कोरबा@शिक्षकों के कमी के बीच जर्जर शासकीय स्कूलों में भविष्य गढ़ढ़ने आज से खुले स्कूलों के पट

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कोरबा,16 जून 2022(घटती-घटना)। ढाई माह की ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद 16 जून से स्कूलों के पट खुल गए। शाला प्रवेशोत्सव के साथ ही स्कूलों अध्यापन व्यवस्था शुरू हो गए।। लेकिन जिले के सरकारी स्कूलों में एक बार.फिर से शिक्षकों से लेकर संसाधनों की कमी की समस्या गूंजेगी। करोड़ों रुपए खर्च करने, लाख प्रयास के बाद भी सरकारी स्कूलों की सेहत अभी भी खराब है ,अभावों के बीच बच्चों को अपने भविष्य की बुनियाद गढ़ने विद्यार्जन करना पड़ेगा। आदिवासी बाहुल्य एवं देश के 110 पिछड़े (आकांक्षी)जिलों में शामिल कोरबा में शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने अभी भी काफी कुछ करने की दरकार है। 18 अप्रैल को हुई बैठक में उपलब्ध कराई गई जानकारी के अनुसार बात करें तो अधोसंरनात्मक कमियों की तो 8 स्कूल भवन विहीन हैं। इनमें 3 पूर्व माध्यमिक शाला ,5 हाईस्कूल शामिल हैं। 225 स्कूल भवन अति जर्जर ( डिस्मेंटल योग्य ) हैं। इनमें 175 प्राथमिक शाला ,44 पूर्व माध्यमिक शाला ,1 हाईस्कूल ,5 हायर सेकेंडरी स्कूल शामिल हैं।।वहीं जर्जर मरम्मत योग्य स्कूल भवनों की बात करें तो, ऐसे स्कूलों की संख्या 645 है। इनमें 414 प्राथमिक शाला ,194 पूर्व माध्यमिक शाला ,16 हाईस्कूल एवं 21 हायर सेकेण्डरी स्कूल शामिल है। बात करें पेयजल व्यवस्था की तो यहां भी काफी कार्य करने की जरूरत है । 439 शालाओं में रनिंग वाटर / पेयजल सुविधा दी जानी है, लेकिन इनमें से 266 स्कूलों में रनिंग वाटर की सुविधा नहीं है। इनमें करतला ब्लाक के 54 ,कटघोरा के 19 ,कोरबा के 68 एवं पाली के 125 शाला शामिल हैं। इसी तरह 38 स्कूलों में हैंडपम्प बोर की सुविधा नहीं है। इनमें करतला ब्लाक के 5 स्कूल ,कटघोरा के 2 ,कोरबा के 11 एवं पाली के 20 स्कूल शामिल हैं। 410 ग्राम पंचायतों को मॉडल शौचालय निर्माण हेतु चयनित किया गया है। वहीं नगरीय निकायों में 77 वार्ड इस कार्य के लिए चयन किए गए हैं। सरस्वती साइकिल वितरण शत प्रतिशत किए जाने ,संलग्नीकरण पूर्णतः समाप्त किए जाने के दावों की वास्तविकता भी जल्द ही स्कूलों के निरीक्षण के दौरान सामने आएगी। जिले के पूर्व माध्यमिक शाला भी शिक्षकों की कमी से जूझ रहे हैं। जिले में शिक्षकों के 2339 पद स्वीकृत हैं। इनमें से 794 (करीब 34 फीसदी)पद रिक्त हैं। इनमें पोंडी उपरोड़ा ब्लाक के सर्वाधिक 234 पद नहीं भरे जा सके। कोरबा के 178 ,पाली के 151,करतला के 118 एवं कटघोरा के 113 पद रिक्त हैं। इसी तरह प्रधान पाठकों के स्वीकृत पदों में से करीब 30 फीसदी पद खाली हैं। 517 पदों में से 155 पद नहीं भरे जा सके। इनमें भी वनांचल ब्लाक पोंडी उपरोड़ा के सर्वाधिक 91 स्कूल शामिल हैं। पाली ब्लॉक से 30 स्कूल , कोरबा ब्लॉक से 15 स्कूल ,कटघोरा ब्लॉक से 10 स्कूल एवं करतला ब्लॉक के 9 स्कूल प्रधानपाठक विहीन हैं। जहां प्रभारियों के भरोसे स्कूल चल रहे हैं। माध्यमिक शाला से ही बच्चे हाईस्कूल में जाते हैं। यहीं बच्चों की बौद्धिक क्षमता का विकास होता है, जो उन्हें आगामी बोर्ड परीक्षा के लिए तैयार करता है। ऐसे में शिक्षकों प्रधानपाठकों की कमी का असर शिक्षा व्यवस्था पर भी पड़ता है। इस वर्ष बोर्ड परीक्षा के नतीजों ने साबित कर दिया ,कोरबा जिले से दोनों बोर्ड में एक भी परीक्षार्थी प्रावीण्य सूची में स्थान नहीं बना सके, जो जिले के शिक्षा व्यवस्था के दावों को दर्शाता है।


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