कोरबा@कोरबा में रेलवे राजस्व अर्जित करने में जुटा यात्री के समस्याओं से है नहीं कोई सरोकार

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रेलवे आरक्षण केंद्र में टूटी कुर्सियां,गायब पंखे,सिंगल
काउंटर के बीच भीषण गर्मी में यात्री टिकट बुक करने मजबूर
-राजा मुखर्जी-
कोरबा, 12 जून 2022 (घटती-घटना)।सिंगल काउंटर,टूटी कुर्सियां,10 में से गायब 6 पंखे के.बीच.पसीने से तरबतर होकर यात्रा के लिए रिजर्वेशन कराते यात्री। दो रिजर्वेशन फॉर्म मांगने असुविधा पर एतराज जताने पर मिलती है फटकार । यहां रेलवे को सिर्फ और सिर्फ अपने राजस्व (कमाई) से मतलब है, यात्रियों की समस्याओं से नहीं है कोई सरोकार । यह नजारा कहीं और का नहीं देश को कोयला ढुलाई से सर्वाधिक राजस्व देकर कई राज्यों की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने वाला कोरबा की तस्वीर है। जहां की जनता न केवल यात्री ट्रेनों के लिए संघर्षरत है वरन जो ट्रेन की सुविधा मिल रही उसमें यात्रा के लिए भी आरक्षण केंद्रों में भीषण गर्मी में टिकट बुक कराने तर बतर हो रही है।10 में से 6 पंखे गायब,उनमें से 4 पंखे जो बुकिंग काउंटर एक व दो के पास लगे थे वो गायब थे। लोगों के बैठने तक के लिए जगह नहीं थी। यहीं नहीं, रेलवे दो काउंटर को अलग अलग समय पर आरक्षण के लिए तय कर रखी है। खिडक़ी क्रमांक 1 प्रात: 8 बजे से दोपहर 2.45 बजे एवं 3 बजे से रात 10 बजे तक आरक्षण के लिए खुला रहता है। इस बीच दोपहर 12 से 12.20 बजे एवं शाम 5 से 5.20 बजे तक चाय अवकाश रहता है। इसी तरह खिडक़ी क्रमांक 2 प्रात: 8 बजे से दोपहर 12 बजे एवं शाम 6 बजे से रात 8 बजे तक ,रविवार को प्रात: 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक आरक्षण के लिए खुला रहता है। इस बीच दोपहर 12 से 12.20 बजे तक चाय अवकाश रहता है। दोनों रिजर्वेशन काउंटर एक साथ नहीं खुलने का खामियाजा गर्मी में टिकट बुक कराने आने वाले यात्रियों को भुगतना पड़ रहा। पिक सीजन होने की वजह से लंबी दूरी की यात्रा के लिए आरक्षण के लिए घण्टों लाइन में लगनी पड़ रही। पंखे नहीं होने की वजह से लाइन में पसीने से तर बतर होकर लोग अपनी बारी का इंतजार करते नजर आए। यही नहीं जब बुकिंग काउंटर पर यात्री पहुंचे तो उन्हें सिर्फ एक फार्म ही उपलब्ध कराया गया। उसके लिए भी उन्हें कई मर्तबा आवाज देनी पड़ी। एक से अधिक फार्म की मांग करने वालों को बाहर से फ़ोटो कॉपी करा लेने की सलाह दी गई। हद तो तब हो जाती है जब एक व्यक्ति एक से अधिक जगह की यात्रा के लिए एक से अधिक फार्म भरकर घण्टों कतार में खड़ा होकर काउंटर पर पहुंचे तो उन्हें एक फार्म में ही टिकट बुक करने के नियमों का हवाला देकर पुन: कतार में लगकर आने की सलाह दी गई। इसके पीछे रेलवे अपने नियमों का भले हवाला दे,पर जनता बेहद परेशान दिखी। अगर जल्द व्यवस्था दुरुस्त नहीं हुई तो,आरक्षण केंद्र में ही किसी दिन कर्मियों को जनाक्रोश का सामना करना देखनढ्ढ पड़ सकता है।


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