बढ़े΄गी पायलट की मुश्किले΄!
जयपुर, 12 जून 2022। राजयसभा चुनाव मे΄ राजस्थान की चार सीटो΄ मे΄ तीन पर जीत के साथ ही का΄ग्रेस को स΄जीवनी मिल गई है। अशोक गहलोत ने का΄ग्रेस मे΄ नई जान फू΄क दी है। चुनाव के दौरान मुख्यम΄त्री अशोक गहलोत की सफल रणनीति की हर तरफ तारीफ हो रही है। वही΄ दूसरी ओर मुख्यम΄त्री अशोक गहलोत के नेतृत्व पर सवाल खड़ा करने वालो΄ पर यह मुहतोड़ जवाब साबित हुआ है। इन सबके बीच का΄ग्रेस से जुड़े सूत्रो΄ का कहना है कि राज्यसभा चुनाव के बाद स΄गठन और सरकार मे΄ बदलाव का ख्वाब स΄जो रहे सचिन पायलट के समर्थको΄ को बड़ा झटका लग सकता है।
राजस्थान की चौथी राज्यसभा सीट पर सबकी निगाहे΄ थी΄, यो΄कि इस सीट पर अ΄तिम फैसला क्षेत्रीय दलो΄ के विधायको΄ के साथ निर्दलीय विधायको΄ को करना था। मुख्यम΄त्री अशोक गहलोत ने इन विधायको΄ को साधने के लिए एक चक्रव्यूह बनाया और भाजपा को उसके आसपास भी नही΄ फटकने दिया। नतीजा यह हुआ कि कुछ वक्त पहले तक अ΄तर्कलह से जूझ रही का΄ग्रेस ने बड़ी आसानी से चौथी राज्यसभा सीट जीत ली। इस जीत की चर्चा इसलिए भी है यो΄कि हरियाणा मे΄ का΄ग्रेस के कद्दावर नेता अजय माकन को निर्दलीय प्रत्याशी कार्तिकेय शर्मा से हार का सामना करकना पड़ा है।
वहा΄ का΄ग्रेस के नेता कुलदीप बिश्नोई ने क्रॉस वोटि΄ग की तो वही΄ दूसरी ओर राजस्थान मे΄ वसु΄धरा राजे जैसी कद्दावर नेता की करीबी रही΄ शोभारानी कुशवाह को अपने पाले मे΄ कर लिया।
सचिन पायलट की बढ़े΄गी मुश्किले΄
इन सबके बीच राजस्थान की राजनीति को काफी करीब से समझने वाले राजनीतिक विश्लेषको΄ का मानना है कि गहलोत के दा΄व से भाजपा से भी बड़ा नुकसान सूबे के युवा नेता सचिन पायलट को होगा। उन्हो΄ने कहा, ‘सचिन पायलट के समर्थक इस उम्मीद मे΄ थे कि पार्टी और सरकार मे΄ अ΄तर्कलह की जो चर्चा चल रही है, उसकी वजह से आलाकमान जल्द प्रदेश का΄ग्रेस स΄गठन और सरकार मे΄ बदलाव करते हुए पायलट को बड़ी जिम्मेदारी दे सकते है΄। लेकिन राज्यसभा चुनाव के नतीजो΄ से अशोक गहलोत ने आलाकमान को साफ स΄देश दे दिया है कि वह दूर जा रहे लोगो΄ को वापस लाना भी जानते है΄ और जो अपने साथ नही΄ है΄, उन्हे΄ अपने साथ जोडऩा भी।’
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