंजूरी पर नियमित अंतराल पर विभिन्न सेवाओं के लिए खुद-ब-खुद होने वाले भुगतान को लेकर सत्यापन की अतिरिक्त व्यवस्था 5,000 रुपये से बढ़ाकर 15,000 रुपये कर दी है। इसका मतलब है कि अब हर 15,000 रुपये के लेनदेन के भुगतान के लिए अतिरिक्त सत्यापन की आवश्यकता नहीं होगी।
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